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वैकल्पिक (Alternative) निवेश फंड क्या हैं?

By Pratima
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ऐसी कई निवेश संस्थाएं हैं जहां आप विभिन्न प्रकार से संपत्ति का निवेश कर सकते हैं। ये निवेश संस्थाएं पारंपरिक निवेश संस्थाओं से अलग हैं एवं इन्हें वैकल्पिक निवेश श्रेणी के क्षेत्र में रखा गया है। अधिनियम के कारण इन संस्थानों को वर्गीकृत करने की आवश्यकता पड़ी। वित्तीय प्रणाली की समग्र सुरक्षा और अर्थव्यवस्था के विकास के लिए प्रत्येक वित्तीय इकाई का अच्छी तरह विनियमन आवश्यक है।

अल्‍टरनेटिव निवेश की श्रेणी

अल्‍टरनेटिव निवेश की श्रेणी

इसका वैकल्पिक नाम होना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दर्शाता है कि AIFs पारंपरिक संस्थाओं जैसे म्यूचल फंड्स, पेंशन फंड्स, बीमा कंपनी आदि जैसे नहीं हैं। निवेश का कोई भी ऐसा प्रकार जो पारंपरिक निवेश की पद्धतियों से अलग है, वैकल्पिक निवेश की श्रेणी में आता है।

वैकल्पिक निवेश फंड्स क्या हैं?

वैकल्पिक निवेश फंड्स क्या हैं?

वैकल्पिक निवेश निधि निवेश संस्थाओं का ऐसा वर्ग है जो निवेश संस्थाओं के लिए सेबी के सामान्य नियामक ढांचे के अंतर्गत नहीं आते। AIFs से तात्पर्य किसी भी निजी सामूहिक निवेश फंड से है- जैसे कोई ट्रस्ट या कंपनी या कॉर्पोरेट बॉडी या LLP (लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप) जो आरबीआई, सेबी, इरडा और पीएफआरडीए के नियामकों के अंतर्गत न आती हो। ये भारतीय या विदेशी भी हो सकते हैं।

एआईएफ

एआईएफ

एआईएफ की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि ये जरूरत के अनुकूल बनाये गए होते हैं जैसे प्राइवेट इक्विटीज जो निवेश के अवसरों का उपयोग करने का लक्ष्य रखते हैं। इस प्रकार एआईएफ निजी निवेश इकाई है। इस प्रकार एआईएफ में प्राइवेट इक्विटीज, वेंचर केपिटल फंड, हेज फंड्स, कमोडिटी फंड्स, डेब्ट फंड्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड्स आदि शामिल हैं।

इनमें से अधिकांश इक्विटीज बड़े कॉर्पोरेट समूहों या अमीर व्यक्तियों के स्वामित्व वाली हैं। प्राइवेट इक्विटीज जैसे ब्लैकस्टोन और KKR (कोहल्बेर्ग क्रविस रोबर्ट्स) एआईएफ के उदाहरण हैं। कई मल्टीनेशनल बैंकों के भी एआईएफ हैं। वेंचर केपिटल फंड्स और एंजेल इन्वेस्टर्स भी एआईएफ की श्रेणी में आते हैं।

 

एआईएफ का नियमन

एआईएफ का नियमन

मई 2012 में सेबी ने एआईएफ के लिए दिशा निर्देश बनाये थे जिसके अनुसार भारत में स्थापित फंड्स के लिए किसी भारतीय या विदेशी निवेशकों द्वारा किया गया पूंजी निवेश पूर्व निर्धारित पॉलिसी के अनुसार ही होगा।

एआईएफ की तीन श्रेणियां

एआईएफ की तीन श्रेणियां

2014 में सेबी ने निर्णय लिया कि सूचीबद्ध कंपनियों के प्रमोटर एआईएफ को 10 प्रतिशत तक इक्विटी शेयर कर सकते हैं। जैसे एसएमई फंड्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड्स, पीई फंड्स और वेंचर केपिटल फंड्स जो न्यूनतम 25% सार्वजनिक हिस्सेदारी हासिल करने के लिए पंजीकृत हैं।

सेबी के दिशा निर्देशों के तहत एआईएफ को तीन श्रेणियों में बांटा जाता है। सेबी के नियम सभी एआईएफ के लिए लागू होते हैं इसमें प्राइवेट इक्विटी फंड, रियल एस्टेट फंड और हेज फंड शामिल हैं।

 

श्रेणी I

श्रेणी I

श्रेणी I में वे एआईएफ आते हैं जो अर्थव्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव पैदा करते हैं और इसके लिए उन्हें सरकार, सेबी या अन्य नियामकों से प्रोत्साहन भी मिलता है। इसमें सोशल वेंचर फंड्स, इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड्स, वेंचर केपिटल फंड्स, एंजेल इन्वेस्टर्स, एसएमई फंड्स आदि शामिल हैं।

श्रेणी II

श्रेणी II

श्रेणी II में वे फंड्स आते हैं जिन्हें सरकार या अन्य नियामकों द्वारा कोई प्रोत्साहन या रियायत नहीं दी जाती। इस श्रेणी के अन्तर्गत आने वाली संस्थाएं हैं: प्राइवेट इक्विटी फंड्स, डेब्ट फंड्स, फण्ड ऑफ़ फंड्स और अन्य ऐसे फंड्स जो श्रेणी I और श्रेणी III के तहत नहीं आते हैं। ये फंड्स सीमित अवधि के लिए होने चाहिए और इन्हें किसी भी प्रकार के लाभ में संलग्न नहीं होना चाहिए।

श्रेणी III

श्रेणी III

श्रेणी III के एआईएफ में हेज फंड्स जैसी संस्थाएं आती हैं जो अल्पावधि में रिटर्न्स मिलने के लक्ष्य से व्यापार करती हैं। वे जटिल व विविध व्यापारिक रणनीतियों का इस्तेमाल करती है तथा वे सूचीबद्ध या असूचीबद्ध डेरिवेटिव में निवेश सहित लाभ उठाते हैं।

2015 के बजट में सरकार ने एआईएफ में विदेशी निवेश को अनुमति दी थी। अब एआईएफ में विदेशी निवेश की भी अनुमति है जो एक रजिस्टर्ड ट्रस्ट, कॉर्पोरेट कंपनी की तरह स्ट्रकचर्ड कंपनी या लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप भी हो सकती है। इस निर्णय के अनुसार विदेशी निवेश को ट्रस्ट या निगमित कंपनियों या एलएलपी या बॉडी कॉर्पोरेट की तरह स्थापित किया जाएगा और उन्हें सेबी के सेबी (एआईएफ) नियामक 2012 के तहत पंजीकृत किया जाएगा।

यही एफडीआई नीति और फेमा नियामकों पर भी लागू होगा जिसमें विदेशी निवेश सहित एआईएफ की इकाईयों के माध्यम से एक ट्रस्ट स्थापित किया जाएगा जो सेबी के नियामकों के अनुसार होगा।

 

English summary

What are Alternative Investment Funds In Hindi?

Know about alternative investment funds in detail.
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