बिजली, स्वास्थ्य, खेती और पानी की तलाश में एक अरबपति
अगर आप अरबपति हैं तो आपको किसी बात की चिंता नहीं करनी पड़ती है सिवाय इस बात के कि आप हमेशा अरबपति बने रहें। पर इसी दुनिया में एक ऐसा अरबपति भी है जो पानी की तलाश में है, जिसे सबके अच्छे स्वास्थ्य की चिंता है, जो खेती को और आसान और उन्नत बनाना चाहता है और जिसे चिंता है कि हर घर का अंधेरा दूर हो और वहां रौशनी की मुस्कान बिखरती रहे। ये अरबपति हैं भारतीय मूल के अमेरिकी व्यवसायी मनोज भार्गव।
मनोज भार्गव अब एक अरबपति से एक समाजसेवी बनने की राह पर हैं। वह भारत में हंस फाउंडेशन के जरिए दूर दराज के इलाकों में बिजली, स्वास्थ्य, खेती और पानी की सरल उपलब्धता पर काम कर रहे हैं। मनोज भार्गव एक अरबपति, एक समाजसेवी होने के अलावा एक अनुसंधानकर्ता भी हैं। मनोज भार्गव ने लोगों के जीवन को आसान बनाने वाले कई उपकण भी बनाए हैं जिनके बारे में हम आपको इस लेख में आगे बताएंगे।
जन्म और शुरुआती दिन
मनोज भार्गव का जन्म भारत में उत्तरप्रदेश की राजधानी लखनऊ में सन् 1953 में हुआ। 14 साल की उम्र में मनोज भार्गव अमेरिका चले गए। उस दौरान उनका अमेरिका से भारत कई बार आना जाना हुआ। 1967 में मनोज भार्गव का परिवार अमेरिका के फिलाडेल्फिया चला गया। मनोज भार्गव ने वहां अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की और 1972 में अमेरिका के प्रतिष्ठित प्रिंसटन विश्वविद्यालय में एक वर्ष के लिए एडमिशन लिया।
सफलता की कहानी
मनोज भार्गव 1990 में अमेरिका में बस गए और बाद में वह अमेरिका की दो सफल प्लास्टिक कंपनियों के मालिक बने। मनोज भार्गव की पहचान बनी उनके एक खास प्रोडक्ट से जिसका नाम था 5 ऑवर एनर्जी। ये एक छोटी सी प्लास्टिक डिब्बी में कुछ गोलियां होती थीं जो ऊर्जा बढ़ाने का काम करती थीं। इस उत्पाद ने उन्हें पूरे अमेरिका में फेमस कर दिया और वह देखते ही देखते 4 मिलियन डॉलर के मालिक बन गए।
साइकिल जेनरेटर
मनोज भार्गव ने तमाम ऐसे उपकरणों का आविष्कार किया जो किसी भी आम आदमी की जिंदगी को आसान बना सकता है। ऐसा ही एक उपकरण है एक जगह खड़ी रहने वाली साइकिल। इसकी खासियत है कि जब आप इसे चलाएंगे तो इससे बिजली बनेगी और वह एक बैट्री में स्टोर हो जाएगी। जिसे आप बाद में इस्तेमाल में ला सकते हैं। यह साइकिल जेनरेटर के सिद्धांत पर काम करती है। इसमें पैडल मारकर जैनरेटर को घुमाया जाता है और साइकिल में लगी बैट्री चार्ज होती रहती है। इससे 1 घंटे में पैडल मारकर बनाई गई बिजली एक ग्रामीण परिवार में करीब 24 घंटे की आपूर्ति दे सकती है। इससे एक बल्ब या एलईडी बल्ब जल सकता है, एक छोटा पंखा चल सकता है और मोबाइल फोन चार्ज किया जा सकता है। ना ही इससे कोई प्रदूषण होगा और ना ही कोई बिजली का बिल आएगा।
पॉवर पैक बिजली का बक्सा
