बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि कैसे बनी ग्लोबल स्वदेशी ब्रांड?
आज से कुछ साल पहले तक सभी लोगों को ब्रांड की इतनी आदत लग चुकी थी कि वो स्वदेशी उत्पादों की ओर ध्यान ही नहीं देते थे और उन्हें हेल्थ के लिए अच्छा भी नहीं मानते थे। इतना कम नहीं था कि तब तक ऑनलाइन शॉपिंग और ई-कॉमर्स ने अपना दबदबा कायम कर लिया। ऐसे में किसी भी स्वदेशी ब्रांड के लिए मार्केट में टिके रहना मुश्किल हो गया था। इन सभी के बावजूद, पतंजलि आयुर्वेद ने मार्केट में कदम रखा और ग्राहकों को तेजी से ब्रांड के फीवर से बाहर निकालकर उन्हें अपनी ओर आकर्षित कर लिया। इन दिनों पंतजलि भारत के शीर्ष एफएमसीजी कम्पनियों में से एक है। या यूं कहें कि पतंजलि अब एक ग्लोबल स्वदेशी ब्रांड बन गया है। आखिर क्या है बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद की सफलता का राज आइए जानते हैं।
नेचुरल प्रोडक्ट्स बने USP
इस ब्रांड ने किसी एक टारगेट को हिट नहीं किया बल्कि इन्होंने नेचुरल प्रोडक्ट को यूएसपी बनाकर मार्केट में धूम मचा दी। ये प्रोडक्ट, अपनी लाइन प्रोडक्ट के मुकाबले कहीं ज्यादा सस्ते और बेहतर हैं। इकोनॉमिक टाइम्स ने इस बारे में मैरिको के पूर्व सीईओ मि. मिलिंद सारवाटे के हवाले से लिखा है कि, पतंजलि के प्रोडक्ट कॉन्सेप्ट को इसकी ब्रांड चार्जिंग प्रीमियम ने बदल दिया।
प्रोडक्ट को बनाया बेहतर
पतंजलि ने कस्टमर को टारगेट न करके अपने प्रोडक्ट पर ध्यान दिया ताकि वो हर तरह के कस्टमर को हिट कर सकें। इसका बढ़-चढ़ कर विज्ञापन करने से पहले उन्होंने इसे कस्टकमर तक पहुंचा दिया। इसके बाद ही उन्होंने इसका प्रचार किया। इससे उन्हें पॉजिटिव पब्लिसिटी मिली।
प्रमुख उत्पाद पर ध्यान
पंतजलि के दो प्रमुख उत्पादों में से घी और टूथपेस्ट सबसे प्रमुख हैं - जिन्हें देश-दुनिया के कई लोगों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और इसने मल्टीनेशनल कम्पनियों तक को टक्कर दे दी है। हाल ही में हुए एक सर्वे के अनुसार, जिसे स्पार्क कैपिटल के द्वारा किया गया था, कि कम समय में वितरण करना कठिन होता है लेकिन अगर आप ऐसा कर दिखाते हैं तो आप सफल हो जाते हैं और पतंजलि ने ऐसा कर दिखाया।
एक मजबूत ब्रांड एम्बेस्डर
पतंजलि ने किसी को भी ब्रांड एम्बेस्डर नहीं बनाया बल्कि खुद ही उन्होंने उत्पाद की विशेषता को सरल तरीके से पेश करते हुए लोगों के सामने पतंजलि का एड किया। इससे उनकी और लोगों की कनेक्टिीविटी आपस में बढ़ी। पिछली साल मैगी के बंद होने के बाद सभी ने देखा कि किस तरह ब्रांड एम्बेस्डर के ऊपर उंगली उठाई गई थी।
ग्राहकों को भाया
सबसे ज्यादा जरूरी ग्राहक को प्रोडक्टस पसंद आना होता है। जो कि पतंजलि के मामले में सकारात्मक रहा और लोगों को इसके उत्पाद कम दाम पर पसंद आएं। ये एफएमएसजी कम्पनियों को याद दिलाता है कि पीक मार्जिन, ग्राहकों की कीमत पर टिका नहीं रह सकता है।
नवाचार के लिए स्कोप
पतंजलि ने मार्केट में नए आयाम स्थापित किए हैं जिसने बता दिया कि ग्राहकों के दिल में जगह बनाने के लिए उनके मन को जीतना होता है जो कि आप सही प्रोडक्ट को लांच करके ही कर सकते हैं न कि बड़े-बड़े प्रमोशन से।
मार्केट में बनाई जगह
हाई क्लस्टर और मार्केट में अच्छी पहुंच होने के बाद कई प्रोडक्ट मार्केट में अब डूबते नज़र आ रहे हैं और उनकी जगह पतंजलि ने ले ली। जैसे मैगी, टूथपेस्ट, घी और शहद के क्षेत्र में पतंजलि आयुर्वेद के प्रोडक्ट्स अब मल्टीनेशनल कंपनियों को सीधी टक्कर दे रहे हैं। इससे ये पता चलता है कि नए लक्ष्यों और तरीकों के लिए मार्केट में हमेशा जगह है। ये सभी एफएमएसजी प्रोडक्ट कम्पनियों के लिए एक लक्ष्य है।
10 हजार करोड़ का व्यापार
पतंजलि ने पिछले चार सालों में बहुत विकास किया है और 10,000 करोड़ के व्यापार को खड़ा कर लिया है। साथ पतंजलि आयुर्वेद का लक्ष्य है कि वह आने वाले 2 साल में देश की सबसे बड़ी FMCG कंपनी बनकर खड़ी हो जाए।
लोगों के बीच पहुंच
यहां एक बात ये साफ कि फॉर्मल मैनेजमेंट हर मामले में सही नहीं रहता है। पतंजलि ने पहले अपने प्रोडक्ट्स को घर-घर पहुंचाया बाद में उसका प्रचार किया। पतंजलि की क्वालिटी और कम दाम के चलते ही आम नागरिक ही पतंजलि का ब्रांड ऐंबेस्डर बन गया।