क्या सोने (GOLD) में निवेश करके टैक्स बचाया जा सकता है?
कराधान कानून (द्वितीयक संशोधन) विधेयक के अनुसार फिज़िकल गोल्ड के मामले में शादीशुदा स्त्री, अकेली स्त्री और पुरुष क्रमश: 500 ग्राम, 250 ग्राम और 100 ग्राम सोना (Gold) अपने पास रख सकते हैं जिस पर कोई कर नहीं लगता। हालांकि जब वे लाभ प्राप्ति के लिए इसे बेचेंगे तब सामान्य उपभोग कर और आयकर के तहत उस सोने पर मिलने वाले लाभ पर कर लगेगा। इसके अलावा फिज़िकल गोल्ड में अतिरिक्त शुल्क भी जुड़ा होता है जैसे मेकिंग चार्जेस, लॉकर की स्टोरेज फीस आदि जो आपने इसे खरीदते समय और संभालने में व्यय किया होता है।
परन्तु क्या कोई ऐसा तरीका है कि जिससे गोल्ड में निवेश करके भी टैक्स को बचाया जा सकता है?
गोल्ड ईटीएफ
स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड किये जाने वाले शेयर्स के समान ही गोल्ड ईटीएफ भी इकाईयाँ हैं जिनकी कीमत बाज़ार की कीमत के बराबर होती है और कमोडिटी एक्सचेंज में इनके साथ भी कारोबार किया जा सकता है। सोने के इस निवेश में तीन वर्ष बाद बेचने पर इंडेक्सेशन लाभ के साथ ही 20% का पूंजीगत लाभ भी मिलता है। उदाहरण के लिए गोल्ड ईटीएफ का मूल्य प्रतिवर्ष 12% की दर से बढ़ता है और उसी दौरान मुद्रास्फीति 4% तक बढ़ जाती है तो टैक्स केवल 4% पर ही लगेगा।
गोल्ड म्यूचल फंड्स
ये ऐसे फंड हैं जो पेशेवर फंड मैनेजर द्वारा ईटीएफ में निवेश किये जाते हैं। गोल्ड म्यूचल फंड्स आपके जोखिम को विविधता प्रदान करते हैं। गोल्ड ईटीएफ की तरह ही तीन वर्ष बाद बेचने पर इंडेक्सेशन के साथ ही पूंजीगत लाभ कर भी मिलता है। इसके अतिरिक्त जब इसे तीन साल से पहले बेचा जाता है तो मिलने वाला लाभ आयकर के नियम के अनुसार आपकी आयकर की वर्तमान स्लैब के अनुसार होता है।
गोल्ड सेविंग्स फंड्स
इसे फंड्स का फंड्स भी कहा जाता है। ये एसेंशियल म्यूचल फंड्स हैं जो गोल्ड ईटीएफ और अन्य शॉर्ट टर्म फंड्स में निवेश करता है। आप सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिये 1000 रूपये की राशि के साथ निवेश प्रारंभ कर सकते हैं और नियमित अंतराल पर एक निश्चित राशि जमा कर सकते हैं, बिना डीमैट खाता खोले। आपको एक वर्ष बाद कराधान लाभ का दीर्घावधि पूंजी लाभ कर मिलेगा।
गोल्ड बांड्स
सोने की कीमतों से जुड़े निवेशकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा यह योजना प्रारंभ की गयी। क्योंकि ये भारत सरकार के बांड्स हैं जिसे रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया जारी करता है अत: इसमें पूरी गारंटी होती है। परिपक्वता राशि पूरी तरह कर मुक्त रहती है। हालाँकि परिपक्वता के पहले यदि राशि निकाल ली जाती है तो पूंजी लाभ शुल्क देना पड़ता है।
तो अगली बार जब आप सोना खरीदें तो केवल अपनी संपत्ति बढ़ाने के बारे में न सोचें बल्कि सेविंग के बारे में भी सोचें।