सेवानिवृत्त लोगों के लिए 5 निवेश योजनाएं
यहां पर आपको बताएंगे कि सेवानिवृत्त लोग किन 6 निवेश योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
बहुत से लोगों के लिए सेवानिवृत्ति का अर्थ कमाई का अंत होना होता है, यदि उसके बाद भी आप एक कंसल्टेंट की तरह कार्य करते हैं तो आप पैसे कमा सकते हैं। सेवानिवृत्त व्यक्ति के लिए अपनी बची हुई राशि का निवेश इस तरह करना महत्वपूर्ण होता है जिससे उन्हें कर न चुकाना पड़े और उन्हें नियमित आय भी मिलती रहे। एक निश्चित आय और बाज़ार में निवेश, इन दोनों का मिश्रण एक रिटायर व्यक्ति के लिए चुनौती होता है। यह चुनौती इस राशि को अधिक समय तक टिका कर रखने की होती है- आप 58 या 60 वर्ष की आयु में रिटायर होते हैं और आपकी अधिकतम अनुमानित उम्र 80 वर्ष होती है।
यहां पर रिटायर लोगों के लिए कुछ निवेश विकल्प बताये गए हैं जो उन्हें उनके मासिक खर्च में सहायता प्रदान कर सकते हैं-
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS)
संभवत: रिटायर हुए अधिकाँश लोगों के इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो में सीनियर सिटीज़न सेविंग स्कीम (एससीएसएस) होती ही है। जैसा कि नाम से पता चलता है यह स्कीम केवल रिटायर व्यक्तियों या जल्दी रिटायर्मेंट लेने वालों के लिए है। कोई भी व्यक्ति जिनकी आयु 60 वर्ष से अधिक है वह SCSS को बैंक या डाकघर कहीं से भी खरीद सकता है। जल्दी रिटायर होने वाले व्यक्ति भी एससीएसएस ले सकते हैं यदि वे रिटायरमेंट फंड मिलने के तीन महीनों के अन्दर ही इसे खरीद लें। एससीएसएस की अवधि पांच वर्ष की होती है जिसे स्कीम पूरी होने के बाद तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।
वर्तमान में एससीएसएस में ब्याज दर 8.6 प्रतिवर्ष है जो त्रैमासिक देय है और पूरी तरह से कर के अधीन है। ये दरें प्रत्येक तिमाही में निर्धारित की जाती हैं और ये 100 आधार अंकों के प्रसार के साथ जी-सेक्शन की दरों के साथ जुडी होती हैं। एक बार निवेश करने के बाद ये दरें पूरी अवधि के लिए निश्चित होती हैं। वर्तमान में एससीएसएस सभी तुलनीय निश्चित आयकर उत्पादों के बीच उच्चतम टैक्स रिटर्न प्रदान करता है। अधिकतम निवेश सीमा 15 लाख है और कोई भी व्यक्ति एक से अधिक अकाउंट खोल सकता है। निवेश की गयी राशि और ब्याज पर अच्छा रिटर्न मिलता है, इसके अलावा एससीएसएस में किये गए निवेश में धारा 80C के तहत कर लाभ भी मिलता है और इस योजना में आप समय पूर्व निकासी भी कर सकते हैं।
पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम (POMIS) अकाउंट
POMIS पांच वर्ष की निवेश योजना है जिसमें ज्वॉइंट ओनरशिप (संयुक्त स्वामित्व) के तहत अधिकतम निवेश सीमा 9 लाख है तथा एकल स्वामित्व के तहत 4.5 लाख है। ब्याज तिमाही जमा होता है और वर्तमान में ब्याज की दर 7.8 प्रतिशत प्रतिवर्ष है जिसका भुगतान प्रतिमाह किया जाता है। पीओएमआईएस में किया गया निवेश किसी कर लाभ के अंतर्गत नहीं आता और ब्याज भी पूर्ण रूप से कर के अधीन आता है।
हर महीने पोस्ट ऑफिस जाने के बजाय उसी पोस्ट ऑफिस में आपके बचत खाते में सीधे ही जुड़ जाता है। इसके अलावा कोई भी बचत खाते से ब्याज को उसी डाकघर में आवर्ती जमा में स्वचालित रूप से स्थानान्तरित भी किया जा सकता है।
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) सेवानिवृत्त लोगों के लिए बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट एक अन्य विकल्प है। इसके साथ जुडी हुई सुरक्षा तथा निश्चित रिटर्न और संचालन में आसानी इसे एक विश्वसनीय निवेश बनाते हैं।
हालाँकि इस पर मिलने वाले ब्याज दर में निरंतर गिरावट आ रही है। वर्तमान में 1 से 10 वर्षों के लिए यह दर 7.25 प्रतिशत प्रतिवर्ष है। वरिष्ठ नागरिकों को 0.25-0.5 प्रतिशत प्रतिवर्ष अतिरिक्त दिया जाता है जो बैंक पर निर्भर करता है। कुछ बैंक वरिष्ठ नागरिकों को अधिक अवधि की FD के लिए लगभग 7.75 प्रतिशत ब्याज दर देते हैं।
