डॉ. कलाम के जीवन से हम क्या सीख सकते हैं?
डॉ. कलाम का जीवन परिचय पढ़ें यहां पर।
उनका जन्म एक साधारण मछुआरे के परिवार में हुआ था, पेपर बेंच कर पढ़ाई की, मेहनत करने से कभी नहीं डरे, ईमानदारी से कभी नहीं हटे, उनका घर समुद्र के करीब था और उनकी इच्छाएं आकाश से आगे थीं। वह अपने पूरे जीवन काल में खुद में समुद्र की गहराई समेटे रहे और आकाश से आगे के रहस्य जानने की अपनी इच्छा को भी पूरा किया। उनका जीवन खुद में ही एक पाठशाला है, जिसने भी उनका अनुकरण किया वह सफल हो गया। भारत के सुदूर दक्षिणी छोर से लेकर शानदार रायसीना हिल्स राष्ट्रपति भवन का सफर बेहद शान से तय किया। यहां हम बात कर रहे हैं पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में। इस वित्त और व्यापार के मंच पर उनके बारे में आज बात करना इसलिए जरूरी है क्योंकि उनका जीवन हमें ईमानदारी, संयम और परिश्रम सिखाता है जो कि इस क्षेत्र में कार्यरत या इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए बेहद जरूरी है। डॉ. कलाम के जीवन काल के इस सारांश को पढ़ते हुए इस बात को समझना चाहेंगे कि आखिर हम उनसे प्रेरणा लेकर कैसे एक सफल व्यक्ति बन सकते हैं।
प्रखर वैज्ञानिक
भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति, अवुल पकिर जैनुल्लाब्दीन अब्दुल कलाम एक वैज्ञानिक थे जिन्होने 2002 से 2007 तक इस पद की शोभा बढ़ाई। उन्होने एरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 4 दशकों तक विज्ञान के प्रशासक के रूप में काम किया।
हमारे 'मिसाइल मैन'
मिसाइल विकसित में उनके अपभूतपूर्व योगदान के कारण उन्हें ‘भारत का मिसाइल मैन' भी कहा जाता है। उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा गया, ‘भारत रत्न' उनमें से एक है।
शुरुआती जीवन
एपीजे अब्दुल कलाम (15 अक्टूबर 1931- 27 जुलाई 2015) का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम में तमिल मुस्लिम परिवार में हुआ। वे एक साधारण परिवार के निकल कर आए जहां उनके पिता एक नाव चलाते थे और माता गृहिणी थी। अपनी पिता की मदद करने के लिए वे स्कूल की पढ़ाई पूरी करने के बाद अखबार बांटते थे। उनकी खास बात थी उनकी सीखने की चाहत। वे रामनाथपुरम श्वार्टज मैट्रिक्यूलेशन स्कूल में थे और इसके बाद सैंट जोसेफ़ कॉलेज गए जहां वे फिजिक्स स्नातक हुये। 1955 में वे अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए मद्रास चले गए।
बुद्ध मुस्कुराए
एपीजे अब्दुल कलाम ने भारतीय सेना के लिए मिनी हैलिकॉप्टर तैयार किया। उनके कैरियर ने एक नई करवट ली जब एसएलवी-III प्रोजेक्ट के लिए उनका ट्रांसफर इसरो में हुआ। टीबीआरएल का प्रतिनिधित्व करते हुये, उन्होने स्माइलिंग बुद्धा का प्रतिनिधित्व किया जो कि पहला परमाणु परीक्षण था। 1980 में, उनके व्यापक रिसर्च और विकास कार्यों से उन्हें कई पुरस्कार और प्रशंसाएं प्राप्त हुई। जुलाई 1992 से वे प्रधानमंत्री के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार रहे। पोखरण-II परमाणु परीक्षण के दौरान तकनीक और राजनीति के क्षेत्र में उनकी भूमिका सराहनीय रही।
"अपनी पहली जीत के बाद आराम मत करो क्यों कि अगर आप दूसरी बार फ़ेल हो गए तो अधिकतर लोग कहेंगे कि आपकी पहली जीत केवल भाग्य से मिली थी"।
भारत के राष्ट्रपति
साल 2002 में एपीजे अब्दुल कलाम ने भारी मतों से राष्ट्रपति चुनाव जीता। राष्ट्रपति के रूप में उनका कार्यकाल 25 जुलाई 2002 से 25 जुलाई 2007 तक रहा। उन्हें भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का समर्थन मिला। उनके लिए यह एक आसान जीत थी और वे देश के 11वे राष्ट्रपति बने। उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न' से सम्मानित किया गया और इसे पाने वाले वे तीसरे व्यक्ति थे। राष्ट्रपति भवन में सीट पाने वाले वे पहले बैचलर और पहले वैज्ञानिक थे। लेकिन, 2012 में उन्होने फिर से राष्ट्रपति पद ग्रहण करने से मना कर दिया।
शिक्षा और छात्रों के प्रति लगाव
1999 में वैज्ञानिक सलाहकार पद से सेवानिवृत होने के बाद, उन्होने 100,000 छात्रों से संवाद करने को अपना लक्ष्य बनाया। उन्होने खास तौर पर हाई स्कूल के छात्रों से मुलाक़ात की। उनका उद्देश्य था इन बच्चों के मन में भारत के विकास की भावना को जगाना।
"उत्कृष्टता एक निरंतर प्रक्रिया है और संयोग नहीं है।"- अब्दुल कलाम
निधन
27 जुलाई 2015 को आईआईएम शिलोंग में वे एक व्याख्यान दे रहे थे वहां सायं 6:30 बजे गंभीर दिल का दौरा पड़ा, उन्हें गंभीर अवस्था में बेथाने हॉस्पिटल ले जाया गया जहां उनका निधन हो गया। डॉ. कलाम हमेशा कहा करते थे कि वह अपने जीवन के आखिरी क्षण भी छात्रों के बीच बिताना चाहते हैं और हुआ भी यही। वह छात्रों के बीच थे अपने विचार छात्रों के साथ साझा कर रहे थे और उसी दौरान उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए।
पुरस्कार
- भारत सरकार द्वारा भारत रत्न पुरस्कार
- भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण
- भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण
- डॉक्टर ऑफ साइंस एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी
- राष्ट्रीय अंतरिक्ष सोसाइटी द्वारा वॉन ब्राउन
- डॉक्टर ऑफ लॉज साइमन फ्रेजर यूनिवर्सिटी
- आईईईई द्वारा मानद सदस्यता
- हूवर मेडल एएसईई फाउंडेशन, यूएसए
- डॉक्टर ऑफ इंजीनियरिंग नानयांग टेक्नोलोजिकल युनिवर्सिटी, सिंगापुर
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ वॉल्वरहैम्प्टन, यूके द्वारा डॉक्टरेट ऑफ साइंस
- रॉयल सोसाइटी, यूके से किंग चार्ल्स द्वितीय मेडल
- अलवर रिसर्च सेंटर, चेन्नई से रामानुजन पुरस्कार
- भारत सरकार द्वारा वीर सावरकर पुरस्कार
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा राष्ट्रीय एकता के लिए इंदिरा गांधी पुरस्कार