निवेश के लिए बेहतर है NSC बचत योजना
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट किसी बैंक के फिक्सड डिपॉजिट की तरह होता है। यह पोस्ट ऑफिस की बचत सेवा है।
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट किसी बैंक के फिक्सड डिपॉजिट की तरह होता है। यह पोस्ट ऑफिस की बचत सेवा है। जिसके अंतर्गत आपको ब्याज पर टैक्स देने की आवश्यकता नहीं होती है और रिटर्न लगभग उतना ही मिलता है। यदि आप टैक्स बचत के साथ सुरक्षित निवेश एवं ग्यारंटेड रिटर्न चाहते हैं तो नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) में निवेश आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।
एनएससी
इस योजना की सफलता को देखते हुए विभाग के द्वारा 5 साल के लॉक इन पीरियड के साथ अब 10 साल साल लॉक इन पीरियड की शुरुआत की गई है जिसमें 8.8 प्रतिशत का ब्याज दिया जाता है। यहां पर 100 रुपये न्यूनतम राशि से लेकर 10 हजार तक की राशि पर निवेश कर सकते हैं। साथ ही इसमें प्राप्त ब्याज पर टीडीएस कटौती भी नहीं होती है।
निवेश करने की पात्रता
कोई भी वयस्क व्यक्ति स्वयं या ज्वाइंट रुप से इस स्कीम में निवेश कर सकता है।
बच्चे भी अपने माता-पिता के माध्यम निवेश कर सकते हैं।
एनआरआई और एचयूएफ को इस स्कीम में निवेश करने की पात्रता नहीं है।
निवेश की राशि
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम में न्यूनतम 100 रुपये एवं अधिकतम निवेश की कोई सीमा निर्धारित नहीं है। एनएससी 100 रुपये से लेकर 500, 1000, 5000 एवं 10000 रुपये के डिनॉमिनेशन में उपलब्ध होती है।
निवेश की अवधि
एनएससी में निवेश की कुल अवधि 6 साल होती है। इसमें 6 साल का लॉक-इन होने की वजट से प्रीमैच्योर विदड्राउल नहीं कर सकते। इसके अलावा इसमें टीडीएस कटौती भी नहीं की जा सकती है।
लोन लेने की भी मिलती है सुविधा
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम में बैंक एवं अन्य वित्तीय संस्थान से लोन प्राप्त किया जा सकता है। साथ ही इसमें फिक्स डिपॉजिट की ही तरह नॉमिनेशन किया जा सकता है।
ब्याज दर
आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के अंतर्गत एनएससी में निवेश पर आय से 1 लाख रुपए तक की छूट प्राप्त की जा सकती है। NSC पर अर्जित ब्याज प्रत्येक वर्ष की आय में शामिल किया जाता है। प्रथम वर्ष का ब्याज मैच्योरिटी पर दिया जाता है इसलिए उसे संबंधित वर्ष में रिइन्वेस्टमेंट मानकर उसकी भी छूट धारा 80 सी के तहत मिल जाती है। इस योजना में निवेश करने के लिए आप किसी भी पोस्ट ऑफिस जहां पर सेविंग खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध हो वहां से कर सकते हैं।