SCSS और POMIS के विपरीत बैंक डिपॉजिट अवधि के मामले में लचीलापन प्रदान करते हैं। अत: किसी विशेष समय के लिए राशि को लॉक करने के बजाय निवेशक परिपक्वता के विभिन्न चरणों में निवेश कर सकते हैं। इससे न केवल फंड्स में लिक्विडिटी मिलती है बल्कि 'रि-इन्वेस्टमेंट रिस्क' का मैनेजमेंट भी हो जाता है। जब कम अवधि वाला एफडी मैच्योर हो तब इसे अधिक अवधि के लिए रिन्यू कर लें और इस प्रक्रिया को तब तक जारी रखें जब तक अन्य एफडी मैच्योर नहीं हो जाते। ऐसा करते समय सुनिश्चित करें कि आपको नियमित आय मिलती रहे और आपका पैसा विभिन्न निवेशों तथा विभिन्न संस्थाओं में हो।
वे लोग जो टैक्स बचाना चाहते हैं उनके लिए पांच वर्ष का टैक्स सेविंग बैंक एफडी एक अच्छा विकल्प है। इसमें किया गया निवेश धारा 80सी के कर लाभ के अंतर्गत आता है। हालाँकि इस प्रकार के डिपॉजिट में 5 वर्ष का लॉक-इन समय होता है तथा आप पैसे की समय पूर्व निकासी नहीं कर सकते। फिलहाल ब्याज कर योग्य है परन्तु जिस वर्ष आप इसमें निवेश करते हैं उस वर्ष के ब्याज पर आपको कोई कर नहीं लगता। अधिकाँश बैंक ऐसी दर प्रदान करते हैं जो गैर-कर सेविंग डिपॉजिट दर से थोड़ी कम होती हैं। अत: यदि आप इसमें निवेश करना चाहते हैं तो ध्यानपूर्वक चुनें।
म्यूचल फंड्स (MF)
जब कोई व्यक्ति रिटायर होता है तब ऐसा समय आने वाला होता है जब उसके आय का स्त्रोत समाप्त होने वाला है और इसकी अवधि दो दशक या उससे अधिक हो सकती है तब सेवानिवृत्ति निधि के कुछ हिस्से का निवेश इक्विटी समर्थित उत्पादों में करना महत्वपूर्ण माना जाता है। याद रखें, सेवानिवृत्ति आय (ब्याज, लाभांश आदि के माध्यम से) सेवानिवृत्ति वर्षों के दौरान भी मुद्रास्फीति की दर के अधीन होगी। अध्ययनों से पता चला है कि अन्य संपत्तियों की तुलना में उच्च मुद्रास्फीति समायोजित रिटर्न प्रदान करती है।
जोखिम प्रोफाइल के आधार पर मंथली इनकम प्लान्स (MIPs) में बड़े कैप और संतुलित फंडों में आगे विवधीकरण के साथ इक्विटी म्यूचल फंड (एमएफ) में एक निश्चित प्रतिशत आवंटित किया जा सकता है। सेवानिवृत्त लोगों को सलाह दी जाती है कि वे विषयगत और सेक्टरल फंडों जैसे मध्य और स्मॉल कैप से दूर रहें। ऐसा इसलिए क्योंकि रिटायर व्यक्ति का उद्देश्य उच्च और अस्थिर रिटर्न के बजाय स्थिर रिटर्न प्राप्त करना होता है।
टैक्स-फ्री बांड्स
टैक्स फ्री बांड्स हालाँकि वर्तमान में प्राइमरी मार्केट में उपलब्ध नहीं हैं परन्तु रिटायर व्यक्ति इनमें भी निवेश कर सकते हैं। प्राथमिक तौर पर ये सरकार समर्थित संस्थानों जैसे रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईआरएफसी), पॉवर फाइनेंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पीएफसी), नेशनल हाईवेज़ अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (एनएचएआई), हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एचयूडीसीओ), रूरल इलेक्ट्रीफिकेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आरईसी), एनटीपीसी लिमिटेड और इन्डियन रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी द्वारा जारी किये जाते हैं और इनमें से अधिकाँश सुरक्षित होते हैं। आप इन्हें स्टॉक एक्सचेंज में खरीद या बेच सकते हैं क्योंकि ये प्रतिभूतियों की सूची में आते हैं।
तत्काल वार्षिकी
सेवानिवृत्त व्यक्ति जीवन बीमा कंपनियों की तत्काल वार्षिकी योजनाओं में भी निवेश कर सकते हैं। पेंशन या वार्षिकी पर मिलने वाली ब्याज दर 5-6 प्रतिशत है और यह पूरे तरीके से कर के अधीन है। हालाँकि इसमें निवेशक की पूंजी वापसी का कोई प्रावधान नही है अर्थात वार्षिकी खरीदने के लिए उपयोग की जाने वाली राशि वापिस नहीं की जा सकती।
लगभग 7-10 विभिन्न पेंशन विकल्प उपलब्ध हैं जिसमें जीवन भर पेंशन, मृत्यु के बाद जीवनसाथी को पेंशन और उसके बाद उनके उत्तराधिकारियों को जमा राशि की वापसी शामिल हैं। किसी भी पेंशन विकल्प के तहत निवेशक को निवेश की गयी राशि वापस करने का प्रावधान नहीं है।
तत्काल वार्षिकी उस निवेशक के लिए उपयोगी नहीं है जो अपने पोर्टफोलियो का चुनाव तथा निर्माण करने में सक्षम हैं। तो यदि आप अपना पोर्टफोलियो खुद प्रबंधित कर सकते हैं तो अच्छा होगा कि आप इस योजना के बजाय अन्य विभिन्न विकल्पों में निवेश करें। तत्काल वार्षिकी के संदर्भ में ऐसी सलाह इसलिए भी दी जाती है क्योंकि इन पर रिटर्न कम मिलता है।