कितना होगा बुलेट ट्रेन का किराया? यहां जाने सब-कुछ
भारत में पहले बुलेट ट्रेन का शिलान्यस हो चुका है। पीएम मोदी और पीएम शिंजो आबे ने मिलकर इस परियोजना को शुरु किया। इस अवसर पर रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपना संबोधन दिया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने परियोजना की शुरुआत पर कहा कि ये योजना भारत के आम जन के लिए होगी। पीयूष गोयल ने कहा कि राजधानी ट्रेन की शुरुआत के दौर में भी कुछ निराशावादी लोगों से राजधानी ट्रेन की आलोचना की थी लेकिन अब सभी इसका लाभ उठा रहे हैं। आइए देखते हैं कितना होगा बुलेट ट्रेन का किराया, कितने घंटें में पूरा होगा सफर, और कितनी स्पीड से चलेगी बुलेट ट्रेन?
कितना होगा किराया
अभी दिल्ली से अहमदाबाद का राजधानी एक्सप्रेस का किराया फर्स्ट एसी के लिए 3695 रुपए है, जबकि सेकेंड एसी के लिए ये किराया 2260 रुपए है, इसमें डायनमिक फेयर नहीं जोड़ा गया है। अब अगर रेलमंत्री की मानें तो बुलेट ट्रेन का भी किराया इसी के आस पास हो सकता है। ये मान सकते हैं कि बुलेट ट्रेन का एक्जीक्यूटिव किराया 4 हजार रुपए और इकोनॉमी क्लास का किराया 2500 से 3300 रुपए के बीच हो सकता है। हालांकि मीडिया सूत्र इसका किराया 2500 रुपए तक बता रहे हैं।
कितनी होगी स्पीड
भारत मे बुलेट ट्रेन को जापान की शिंकाशेन रेल परियोजना की तर्ज पर शुरु किया जा रहा है। शिंकाशेन बुलेट ट्रेन की औसत स्पीड 320 किलोमीटर प्रति घंटे है। जबकि अधिकतम रफ्तार 360 किलोमीटर है। हालांकि जापान में 600 किलोमीटर प्रतिघंटे की ट्रेन का भी ट्रायल हो चुका है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत में चलने वाली शिंकाशेन बुलेट ट्रेन की भी रफ्तार 320-350 किलोमीटर प्रतिघंटे तक रहेगी।
बनाने में लागत
बुलेट ट्रेन परियोजना को पूरा करने के लिए 5 साल का लक्ष्य रखा गया है। इसका मतलब ये कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए पैसा और श्रम पानी की तरह बहाना पड़ेगा। परियोजना की लागत 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए है जिसमें जापान 88 हजार करोड़ रुपए की मदद दे रहा है।
किन स्टेशनों से होकर गुजरेगी बुलेट ट्रेन
इस योजना के लिए 12 स्टेशनों का नाम प्रस्तावित है, जिनमें, बांद्रा कुर्ला, ठाणे, विरार, भोइसर, वापी, बिलिमोर, सूरत, भरूच, वडोदरा, आनंद, अहमदाबाद और साबरमती हैं। साबरमती रेलवे स्टेशन से बांद्रा- कुर्ला कॉम्पलेक्स मुंबई के बीच 508 किलोमीटर की दूरी 2 घंटा 58 मिनट में तय होगी।
कहां से होगी शुरुआत
परियोजना का संचालन नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड करेगा। सबसे पहले वड़ोदरा में प्रशिक्षण केंद्र का निर्माण किया जाएगा जहां 4 हजार कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। फिर नदी, सड़क और रेल लाइन्स को पार करते हुए कई पुलों का निर्माण किया जाएगा।
कितने लोगों को मिलेगा रोजगार
एक अनुमान के मुकताबिक करीब 20 हजार लोगों को इस परियोजना से सीधे रोजगार मिलेगा। बुलेट ट्रेन परियोजना को 15 अगस्त 2022 तक पूरा किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
सेमी हाई स्पीड ट्रेन
बुलेट ट्रेन के अलावा भारत में सेमी हाईस्पीड ट्रेन का ट्रायल शुरु हो चुका है। इसमें टैल्गो ट्रेन, गतिमान एक्सप्रेस शामिल हैं। टैल्गो ट्रेन को स्पेन के साथ मिलकर चलाया जा रहा है जिसकी स्पीड 200-250 किलोमीटर प्रतिघंटा रहेगी वहीं भारत की गतिमान एक्सप्रेस ट्रेन 150 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से दौड़ रही है। गतिमान एक्सप्रेस का ट्रायल पूरा हो चुका है और ये ट्रेन दिल्ली से आगरा के बीच चल रही है जो ये पूरा सफर 100 मिनट में पूरा कर लेती है।