बचपन गरीबी में बीता, आज हैं दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी के CEO
सुंदर पिचाई ने टेक्नोलोजी को सबसे पहले 12 साल की उम्र में देखा था जब उनके पिता घर में एक लैंडलाइन फोन लेकर आए थे।
10 अगस्त 2015 को गूगल ने सुंदर पिचाई को अपने नए सीईओ के रूप में नियुक्त कर पूरी दुनिया को चौंका दिया। यह पूरे भारतीय समुदाय के लिए गर्व का विषय था कि एक भारतीय दुनिया की इतनी बड़ी टेक कंपनी का सीईओ बना था। 45 साल के सुंदर पिचाई जिन्हें दुनिया आज अच्छे से जानती है, उन्होने इस सफलता के शिखर पर पहुंचने से पहले के संघर्ष की कहानी बताई है।
शुरुआती जीवन और बचपन
पिचाई सुंदरराजन, जिन्हें सुंदर पिचाई के नाम से जाना जाता है, इनका जन्म 12 जुलाई 1972 को तमिलनाडु के मदुरई में हुआ। इनका ताल्लुक एक निचले मध्यमवर्गीय परिवार से हैं और इन्होने बचपन में टीवी देखने और कार में घूमने जैसे सुख नहीं देखे थे। इनके पिता रघुनाथ पिचाई ने चेन्नई में जनरल इलेक्ट्रिक में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में काम करते थे, इनका परिवार चेन्नई के अशोक नगर में रहता था। इनके पिता इलेक्ट्रिक ऑब्जेक्ट बनाने वाली फैक्ट्री के मैनेजर थे। अपने पिता के काम से जुड़े संघर्ष की कहानी ने सुंदर पिचाई को हमेशा प्रेरित किया। उनकी माता, लक्ष्मी बच्चों के जन्म से पहले स्टेनोग्राफर थी। सुंदर के एक छोटा भाई भी है।
12 साल की उम्र में देखा था टेलीफोन
पिचाई ने टेक्नोलोजी को सबसे पहले 12 साल की उम्र में देखा था जब उनके पिता घर में एक लैंडलाइन फोन लेकर आए थे। नंबर याद रखने में वे बड़े तेज दिमाग और कुशाग्र थे। जो नंबर वे डायल करते थे वे उन्हें याद रखते थे। पिचाई ना केवल स्कूल में बल्कि जब वे हाई स्कूल में क्रिकेट टीम के कप्तान बने तब भी नंबर्स याद रखने में अच्छे थे।
शिक्षा
सुंदर ने अशोक नगर में जवाहर विद्यालय से कक्षा 10 पास की और 12वीं चेन्नई की वाना वानी स्कूल से पास की। पिचई ने आईआईटी खड़गपुर से मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। उन्होंने भौतिक विज्ञान से एमएस (मास्टर इन साइंस) और इंजीनियरिंग स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से की। इसके बाद वे पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी के व्हार्टन स्कूल से एमबीए पूरा करने के लिए चले गए।
प्री-गूगल करियर
गूगल से पहले सुंदर पिचाई ने मैकेंजी & कंपनी में मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में काम किया। उन्होने अप्लाइड मैटेरियल्स के इंजीनियरिंग और प्रॉडक्ट मैनेजमेंट में भी अपनी प्रतिभा दिखाई।
गूगल में करियर
पिचाई ने 2004 में गूगल जॉइन किया और पॉपुलर प्रॉडक्ट टूलबार पर काम किया। क्रोम के लॉंन्च होने से पहले इन्होने गूगल गियर्स और गूगल पैक पर काम किया। लेकिन, टूलबार की सफलता ने उनके करियर को नए मुकाम पर पहुंचाया। गूगल ने नोटिस किया कि टूलबार से यूजर सर्च में अच्छी ख़ासी बढ़ोतरी हुई है। अंत में गूगल क्रोम की शुरुआत हुई जो कि गूगल का खुद का ब्राउजर है।
बतौर प्रॉडक्ट मैनेजमेंट की शुरुआत
पिचाई ने प्रॉडक्ट मैनेजमेंट का नेतृत्व किया और गूगल क्रोम और क्रोम ओएस जैसे गूगल के क्लाइंट सॉफ्टवेर की शुरुआत की। पिचाई ही थे जो गूगल क्रोम के ओएस और ब्राउज़र को लेकर आए थे। उन्हें 2008 में प्रॉडक्ट डवलपमेंट का वाइस प्रेसिडेंट (वीपी) बनाया गया। उन्होंने दुनिया को क्रोम बाउजर दिया। इसके बाद 2009 में क्रोम ओएस आया। पिचाई पब्लिक लाइमलाइट में 2008 से गूगल प्रजंटेशन्स से आए और जल्दी ही गूगल का जाना माना चेहरा बन गए। 2012 में वे क्रोम और एप्स के सीनियर वीपी थे।
2015 में बने गूगल के सीईओ
2013 में पिचाई दुनिया के जाने-माने व्यक्ति बन गए। उन्होने गूगल के एक दशक बाद एंडी रूबिन की सोच को साकार करते हुये गूगल एंडरोइड प्रोडक्टस की परिकल्पना की। साल 2015 में सुंदर पिचाई को गूगल के नए सीईओ बनाई जाने की घोषणा हुई, क्यों कि उनके दुनिया भर में प्रसिद्ध लीडर, लैरी पेज उनकी ही नई कंपनी एल्फाबेट, आईएनसी को संभालने के लिए गूगल को छोड़ रहे थे। इसी साल पहले, खुद लैरी पेज ने उन्हें गूगल का प्रॉडक्ट चीफ बनाने की घोषणा की थी। वे माइक्रोसॉफ्ट के नए सीईओ बनने की दौड़ में भी, जो पोजीशन सत्या नाडेला को मिली थी।
निजी जीवन
उनकी पत्नी अंजलि पिचाई लंबे समय तक सुंदर पिचाई की गर्लफ्रेंड रही। आईआईटी खड़गपुर में पढ़ते हुये वे दोनों क्लासमेट थे। आज, अंजलि और सुंदर के एक बेटा और एक बेटी है। इन्होने न्यूयॉर्क के ब्रूकलिन में 6.8 मिलियन डॉलर में घर खरीद लिया है। सुंदर अब अमेरिकी नागरिकता लेकर पूरे परिवार के साथ यहां रह रहे हैं।