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क्रिप्टोकरेंसी क्या है यहां पर पढि़ए विस्‍तार से

By Pratima
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यह डिजिटल मुद्रा का जमाना है, यह सही समय है की हम क्रिप्टोकरेंसी और उसके भविष्य के बारे मे समझ सकें। 2009 में निर्मित, बिटकॉइन दुनिया में पहली विकेन्द्रीकृत (decentralized) क्रिप्टोकरेंसी थी। बिटकॉइन की वजह से कुछ अवसरवादियों ने कुछ वैकल्पिक क्रिप्टोकरेंसी का भी निर्माण किया जिन्हे आल्ट कॉइन भी कहा जाता है।

 

सितंबर 2017 तक, एक हजार से अधिक क्रिप्टोकरेंसी के अस्तित्व का उल्लेख किया गया था जो कि बिटकॉइन जैसी हैं और बिटकॉइन से मिलकर बनी हैं। लिट कॉइन(Litecoin) और एथेरियम(Ethereum) इनमे महत्वपूर्ण हैं।

इनका मूल्यांकन कैसे होता है?

इनका मूल्यांकन कैसे होता है?

कोई विकेंद्रित क्रिप्टोकरेंसी एक नेटवर्क और विशेष दर पर काम करती है जो उस समय परिभाषित की जाती है। किसी राष्ट्रीय मुद्रा की विनियम दर की तरह, क्रिप्टोकरेंसी का मूल्य भी सार्वजनिक रूप से जाना जाता है।
केंद्रीयकृत मुद्राओं में एक केंद्रीय विनियामक निकाय है (भारतीय रुपय के लिए आरबीआई) जो अपनी आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए इकाइयां छापती है। दूसरी ओर, विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी नई इकाइयों का उत्पादन नहीं कर सकती है और ना ही उन्हे उन संस्थाओं से समर्थन प्राप्त है जो उन इकाइयों मे मापा गया संपत्ति मूल्य रखती हैं।

तो उनका मूल्यांकन कौन करता है?
 

तो उनका मूल्यांकन कौन करता है?

ये नेटवर्क या सिस्टम व्यक्तियों के एक समुदाय द्वारा चलाया जाता है जिन्हें माइनर्स "Miners"कहते हैं। उधारण के तौर पर हम बिटकॉइन को लेते हैं, माइनर्स बैचों में डेटा को व्यवस्थित करते हैं जिसे 'ब्लॉक' (block) कहा जाता है, जिसे 'ब्लॉक श्रृंखला' (block chain) नामक एक सार्वजनिक ख़ाता बही में रखा जाता है। ये बैच एक दूसरे से जुड़कर श्रंखला बनाने के लिए क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करते हैं।

ये श्रंखला दोहराव से बचने में मदद करती है, इसीलिए बिटकॉइन को आज तक का बनाया हुआ सबसे सटीक सिस्टम माना जाता है।

 

माइनिंग क्या है? माइनर्स क्या करते हैं?

माइनिंग क्या है? माइनर्स क्या करते हैं?

जब कोई व्यक्ति बिटकॉइन खरीदता है, तो वही खाता में रिकॉर्ड किया जाता है जो की संपूर्ण नेटवर्क पर सार्वजनिक रूप से दिखाई देता है। एक माइनर दूसरे माइनर के साथ कंप्यूटर प्रोसेसिंग के द्वारा गणित के कठिन समीकरण को हल करके प्रतिस्पर्धा करता है।

किसी ब्लॉक की वैधता को सबसे पहले पता लगाने वाले को पुरस्कृत किया जाता है, वैध ब्लॉक को कालानुक्रमिक क्रम में 'ब्लॉक श्रृंखला' में जोड़ा जाता है। क्रिप्टोकरेंसी लेजर की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए माइनर्स को प्रोत्साहना मिलती है। माइनिंग कम्प्यूटर सिस्टम की प्रसंस्करण शक्तियों पर भी निर्भर करता है जो इसे बड़ा मुश्किल मामला बनाता है।

 

क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में वैध है?

क्या क्रिप्टोकरेंसी भारत में वैध है?

भारतीय सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी के कोई आधिकारिक प्रतिबंध या स्वीकृति नहीं मिली है।

क्रिप्टोकरेंसी को क्या इतना मूल्यवान बनाता है।

क्रिप्टोकरेंसी को क्या इतना मूल्यवान बनाता है।

क्रिप्टोकरेंसी कैप सीमा पर काम करती हैं लिटकॉइन की आपूर्ति 84 मिलियन लिट कॉइन तक सीमित है और बिटकॉइन का 21 मिलियन बिटकॉइन है। Initial Coin ऑफरिंग (आईसीओ) एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा नए क्रिप्टोकरेंसी उद्यमों के लिए धन जुटाया जाता है।

ये मुद्राएं सीमित आपूर्ति के लिए डिज़ाइन की जाती हैं, इस प्रकार मांग के साथ इसके मूल्य में बढ़ोतरी होती है। जब कोई माइनर ब्लॉक की खोज करता है एक बीटकोइन का निर्माण होता है।जटिल गणितीय एल्गोरिदम के साथ, नए ब्लॉकों की पीढ़ी कम हो जाती है, इस प्रकार आपूर्ति सीमित है।

 

क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को क्या आशावादी बनाता है?

क्रिप्टोकरेंसी के भविष्य को क्या आशावादी बनाता है?

बिटकॉइन खनन में मुद्रास्फीति की दर नीचे की ओर बढ़ रही है क्योंकि उनमें से ज्यादातर माइन किए जा चुके हैं। भविष्य में वैकल्पिक क्रिप्टोक्यूर्यूशंस में निवेश करना फायदेमंद साबित हो सकता है।

English summary

Read About Cryptocurrencies in Hindi

Here you will know about Cryptocurrencies and Bitcoin.
Story first published: Monday, December 18, 2017, 10:59 [IST]
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