इनकम टैक्स स्लैब (Income Tax Slab) 2018-19 के बारे में पूरी जानकारी
एक नौकरीपेशा व्यक्ति हमेशा आयकर यानि इनकम टैक्स को लेकर सतर्क रहता है। तमाम लोग जो नौकरी कर रहे हैं उन्हें इसके बारे में पूरी जानकारी रहती है पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें आयकर का 'गणित' समझ में नहीं आता है। अगर वह इसके लिए आयकर की वेबसाइट से भी जानकारी जुटाते हैं तो वहां भी कठिन भाषा में लोगों को आयकर से जुड़े लेख मिलते हैं। यहां हमारी ये कोशिश रहेगी कि हम आप तक आयकर से जुड़ी जानकारी सीधी-सरल भाषा में आप तक पहुंचाएं ताकि आपको भी इससे जुड़े बिंदुओं का पूरी विवरण मिल सके।
आयकर क्या है?
आयकर (इनकम टैक्स/Income Tax) वह कर है जो सरकार लोगों की आय पर आय में से लेती है। आयकर सरकारों के क्षेत्राधिकार के भीतर स्थित सभी संस्थाओं द्वारा उत्पन्न वित्तीय आय पर लागू होता है। कानून के अनुसार, प्रत्येक व्यवसाय और व्यक्ति कर देने या एक कर वापसी के लिए पात्र हैं, और उन्हें हर साल एक आयकर रिटर्न फाइल करना होता है। आयकर धन का एक महत्वपूर्ण स्रोत है जिसे सरकार अपनी गतिविधियों निधि और जनता की सेवा करने के लिए उपयोग करता है।
आयकर का वर्गीकरण
भारत में आयकर को तीन प्रमुख बिंदुओं में बांटा गया है।
- महिला और पुरुष जिनकी आयु 60 साल से कम है।
- वरिष्ठ नागरिक (सीनियर सिटिजन) जिनकी आयु 60 साल से 80 साल के बीच है।
- अति वरिष्ठ नागरिक जिनकी आयु 80 साल से अधिक है।
- 0% (शून्य प्रतिशत) टैक्स
- 5% (पांच प्रतिशत) टैक्स
- 20% (बीस प्रतिशत) टैक्स
- 30% (तीस प्रतिशत) टैक्स
आइए अब एक-एक करके सभी आयु वर्ग के लोगों की आय के अनुसार उनके इनकम टैक्स स्लैब को देखते हैं। आयकर में 4 तरह के टैक्स स्लैब होते हैं, इसके अलावा हाई इनकम वाले लोगों को आयकर और सरचार्ज भी देना होता है, साथ ही सेस भी अदा करना जरूरी है।
टैक्स स्लैब
भारत में आयकर यानि इनकम टैक्स के लिए 4 प्रमुख टैक्स स्लैब हैं।
इसके अलावा सरचार्ज और सेस भी हैं, जिनके बारे में हम आपको आगे बताएंगे। अभी हम आपको यहां बता रहे हैं कि आपकी वार्षिक इनकम के हिसाब से कितना आयकर लगेगा।
0% (शून्य प्रतिशत) टैक्स स्लैब
यदि आपकी आय 2.5 लाख रुपए वार्षिक है तो आपको आयकर के नियमों के हिसाब से शून्य प्रतिशत टैक्स अदा करना होगा। यहां हम आपको ये बात बता देना चाहते हैं कि आयकर के नियमों के अनुसार यदि आप शून्य प्रतिशत टैक्स अदायगी की श्रेणी में आते हैं तो भी आपको जीरो टैक्स रिटर्न जरूर फाइल करना चाहिए।
5% (पांच प्रतिशत) टैक्स
जिन लोगों की वार्षिक आय 2.5 लाख रुपए से अधिक और 5 लाख रुपए तक है उन्हें आयकर के अनुसार 5 प्रतिशत टैक्स अदा करना पड़ता है। पहले ये स्लैब 10 प्रतिशत था जिसे साल 2017 में कम करके 5 प्रतिशत कर दिया गया।
20% (बीस प्रतिशत) टैक्स
यदि आपकी वार्षिक आय 5 लाख रुपए से अधिक है और 10 लाख रुपए तक है तो आपको आयकर के नियमों के अनुसार 20 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
30% (तीस प्रतिशत) टैक्स
यदि आपकी सालाना आय 10 लाख रुपए से अधिक है और 50 लाख रुपए से कम है तो आपको आयकर के नियमों के अनुसार 30 प्रतिशत तक आयकर अदा करना पड़ेगा।
आयकर, सरचार्ज और सेस
यहां पर हम उन लोगों के बारे में बता रहे हैं जिनकी आय 50 लाख रुपए से अधिक और 1 करोड़ रुपए तक सालाना है। इस आय वर्ग के लोगों को 30 प्रतिशत आयकर देना होता है साथ ही 10 प्रतिशत का अतिरिक्त सरचार्ज भी देना होता है। वहीं जिन लोगों की वार्षिक आय 1 करोड़ रुपए से अधिक होती है उन्हें 30 प्रतिशत आयकर के अलावा 15 प्रतिशत सर चार्ज और 3 प्रतिशत सेस भी अदा करना पड़ता है। सरचार्ज और सेस आयकर की 30 प्रतिशत राशि पर दिए जाते हैं।
वरिष्ठ नागरिक के लिए टैक्स स्लैब (60 वर्ष से अधिक)
वरिष्ठ नागरिक के लिए 3 लाख तक की वार्षिक आय पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता है। 5 लाख रुपए तक की आय पर 5 प्रतिशत तक का टैक्स अदा करने का नियम है। वहीं 5 से 10 लाख तक की वार्षिक आय पर 20 प्रतिशत टैक्स अदा करना पड़ता है। 10 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स की अदायगी निर्धारित की गई है। वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय 50 लाख रुपए से अधिक और 1 करोड़ रुपए तक सालाना है उन्हें 30 प्रतिशत आयकर देना होता है साथ ही 10 प्रतिशत का अतिरिक्त सरचार्ज भी देना होता है। जिन वरिष्ठ नागरिकों की वार्षिक आय 1 करोड़ रुपए से अधिक होती है उन्हें 30 प्रतिशत आयकर के अलावा 15 प्रतिशत सर चार्ज और 3 प्रतिशत सेस भी अदा करना पड़ता है।
अति वरिष्ठ नागरिक (80 वर्ष या अधिक)
अति वरिष्ठ नागरिक के लिए 2.5 लाख तक की वार्षिक आय पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगता है। 5 लाख रुपए तक की आय पर पर भी किसी तरह की टैक्स अदायगी नहीं है। वहीं 5 से 10 लाख तक की वार्षिक आय पर 20 प्रतिशत टैक्स अदा करना पड़ता है। 10 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत टैक्स की अदायगी निर्धारित की गई है। अति वरिष्ठ नागरिक जिनकी आय 1 करोड़ रुपए तक सालाना है उन्हें 30 प्रतिशत आयकर देना होता है साथ ही 15 प्रतिशत का अतिरिक्त सरचार्ज भी देना होता है इसके अलावा 3 प्रतिशत सेस भी अदा करना पड़ता है।