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शिव नाडर: जिसने भारत के घर-घर में कंप्यूटर पहुंचा दिया

By Ashutosh
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HCL कंप्यूटर्स, एक कंपनी जिसने भारत के लोगों का कंप्यूटर खरीदने का सपना साकार किया। सन 2000 तक पर्सनल कंप्यूटर बहुत महंगे आते थे लेकिन एक भारतीय कंपनी ने अपनी मेहनत के दम पर लोगों को सस्ता और बेहतरीन कंप्यूटर उपलब्ध कराया। इस कंपनी को शुरु करने वाले शिव नाडर देश के जाने माने उद्योगपति हैं और इंफॉर्मेशन&टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उनका नाम बड़े ही आदर से लिया जाता है। यहां हम आपक आज शिव नाडर की सफलता की कहानी बता रहें।

शिव नादर की सफलता की कहानी

शिव नादर की सफलता की कहानी

दक्षिण भारत के एक छोटे से गाँव से आने वाले शिव नादर के कारण ही आज भारत इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में अपनी जगह बना चुका है। वे तमिलनाडु से हैं और हिन्दू धर्म के हैं। वे एचसीएल टेक्नोलॉजी के फाउंडर (संस्थापक) और चेयरमैन (अध्यक्ष) हैं। एचसीएल अपनी इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है।

प्रारंभिक जीवन

प्रारंभिक जीवन

उनका करियर पुणे में प्रारंभ हुआ जहाँ वे वालचंद ग्रुप ऑफ़ इंजीनियरिंग का एक भाग थे। बिजनेस चलाने का कुछ अनुभव मिलने के बाद उन्होंने इसे छोड़ने और अपना बिजनेस शुरू करने का निश्चय किया। अपने दोस्तों को और अन्य बिजनेस पार्टनरों की सहायता से वे इस देश में सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति लाने में जुट गए।

करियर

करियर

उन्होंने इस क्षेत्र में माइक्रोकॉर्प के साथ व्यापार प्रारंभ किया जो एक छोटा सा समूह था और डिजिटल केलकुलेटर बेचता था। उसके बाद उन्होंने 1976 में एचसीएल की स्थापना की जिसकी कीमत आज अरबों रूपये है। एचसीएल को बनाने में प्रारंभ में केवल 1,87,000 रुपयों का निवेश किया गया। इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आने वाली तेज़ी को भांपते हुए उन्होंने अन्य किसी के भी पहले अपने बिजनेस को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रारंभ किया जिसमें उन्होंने सिंगापुर को इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी से संबंधित सेवाएं देना प्रारंभ किया। वे कंपनी के सबसे बड़े शेयर होल्डर हैं हालाँकि कंपनी के मैनेजमेंट का नियंत्रण उनके हाथ में नहीं है।

छात्रों के लिए बनें प्रेरणा

छात्रों के लिए बनें प्रेरणा

शिव नादर ने प्रारंभ से ही शिक्षा के महत्व को जाना और इसके बदले वे समाज को कुछ देना चाहते थे। अत: उन्होंने चेन्नई में एसएसएन कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग प्रारंभ किया जिसमें उन्होंने लगभग 1 अरब रुपयों का योगदान दिया। यह कॉलेज उनके स्वर्गीय पिता सिवासुब्रमनिया नादर की स्मृति में प्रारंभ किया गया। वे चाहते थे कि बच्चे रिसर्च में सक्रिय रूप से भाग लें और रिसर्च पर जोर देने के लिए उन्होंने कई विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के साथ टाई अप भी किया। वे बहुत परोपकारी हैं और उन्होंने उत्तर प्रदेश में विद्याज्ञान स्कूलों की स्थापना की जिसमें जिसमें 50 जिलों के 200 छात्रों को मुफ्त छात्रवृत्ति दी जाती है।

एचसीएल एशिया की टॉप आईटी कंपनी

एचसीएल एशिया की टॉप आईटी कंपनी

उनके बिजनेस पर वापस आते हैं। एचसीएल एशिया की टॉप आईटी कंपनी है और नादर का परोपकारी स्वभाव उनके कर्मचारियों के साथ भी रहता है जहाँ अच्छा प्रदर्शन करने वाले एग्जीक्यूटिव्स को पुरस्कार जैसे मर्सिडीज़ बेंज या पेड हॉलिडे आदि दिए जाते हैं, ऐसी चीज़ें जिन्होंने प्रौद्योगिकी की दुनिया में हलचल पैदा कर दी है। वे बहुत ही सुव्यवस्थित व्यक्ति हैं और अपने शांत और सौम्य स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने अधीन कर्मचारियों और लोगों को बहुत छूट प्रदान कर रखी है। उन्हें देश की इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी का पिता कहा जाता है और इस आदर को वे सम्मान के साथ स्वीकारते हैं।

HCL का राजस्व

HCL का राजस्व

एचसीएल ने लगभग 5.4 अरब डॉलर राजस्व पर लगभग 1 अरब डॉलर के करीब लाभ कमाया है। वे शादीशुदा हैं और उनकी एक पुत्री रोशनी नादर हैं।

पुरस्कार

पुरस्कार

  • 2010 डाटाक्वेस्ट लाइफटाइम अचीवमेंट 
  • 2009बिजनेस पर्सन ऑफ़ द ईयर 
  • 2008 पद्म भूषण 
  • 2007 डॉक्टरेट डिग्री, इंटरप्रेन्योर ऑफ़ द ईयर 
  • 2005 सीएनबीसी बिजनेस एक्सीलेंस 
  • 1996 डाटाक्वेस्ट आईटी मैन ऑफ़ द ईयर

English summary

Shiv Nadar Success Story

Coming from a small village in southern India, Shiv Nadar is today one of the reasons that India is a hotspot for Information Technology and computer science in general.
Story first published: Monday, September 4, 2017, 16:23 [IST]
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