कल्याण ज्वैलर्स के MD देश के सबसे धनी ज्वैलर कैसे बन गए?
कल्याणरमण ने ज्वेलरी की पहली दुकान थ्रीसूर शहर में 1993 में 60 लाख खर्च कर खोली थी।
कल्याण ज्वेलर्स के चेयरमैन और एमडी टी एस कल्याण रमण देश के सबसे धनी ज्वेलर्स हैं। कल्याणरमण ने ज्वेलरी की पहली दुकान थ्रीसूर शहर में 1993 में 60 लाख खर्च कर खोली थी और आज उनके पास दक्षिण भारत में ही सिर्फ 32 शोरूम हैं। कल्याण ज्वेलर्स ने हाल ही इकोनॉमिक टाइम्स को में दिए गए एक इंटरव्यू में यह बताया है कि वे जल्द ही बाजार में अपना आईपीओ लाने जा रहा है। यही नहीं अमेरिका की पीई फर्म वारबर्ग पिंटस फर्म ने कल्याण ज्वैलर्स की अब तक की कमाई 2 अरब डॉलर आंकी है।
शुरुआती मतभेद
टी एस कल्याणरमण ने 1993 में दक्षिण भारत के केरल राज्य में पहली दुकान खोली थी। साथ ही उन्हों ने अपने ग्राहकों को यह सिखाया था कि असली सोने की पहचान कैसी की जाती है जिससे वे कारीगरों की धोखाधड़ी से बच सके। टी एस कल्याणरमण पहले ऐसे ज्वैलर थे जिन्होंने अपने गोल्ड और जेम के कलेक्शन पर मूल्य टैग लगाया था। जिससे उनके साथ के कारोबारियों ने उनके ऊपर इल्ज़ाम लगाया कि उनकी वजह से उनका व्यापार बर्बाद हो गया है।
शुरुआत
कल्याणरमण ने 1906 में उनके पिता द्वारा शुरू किया गया कपड़ों के व्यापार से 12 साल की उम्र में व्यवसाय करना शुरू किया था। घर का व्यापार संभालने से पहले कल्याणरमण ने श्री केरल वर्मा कॉलेज से कामर्स की पढाई की और आगे चल कर 75 लाख खर्च कर अपनी खुद की जैवेलरी की दुकान खोली।
मिडास टच
इसके बाद कल्याणरमण ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, और उन्होंने प्रॉपर्टी कंपनी, कल्याण डेवलपर्स, डेवलपिंग अपार्टमेंट यूनिट्स और विलास की स्थापना थ्रिसुर में की। कल्याण ज्वैलर्स ने 30 अरब रुपये खर्च करके पूरे भारत में अपने कारोबार का विस्तार किया। इस समय कल्याण ज्वैलर्स ने कुल मिला कर 105 शोरूम पूरे भारत और पश्चिम एशिया में खोल लिए हैं।
फ़िल्मी सितारे जुड़ें
कल्याण ज्वैलर्स ने कई सरे सितारों को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया है फिर चाहे वो अमिताभ बच्चन हो या प्रभु गणेश। यही नहीं ऐश्वर्या राय बच्चन को दो साल के लिए ब्रांड एम्बेसडर बने रहने के लिए कल्याण ज्वेलर्स ने 100 मिलियन प्रति वर्ष देती थी। इसके बाद 2016 में उन्होंने सोनम कपूर को अपना ब्रांड एम्बेसडर बना लिया है।
ऊंची उड़ान
कल्याणरमण केरल के पहले ऐसे अरबपति हैं जिनका खुद का जेट है। उन्होंने साल भर पहले सेवेन सीटर एम्ब्रर फेनोम 100 खरीदा है जिसकी कीमत लगभग 300 मिल्यन लगायी जा रही है। इस जेट से वे पूरे भारत में घूमते हैं जहां जहां उनका कारोबार फैला रखा है।
भारत और गोल्ड
अकेले भारत में लगभग गोल्ड की 30 प्रतिशत खपत होती है। इसी में से दक्षिण भारत में लगभग 45 प्रतिशत सोने से बनी ज्वेलरी का व्यापार होता है और फर्स्टकॉल के मुताबिक आने वाले समय में यह बाजार और तेज़ी से बढ़ेगा। तमिलनाडु और केरल जैसे राज्यों में सादी गोल्ड ज्वेलरी का प्रचलन हैं वही आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में जड़ाव ज्वेलरी का चलन हैं।
निवेश की दरें बढ़ी
हाल ही में ग्लोबल प्राइवेट इक्विटी मेजर वारबर्ग पिंकस ने 500 करोड़ की पूंजी कल्याण ज्वेलर्स में निवेश की है। वारबर्ग ने अब तक करीब 1,700 करोड़ रुपये का निवेश किया है। आने वाले समय में ऑनलाइन ज्वेलरी की फर्म कैंडेयर भी 35-40 करोड़ रुपये निवेश करेगी, क्योंकि ऑनलाइन बाजार इस समय तेज़ी से बढ़ रहा है और कल्याण ज्वेलर्स भी अपना कारोबार ऑनलाइन बाजार में बढ़ाना चाहती है।