ITR फाइल करते समय न भूलें इन बातों का उल्लेख करना!!
यहां पर आपको बताएंगे कि इनकम टैक्स फाइल करते समय आपको कौन-कौन सी जरुरी चीजों को भरना नहीं भूलना चाहिए।
यह जुलाई का महीना है वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही खत्म हो गई है और अधिकांश वेतनभोगी कर्मचारियों के मूल्यांकनअभी पीछे हैं। आप में से अधिकांश को अपने नियोक्ता से अपना फॉर्म 16 मिला होगा। यहआयकर रिटर्न भरने का तरीका है क्योंकि 31 जुलाई की समय सीमा तेजी से नज़दीक आ रही है।
आयकर रिटर्न भरना एक महत्वपूर्ण कार्य है और यदि आप समय सीमा से पहले अपनी रिटर्न भरते हैं तो इसका अपना लाभ होता है। यहां कुछ छोटी सी बातें हैं जो सभी वेतनभोगी कर्मचारियों को अपनी आय दर्ज करते समय ध्यान में रखनी चाहिए।
अपना फॉर्म 26 AS अच्छे से जाँच लें
यह बहुत महत्वपूर्ण है और इसे किसी भी हालत में छोड़ना नहीं चाहिए। टैक्स अथॉरिटी आपके जमा किए गए दस्तावेज़ों के साथ फॉर्म 26 AS में आपके द्वारा दी गयी प्रविष्टियों को मिलती हैं। आपको अपना फॉर्म 26 एएस ऑनलाइन देख लेना चाहिए और यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आप की आयकर रिटर्न और फॉर्म 26 एएस में दी गयी विषय-सूची के बीच कोई विसंगति तो नहीं है।
वर्ष और प्रारूप की जांच करें
आपको आयकर रिटर्न भरते समय बहुत सावधान रहना चाहिए।इस बात की पुष्टि कर लेनी चाहिए कि आप सही निर्धारण वर्ष के लिए रिटर्न भर रहे हैं और आपने सही प्रारूप चुना है, विभिन्न प्रकार के करदाताओं के लिए कई प्रारूप हैं। ये प्रारूप पिछले कुछ वर्षों में बदलते भी रहे हैं। यदि आप कई वर्षों की आयकर रिटर्न इकट्ठा भर रहे हैं, तोआपको दोगुना सावधान रहना होगा।
म्यूचुअल फंड निवेश
म्यूचुअल फंड निवेश बड़े समय से चल रहे हैं और भारत में पहली बार निवेश करने वाले बहुत सारे निवेशक हैं। हालांकि पिछले वित्तीय वर्ष तक इक्विटी फंडों पर अधिक पूंजीगत लाभ नहीं था, लेकिन इक्विटी और गैर-इक्विटी फंड दोनों पर अल्पकालिक पूंजीगत लाभ पर कर देना आवश्यक था।
इसी तरह गैर-इक्विटी फंडों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर कर देना आवश्यक था। इसको आपको अपने म्यूचुअल फंड स्टेटमेंट्स और आपके बैंक स्टेटमेंट्स के माध्यम से चलाने की आवश्यकता है। बलवंत जैन कहते हैं, यदि आपने व्यवस्थित निवेश योजना (SIP) या व्यवस्थित निकासी योजना (SWP) का चयन किया है, तो आपको कर की गणना करनी होगी और उसी के अनुसार कर जमा करना होगा।
ब्याज आय
अपने बचत बैंक खातों और सावधि जमा खतों पर अर्जित ब्याज का जिक्र करना न भूलें। आपको अपनी सकल आय में इस ब्याज आय को जोड़ कर आयकर की गणना करनी चाहिए। यदि आपने बैंक सावधि जमा खाते में निवेश किया है तो विभिन्न सावधि जमा खतों और आपके द्वारा खरीदे गए बांड द्वारा अर्जित ब्याज के लिए अपने बैंक खाते का विवरण देखें।
नाबालिगों की आय
यदि आपका बेटा और बेटी नबालिग हैं तो उनके नाम पर अर्जित ब्याज आय आपकी आय में जोड़ दी जानी चाहिए और फिर कर दिया जाना चाहिए। बच्चों के नाम पर अर्जित आय को उस माता-पिता की आय में जोड़ा जाना चाहिए जिसकी आय दोनों में से अधिक है।
सही बैंक विवरण प्रदान करें
आखिरी, किन्तु सबसे महत्वपूर्ण बात , आयकर रिटर्न दाखिल करते समय अपने सही बैंक खाते के विवरण का उल्लेख करें। यदि आपका कोई टैक्स रिफंड हो तो उसके लिए दावा करने के लिए यह आवश्यक है।