8 आसान स्टेप में समझें एनबीएफसी और बैंक में अंतर
एक आम आदमी के लिए ये समझना बेहद कठिन है कि एनबीएफसी यानि नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी) और बैंक में क्या अंतर है। अब इसे एक आसान उदाहरण में समझिए जैसे ICICI बैंक और मंहिंद्रा फाइनेंस दोनों बिल्कुल अलग हैं। इसमें ICICI बैंक है जबकि महिंद्रा फाइनेंस एनबीएफसी की भूमिका में है।
अब बैंक और एनबीएफसी के बीच कुछ सामान्य अंतर को समझने की कोशिश करते हैं-
1- एनबीएफसी डिमांड डिपॉजिट नहीं स्वीकार करते हैं
2- एनबीएफसी किसी भी तरह भुगतान या अदायगी निकाय नहीं करता है। एनबीएफसी किसी तरह का कोई चेक नहीं जारी करता है।
3- बैंको की तरह एनबीएफसी किसी तरह का कोई डिमांड ड्राफ्ट नहीं जारी करता है।
4- बैंको के मामले से अलग एनबीएफसी में जमा बीमा सुविधा, क्रेडिट गारंटी जैसी सुविधा नहीं दी जाती है।
5- एनबीएफसी छोटे बचत कर्ताओं से मांग जमाएं स्वीकार नहीं करती है।
6- एनबीएफसी अचल संपत्तियो के निर्माण में निवेश नहीं करती है। हालांकि कृषि और औद्योगिक गतिविधियों के लिए ऋण देकर वित्तीय सहायता जरूर करती है।
7- एनबीएफसी का संचालन कंपनी एक्ट के अंतर्गत किया जाता है।
8- एनबीएफसी में डिपॉजिट पर किसी तरह का कोई बीमा नहीं होता है।
फिक्स डिपॉजिट पर एनबीएफसी और बैंक में अंतर
जैसा की अब हम सभी जान चुके हैं कि एनबीएफसी में फिक्स्ड डिपॉजिट स्वीकार करता है। हालांकि बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट और एनबीएफसी में अंतर है। एक उदाहण के तौर पर देखें तो एनबीएफसी फिक्स्ड डिपॉजिट का मूल्यांकन सामान्यत: देश की रेटिंग एजेंसियों द्वारा किया जाता है।
एक अन्य अंतर दोनों के बीच ये है कि बैंकों की रेटिंग किसी एजेंसी से नहीं की जाती है। एक अन्य अंतर दोनों के बीच ये है कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट का बीमा होता है वहीं एनबीएफसी में ऐसी कोई सुविधा नहीं होती है। हालांकि एक बड़ा अंतर बैंक और एनबीएफसी के फिक्स डिपॉजिट के बीच ये है कि एनबीएफसी आपको बैंक से अच्छी और लुभावनी ब्याज दर पर फिक्स्ड डिपॉजिट का ऑफर देता है।