किन चीजों को नहीं रखना चाहिए अपने पर्स में, जानिये यहां पर
यहां पर हम आपको ऐसे ही पांच चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि कभी अपने पर्स में नहीं रखना चाहिए।
कैश, क्रेडिट कार्ड, आइडी प्रूफ और ना जाने कितनी चीजें आपके छोटे से पर्स में रहती हैं। इसलिए जब यह पर्स खो जाता है तो हम इसे खोजने के लिए परेशान हो जाते हैं। लेकिन यह भी सच है कि हम हर चीज पर्स में नहीं रख सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पर्स छोटा होता है और उसके खोने की संभावना ज्यादा होती है।
यहां पर हम आपको ऐसे ही पांच चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि कभी अपने पर्स में नहीं रखना चाहिए:
क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड
अक्सर लोग अपने सारे क्रेडिट और डेबिट कार्ड साथ में लेकर तो चलते ही हैं। टेंशन की बात यह होती है कि सारे कार्ड पर्स में रखे होते हैं और पर्स अक्सर गुम हो जाते हैं। इससे आपकी परेशानी बढ़ जाती है। इसलिए पर्स में सिर्फ एक ही डेबिट कार्ड और एक बैकअप क्रेडिट कार्ड रखें। इससे आपकी शॉपिंग और खर्च भी कम होगा। गिफ्ट कार्ड भी तभी रखें जब आप शॉपिंग करने जा रहे हों।
रसीद
जब भी हम कुछ खरीदते हैं और उसके लिए डेबिट या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो हमे शॉप ओनर की ओर से एक रिसीप्ट मिलती है। उस रिसीप्ट में कार्ड नंबर के लास्ट के चार डिजिट रहते हैं इसके अलावा उसमें मर्चेंट की जानकारी भी दी जाती है। साथ ही उसमें आपका नाम भी होता है। ये सारी चीजें हैकर को अकाउंट हैक करने में मदद करती हैं। इसलिए रिसीप्ट को पर्स से अलग ही रखें।
चेकबुक
अगर आप भी उनमें से एक व्यक्ति हैं जो चेकबुक अपने साथ लेकर घूमते हैं तो इस आदत को बदल दीजिए। अगर ये चेकबुक गायब हो गई तो फिर कोई भी इसका मिस यूज कर सकता है क्योंकि इसमें अकाउंट होल्डर का नाम, अकाउंट नम्बर और पूरा एड्रेस दिया रहता है। इसलिए जैसे ही चेकबुक खो जाए तुरंत ही संबंधित बैंक को कॉल करें इसे ब्लॉक कराने के लिए।
पासवर्ड
कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो कि एटीएम और क्रेडिट कार्ड का पासवर्ड नहीं याद कर पाते तो वह उस रिसीप्ट को ही पर्स में रख लेते हैं जिसमें पासवर्ड लिखा रहता है। तो आप ऐसी गलती कभी न करें। आप पासवर्ड स्मार्टफोन के पासकोड में सुरक्षित रख सकते हैं।
सोशल सेक्योरिटी कार्ड
सोशल सेक्योरिटी कार्ड सूचना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस कार्ड को एक सुरक्षित जगह पर ही रखना बेहतर होगा। अगर आप यह कार्ड गुमा देते हैं तो आपको सोशल सेक्योरिटी के एडमिनिस्ट्रेशन विभाग से तुरंत ही संपर्क करना होगा। साथ ही आपको एक एफआईआर भी दर्ज करानी होगी। क्रेडिट ब्यूरो को भी इसकी जानकारी देनी होगी।