क्रेडिट-कार्ड का बिल नहीं भर पा रहे हैं? उपाय यहां है
क्रेडिट-कार्ड का भारी-भरकम बिल, आप के लिए एक बड़ी आर्थिक चुनौती हो सकता है क्योंकि यह 36 से 40 प्रतिशत की सालाना ब्याज दर के साथ आता है। आपको अचानक यह एहसास होता है कि इतनी ज्यादा ब्याज दर पर आप शायद आप कभी भी बकाया क़र्ज़ का भुगतान नहीं कर पायेंगे। आप सिर्फ ब्याज के भुगतान पर ध्यान केन्द्रित करते हैं परन्तु इतनी ज़्यादा ब्याज दर पर, इस प्रकार की रणनीति अपनाना समझदारी नहीं है।
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एक और रास्ता है जो आप अपना सकते हैं। अपने बचे हुए क्रेडिट कार्ड के क़र्ज़ को निजी-ऋण यानि पर्सनल लोन में परिवर्तित करा लें। बहुत सारे बैंक आपको यह विकल्प उपलब्ध करवाते हैं। और वास्तव में, अगर आप क्रेडिट कार्ड के ऋण का भुगतान समय पर कर रहे हैं तो आपको किसी बैंक अधिकारी का फोन भी आ सकता है, जो आपको अपने बचे हुए क्रेडिट- कार्ड ऋण को निजी ऋण में बदलने का विकल्प दे सकता है।
निजी ऋण पर अलग-अलग बैंक 14 से 18 प्रतिशत तक की वार्षिक ब्याज-दर वसूलते हैं।
अगर आप इस विकल्प का चुनाव करते हैं तो इस पर कुछ सेवा-शुल्क अदा करना पड़ सकता है जोकि 36 से 40 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर से कहीं ज़्यादा बेहतर है। इस विषय में आपको सिर्फ़ अपने बैंक से बातचीत करने की जरूरत है । आवश्यक नहीं है कि, सभी बैंक इस के लिए सहमत हों । आखिरकर वो आपको 14 प्रतिशत पर क्यों उधार देंगे जबकि वो 36 प्रतिशत कमा सकते हैं। जब भी बैंक अधिकारी की कॉल आये उसकी हर बात पर गौर करें।
लगभग हर सप्ताह आपको ऐसी कॉल आ सकती हैं जो आपको निजी-ऋण को टॉप-अप करने या फिर क्रेडिट कार्ड ऋण को आसान किस्तों में भुगतान करने का विकल्प देती हैं। ऐसा तभी संभव है जब आप ऋण लेने के सही पात्र हों और आपने कभी भी ऋण भुगतान में कोई चूक ना की हो। आइये एक उदहारण से जानते हैं।
हाल ही में, एक निजी बैंक अधिकारी ने कॉल करके मुझे मेरे क्रेडिट-कार्ड के ऋण को आसान किश्तों में बदलने की पेशकश की। बड़ी साफ़ सी बात है; मैं हर माह तय 45 दिन के भीतर, समय से पहले, अपना पूरा क्रेडिट-कार्ड बिल का भुगतान कर रहा था।
इस का अर्थ यह हुआ कि मैं 45 दिनों की नियत अवधि का भरपूर इस्तेमाल कर रहा था और बैंक को मुझसे कोई भी लाभ नहीं हो रहा था। यह बैंक के लिए 45 दिनों का ब्याज खोने जैसा था।
इसलिए बैंक के लिए यह एक बेहतर विकल्प था कि वो मुझे आसान किश्तों में भुगतान (ई ऍम आई) के लिए राज़ी कर ले जिस से उसे कम से कम कुछ तो लाभ मिले। अगर आपका भी कोई निजी-ऋण चल रहा है और आप समय से अदायगी कर रहे हैं तो बैंक का भरपूर प्रयास रहता है कि आप उस ऋण को आगे भी जारी (टॉप-अप) रखें। तो, सचेत रहे, आप उसी परिस्तिथि में अपना क्रडिट कार्ड ऋण को निजी-ऋण में परिवर्तित करें जब आपको उसे अदा करने में अड़चने आ रही हों।