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फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD) के ये 5 नियम शायद आप नहीं जानते होंगे

यहां पर आपको फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD) के पांच ऐसे नियम के बारे में बताएंगे जिनके बारे में शायद आप नहीं जानते होंगे।

By Gauri Shankar Sharma (lekhaka)
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नियमित और निश्चित आय की इच्छा रखने वाले निवेशकों के बीच एफडी एक पसंदीदा विकल्प है। कई बैंक ऑनलाइन FD खोलने की सुविधा देते हैं। कुछ बैंक 10 सालों का मैच्योरिटी पीरियड भी देते हैं। तो वहीं समय से पहले पैसे निकालने पर एफ़डी में चार्ज लगता है। आपको बता दें कि निवेशक महीने/तिमाही/छमाही और सालाना के आधार पर सुविधानुसार ब्याज पा सकते हैं। फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट पर लोन/ओवरड्राफ्ट की सुविधा भी होती है। SBI मूल जमा का 90% लोन/ओवरड्राफ्ट की सुविधा देता है।

1) मिलते हैं कई डिस्‍काउंट

1) मिलते हैं कई डिस्‍काउंट

1 अप्रैल 2018 से शुरू हुये वित्तीय वर्ष से सीनियर सिटीजन्स बैंक जमा, पोस्ट ऑफिस जमा और आरडी में ब्याज की आय पर ज़्यादा छूट पाने के हकदार हैं। नए टैक्स कानून में 80TTB की नई धारा जोड़ी गई है जिसके अंतर्गत सीनियर सिटीजन द्वारा जमा पर सालाना ब्याज से आय 50,000 होने पर ही कटौती की जा सकती है। वर्तमान में 80TTA में व्यक्तिगत सेविंग अकाउंट से 10,000 तक ब्याज आय की कटौती की जा सकती है। लेकिन 80टीटीए में वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए किसी तरह की कटौती की अनुमति नहीं दी गई है।

सीनियर सिटीजन्स को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि 1 अप्रैल से पहले उन्होने बैंक में जमा करवाया है या पोस्ट ऑफिस में। ब्याज की आय में कटौती तभी होगी जब सहकारी बैंक या डाक घर में जमा करवाया जाएगा। फिक्‍स्‍ड डिपॉजिट (FD) में निवेश क्‍यों करते हैं लोग, यहां पढ़ें

 

2) टीडीएस
 

2) टीडीएस

यदि साल में होने वाली ब्याज आय 10,000 से अधिक है तो बैंक टीडीएस काटता है या जो भी सोर्स है वो एफ़डी के ब्याज पर टैक्स काटेगा। साल 2015 के बाद से TDS, आरडी पर भी लागू कर दिया गया है। वरिष्‍ठ नागरिकों के लिए बजट 2018 में ब्याज की आय पर टैक्स सीमा 10,000 से बढ़ाकर 50,000 कर दी गई है। ये 10 जरुरी बातें आपको जानना होगा टैक्‍स सेविंग FD के बारे में

3)फॉर्म 26AS

3)फॉर्म 26AS

आप फॉर्म 26AS में टीडीएस की कटौती की जानकारी देख सकते हैं। यह आपका टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है जिससे पता चलता है कि आयकर विभाग ने कितना टैक्स काटा है। इससे आपको यह जानने में मदद मिलती है कि क्या सरकार के पास टैक्स सही से जमा हुआ है। अपने फॉर्म 26एएस फॉर्म को देखना ज़रूरी है ताकि आप जान सकें कि आपकी सैलरी, या एफ़डी के ब्याज पर सही तरह टैक्स कटौती की गई है और यह आगे जमा भी करवा दी गई है। यदि टैक्स क्रेडिट में कोई गड़बड़ी लगती है तो निवेशक बैंक से संपर्क कर सकता है। विभिन्न बैंकों की सेविंग और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) की ब्याज दर

4)आयकर में मिलती है छूट

4)आयकर में मिलती है छूट

यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि सभी बैंकों की एफ़डी में आयकर छूट मिलती है। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत, पांच वर्ष या उससे अधिक की परिपक्वता पर राशि अधिकतम रुपए 1.5 लाख होने पर अनुसूचित बैंक में बैंक एफडी में निवेश कटौती होगी। उदाहरण के लिए SBI में आप टैक्स सेविंग एफ़डी कम से कम 5 सालों और अधिकतम 10 सालों के लिए करवा सकते हैं। इस 5 साल तक के समय में आपकी पूंजी रुक जाती है, अगर आपने टैक्स सेविंग स्कीम में जमा करवाया है तो आप इस पर कोई लोन नहीं ले सकते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से जुड़े 5 जरूरी सवालों के जवाब

5) फॉर्म 15G/फॉर्म 15H

5) फॉर्म 15G/फॉर्म 15H

अधिकतर बैंक फॉर्म 15जी/फॉर्म 15एच को ऑनलाइन जमा करवाने की सुविधा देते हैं। फॉर्म 15जी/फॉर्म 15एच इस बात का सत्यापन है कि आपकी आय आयकर सीमा से कम है। बैंक को टीडीएस काटने से रोकने के लिए आप फॉर्म 15जी/फॉर्म 15एच जमा करवा सकते हैं। यदि कोई ऐसा नहीं कर पाता है तो अपना टैक्स रिटर्न भरकर वो अपना टैक्स वापस पा सकता है।

English summary

Bank Fixed Deposits (FDs): 5 Rules You May Not Know

Here you will know about 5 rules of Fixed Deposits (FDs) which you may not know. All details providing in Hindi.
Story first published: Saturday, May 5, 2018, 10:36 [IST]
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