भारतीय महिलाएं कैसे बचा सकती है अपना टैक्स?
टैक्स सिस्टम भारत में वेतनभोगी महिलाओं के लिए भी वैसा ही है जैसा कि पुरुषों के लिए है। कुछ साल पहले भारत में महिलाओं को इनकम टैक्स में पांच हजार रुपए तक की अतिरिक्त छूट थी, लेकिन अब इस प्रवधान को वापस ले लिया गया है। ऐसे में अब महिलाओं के लिए कोई विशिष्ठ कर लाभ नहीं हैं। फिर भी भारतीय महिलाएं कई तरीकों से अपने टैक्स को बचा सकती हैं तो आइए जानते हैं कैसे-
टैक्स सेविंग ऑप्शन
आयकर एक्ट की धारा 80 सी कर बचत विकल्पों में निवेश करने के लिए 150000 रुपए तक की कटौती करने की अनुमति देता है। ये सभी ऑप्शन PPF, EPF, ELSS आदि में शामिल हैं। सरकारी योजनाओं जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, बीमा योजना और कई निवेश योजनाएं आपको कर से मुक्त होने का लाभ प्रदान करती हैं।
हेल्थ इंश्योरेंस
आयकर अधिनियम की धारा 80 डी स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम का भुगतान करने के लिए प्रति वर्ष वरिष्ठ नागरिकों द्वारा या वरिष्ठ नागरिकों के लिए खरीदी गई बीमा पॉलिसी पर 5000 रुपए की अतिरिक्त कटौती के साथ 25,000 रुपए तक की कर कटौती की अनुमति देता है। इसके द्वारा आप अपने और अपने आश्रितों के लिए एक अच्छी बीमा पॉलिसी लेकर ना केवल स्वास्थ्य देखभाल के खर्चों को कम कर सकती हैं बल्कि आयकर बचत में भी प्राप्त कर सकती हैं।
होम लोन से कर में बचत
होम लोन लेकर महिलाओं को ऋण के मूलधन और ब्याज दोनों पर ही लाभ मिलता है। धारा 80 सी होम लोन पर मूलधन के भुगतान के लिए हर साल 1 लाख 50 हजार रुपए तक की कर छूट की अनुमति देता है। साथ ही होम लोन पर ब्याज में हर साल 2 लाख तक की कर कटौती प्रदान करता है। तो वहीं प्रदानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत होम लोन लेकर आप एक ओर जहां टैक्स में बचत कर सकते हैं तो दूसरी ओर ब्याज दर में राहत पा सकते हैं।
एजुकेशन लोन
धारा 80 ई के अंतर्गत ऋण लेने के बाद या ऋण देने के बाद शिक्षा ऋण के ब्याज पर हर साल सात आंकलन वर्ष के लिए 150000 रुपए तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह लोन आप अपने बच्चों, पति, पत्नि आदि के शिक्षा के लिए ले सकते हैं।
करनी होगी तुलना
अच्छे रिजल्ट के लिए आपको कम समय और ज्यादा समय के वित्तीय लक्ष्य का आकलन करने की जरुरत है और यह निर्धारित करने के लिए कि कौन सा कर बचत विकल्प अच्छा है आपको अपने कर बचत उद्देश्यों को टैक्स सेविंग ऑप्शन से तुलना करने की जरुरत है।