मनोज भार्गव कहते हैं कि, 'दुनिया में जितने भी अमीर देश हैं या अमीर लोग हैं वह अमीर बने हैं बिजली की वजह से, अभी करोड़ो ऐसे लोग हैं जिन्हें 2-3 घंटे ही बिजली मिलती है या मिलती ही नहीं है, अब अगर लोगों को 24 घंटे बिजली मिलने लग जाए तो करोड़ों लोगों की जिंदगी में बड़ा परिवर्तन आ सकता है।' मनोज भार्गव ने इसके लिए एक बिजली का बक्सा भी तैयार किया है। ये बॉक्स बेहद अनूठा और किफायती है। इस बॉक्स से एक परिवार एक बल्ब जला सकता है, छोटा पंखा चला सकता है, टीवी भी चल सकती है, लैपटॉप, टैबेलेट और मोबाइल चार्ज कर सकता है साथ। इसके अलावा इस बॉक्स की खास बात ये है कि इसमें सोलर पैनल है और ज्यादा चार्जिंग के लिए सोलर ब्रीफकेस है। इससे एक 4 लोगों का एक परिवार बड़े ही आराम से अपने जीवन के अंधेरे को दूर सकता है। इसे बुलेटप्रूफ धातु से बनाया गया है, और 10 फुट की उंचाई से गिरने के बाद भी ये नहीं टूटता है। साथ ही इस बिजली के बक्से से 300 वॉट घंटे की बिजली का उपयोह कर सकते हैं इसके अलावा इसकी 12 साल की लंबी गारंटी भी है।
उन्नत खेती
भारत एक कृषि प्रधान देश है। मनोज भार्गव कहते हैं भारत में सबसे ज्यादा किसान हैं और किसान ही सबसे ज्यादा गरीब है। मनोज भार्गव किसानों की आत्महत्या से दुखी हैं और उन्होंने किसान की खेती की लागत को कम करने के लिए कई का किए हैं। मनोज भार्गव ने एक ऐसा तरीका निकाला है जिसमें किसान बिना किसी खर्चे के 18 दिन में खाद बना सकता है। उन्होंने इसका नाम दिया है शिवंश। इसमें भूसा, हरे पत्ते और गोबर को मिलाकर खाद बनाई जाती है जिससे पैदा हुई फसल बेहद उन्नत होती है।
पानी
बिजली, खेती के अलावा मनोज भार्गव ने पानी को लेकर भी बेहद सराहनीय प्रयास किया है। इसमें वह खारे पानी को मीठा बनाने की मशीन लेकर आए हैं जिसकी चारो तरफ सराहना हो रही है। भारत में तमाम ऐसे शहर हैं जहां मीठा पानी नहीं आता है। देश की राजधानी दिल्ली में ही खारा पानी लोगों को मिलता है। मनोज भार्गव ने बताया कि उन्होंने एक ऐसी मशीन इजाद की है जो 1 मिनट में 40 लीटर खारे पानी को पीने लायक बना सकती है और उसका इस्तेमाल तुरंत किया जा सकता है। इसके लिए इस मशीन को कूएं या फिर ट्यूबवेल से जोड़ना होता है। इसमें बिजली का खर्च बेहद कम है। इस मशीन से साफ हुए पानी को किसी बड़ी 1000 या 5000 लीटर की टंकी में स्टोर कर सकते हैं और इससे कई लोगों को एक साथ साफ पीने का पानी मिल जाएगा।
पीएम मोदी से कर चुके हैं चर्चा
मनोज भार्गव ने बताया कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस उत्पाद के बारे में 2014 से के दौरान बातचीत हुई थी। उन्होंने बताया कि वह सबसे पहले अपने इस उत्पाद की बिक्री उत्तराखंड में शुरू करेंगे और बाद में शेष घरेलू बाजार को लक्ष्य किया जाएगा।
नजरिया
मनोज भार्गव कहते हैं कि, अगर सोच सही हो तो सारे काम सही होंगे, हम ऐसा काम करेंगे जिससे पूरे देश का भला हो। मनोज भार्गव के इस प्रयास की हर तरफ सरहाना हो रही है। आज के दौर में जब लोग पैसे के पीछे पागल हुए हैं तो वहां कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें लोगों की परवाह है उनके दुख दर्द और असुविधा को लेकर चिंता है। मनोज भार्गव कहते हैं कि अगर लोग उनके साथ ज्यादा से ज्यादा संख्या में जुड़ते हैं तो काम जल्दी होगा और अगर नहीं करेंगे तो थोड़ा कम जल्दी होगा लेकिन होगा जरूर।