सैलरी अकाउंट को सेविंग अकाउंट में कैसे बदलें?
पैसा हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग है। यह अस्तित्व के लिए अति आवश्यक चीजों में से एक है। पैसे के बिना जीवन की दैनिक गतिविधियों को जारी रखना भी मुश्किल होगा। बैंक एक ऐसी वित्तीय संस्था है जहां व्यक्ति अपने पैसे को जमा कर सकता है या वापस निकाल सकता है। किसी भी देश की वित्तीय स्थिरता को आकार देने में बैंक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। बैंक में कई प्रकार के खाते खोले जाते हैं, सैलरी खाता उनमें से एक खाते का प्रकार है। यहां पर आपको हम बताएंगे की कैसे आप अपने सैलरी खाते को बचत बैंक खाते में बदल सकते हैं।
सैलरी अकाउंट या वेतन खाता क्या है?
वेतन एक कंपनी से एक कर्मचारी को प्राप्त होने वाले भुगतान का एक रूप है, जो आमतौर पर जॉब कांट्रैक्ट में उल्लेखित होता है। कर्मचारी को वेतन देने के लिए कंपनी द्वारा बनाए गए खाते को वेतन खाता कहते हैं। भारत के अधिकांश बैंकों में ऐसे व्यक्तियों का वेतन खाते हैं जो विभिन्न क्षेत्रों में काम करते हैं। इसे शून्य बैलेंस खाता भी कहा जाता है।
वेतन खाते की विशेषताएं
वेतन खाते की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- कंपनी द्वारा कर्मचारी की ओर से वेतन खाता खोला जाता है।
- कर्मचारी के वेतन को क्रेडिट करना प्राथमिक उद्देश्य होता है।
- वेतन खाते में न्यूनतम बैलेंस को बनाए रखने की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
- वेतन खाते में कोई ब्याज भी नहीं दिया जाता है।
- यदि वेतन लगातार तीन महीनों तक जमा नहीं होता है तो एक वेतन खाते को बचत खाते के रूप में माना जाएगा।
बचत बैंक खाता क्या है?
बचत बैंक खाता या सेविंग बैंक अकाउंट किसी रीटेल बैंक में एक डिपॉजिट अकाउंट है, जो जमा राशि पर ब्याज देता है, लेकिन इसे एक्सचेंज के माध्यम से धन रूप में सीधे इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। इस तरह के खातों को ब्याज अर्जित करने हेतु अपनी तरल परिसंपत्तियों के एक अंश को अलग रखना होता है।
बचत बैंक खाता की विशेषताएं
बचत बैंक खाते की विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
1-खाते का एकमात्र उद्देश्य लोगों में बचत को प्रोत्साहित करना है।
2-कोई भी बचत बैंक खाता खोल सकता है।
3-जमाकर्ता को खाते में एक न्यूनतम राशि को बनाए रखना होता है।
4-इस बचत राशि पर ब्याज देय होता है
5-बचत बैंक खाते में ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति नहीं होती।
6-यह वेतनभोगी के लिए आदर्श खाता है।
वेतन खाते को बचत खाते के रूप में कैसे परिवर्तित करें?
एक कंपनी, कर्मचारी के बैंक खाते में वेतन को मासिक आधार पर जमा करेगी। यदि वेतन तीन महीने से अधिक समय तक कर्मचारियों के बैंक खाते में जमा नहीं होता है तो वह वेतन खाता, बचत बैंक खाते के रूप में माना जाएगा। बैंक उस खाते को बचत बैंक खाते के रूप में मानेगा और एक बचत बैंक खाते पर लागू होने वाले सभी नियम और विनियम अब ऐसे सैलरी अकाउंट्स पर लागू होगें जो सेविंग बैंक अकाउंट के रूप में परिवर्तित हो जाते हैं।
परिवर्तन के बाद
हलांकि वेतन खाते का समझौता बैंक और खाता धारक के बीच हुआ होता है, पर वेतन खाते के परिवर्तन के बाद के वह व्यक्ति वेतन खाते के समान लाभ नहीं पा सकेगा। वेतन खाते को बचत खाते में परिवर्तित करने से पहले खाताधारक को कुछ चीजें याद रखनी चाहिए जो कि हम आपको आगे की स्लाइड में बताएंगे।
न्यूनतम बैलेंस राशि की आवश्यकता
बचत खातों में आमतौर पर धारक को संबंधित बचत खाते में न्यूनतम बैलेंस शेष के रूप में एक निश्चित राशि को बनाए रखने की आवश्यकता होती है। जब भी आप किसी वेतन खाते को बचत बैंक खाते में परिवर्तित करें तो खाते को बनाए रखने के लिए आवश्यक न्यूनतम बैलेंस राशि को पहले से पता कर लेना बेहतर होता है। यह जरूरी है क्योंकि बैंक दंड के रूप में भारी शुल्क लेते हैं यदि किसी बचत बैंक खाते में न्यूनतम बैलेंस राशि नहीं रखी जाती है। बचत बैंक खाते में रखी जाने वाली न्यूनतम बैलेंस राशि भारत के सभी बैंकों में अलग-अलग होती है।
उदाहरण के लिए, एक्सिस बैंक जैसे निजी बैंक में खाताधारक को 10,000 रुपये की न्यूनतम बैलेंस राशि रखने की आवश्यकता होती है। स्टैंडर्ड चार्टर्ड जैसे अंतर्राष्ट्रीय बैंक में खाताधारकों को 25,000 रुपये की न्यूनतम बैलेंस राशि रखने की आवश्यकता होती है।
बैंक शाखा और एटीएम की संख्या
बैंक की पसंद को प्रभावित करने वाले प्राथमिक कारक के रूप में बैंक तक पहुंच प्रमुख है। वेतन खाते को बैंक खाते में परिवर्तित करने से पहले, यह पता लगा लेना जरूरी होता है कि बैंक के पास पर्याप्त शाखाएं और एटीएम हैं कि नहीं। यह विशेष रूप से आपातकालीन आवश्यकता के समय सुरक्षित बैंकिंग की सुविधा के लिए जरूरी होता है।