डीमैट खाता ऑनलाइन खोलने से पहले जान लें ये जरुरी बातें
यहां पर आपको डीमैट खाता ऑनलाइन खोलने से पहले कुछ जरुरी टिप्स बताएंगे।
अगर आप डीमैट अकाउंट के माध्यम से ऑनलाइल ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको इस पूरी खबर को जरूर पढ़ना चाहिए। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिर्पोट के अनुसार 31 मार्च 2018 को खत्म हुए वित्त वर्ष में लगभग 37.6 लाख नए डीमैट खाते खुले। यह डाटा 2007-08 में 30 लाख के रिकॉर्ड को पार कर गया है। पिछले कुछ सालों में शेयर बाजार में की तेजी का लाभ उठाने के लिए कई निवेशकों ने बाजार में सीधे निवेश किया है। अगर आप भी सीधे शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलकर ऐसा कर सकते हैं।
कैसे खुलेगा डीमैट अकाउंट
आपको बता दें कि डीमैट खाता ब्रोकरेज कंपनियां खोलती हैं। यहां ऑनलाइन निवेश करने के लिए ब्रोकिंग अकाउंट की जरुरत होती है। इसे एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईआई डायरेक्ट, एक्सिस डायरेक्ट, फेयर्स और जिरोधा जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है।
शेयरों में सीधे निवेश के लिए होने चाहिए 3 खाते
यदि आप ऑनलाइन ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो शेयरों में सीधे निवेश के लिए आपके पास तीन खाते होने चाहिए। इनमें बैंक खाता, ट्रेडिंग खाता और डीमैट खाता प्रमुख हे। बता दें कि ट्रेडिंग खाते के बिना डीमैट खाता अधूरा है। डीमैट खाते में आप सिर्फ डिजिटल रुप में शेयरों को रख सकते हैं।
ट्रेडिंग खाते के साथ यहां भी कर सकते हैं निवेश
ट्रेडिंग अकाउंट के साथ आप शेयर, आईपीओ, म्यूचुअल फंड और यहां तक गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। इसके बाद आप इन्हें डीमैट खाते में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट में शेयरों के रखरखाव का काम डिपॉजिटरी पार्टिसपेंट (डीपी) करते हैं। इनमें नेशनल सिक्योरिटी डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) और सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CDSL) शामिल हैं।
इस तरह ही पैसे होते हैं ट्रासफंर
सबसे पहले आपके सेविंग बैंक अकाउंट से ट्रेडिंग अकाउंट में पैसे आते हैं। ट्रेडिंग अकाउंट की अपनी खास आईडी होती है। इस खाते की सहायता से शेयरों की खरीद-फरोख्त की जा सकती है। इसके अलावा जितने शेयर बेचे या खरीदे जाते हैं यह डीमैट खाते में दिखता है। तो वहीं डीमैट खाते का उपयोग बैंक की तरह होता है जहां शेयरों को जमा किया जाता है।
जांच ले ब्रोकरेज फर्म की फीस
जिस तरह से किसी भी स्कीम या निवेश योजना में पैसे लगाने पर कुछ चार्ज अलग से देना होता है। उसे तरह डीमैट खाते के साथ भी कुछ चार्ज जुड़े होते हैं। इसमें ब्रोकर को चुनने में खास ध्यान देना चाहिए। खाता खोलने की फीस और ब्रोकिंग चार्ज के अलावा ट्रांजेक्शन चार्ज को भी देख लेना चाहिए।