भारत के इन 7 स्माल कैप स्टॉक्स में है शानदार मुनाफा
यहां पर आपको भारत के 7 बेहतरीन स्मॉल कैप स्टॉक्स के बारे में बताएंगे जो कि आपको शानदार मुनाफा भी प्रदान करेंगे।
बाजार अब 33,500 के स्तर पर पहुंच चुका है, जिसमें कि इसके उच्चतम स्तर से 7% का सुधार है। उभरते बाजार में स्माल कैप के अच्छे शेयर चुनना थोड़ा कठिन होता है। फिर भी, हम आपके लिए कुछ अच्छे शेयर्स की सूची लाये हैं जिनमें मीडियम और लॉन्ग टर्म में आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है। आइये देखें ऐसे बेहतर स्माल कैप शेयर्स जो साल 2018 में खरीदे जा सकते हैं।
फेडरल बैंक
दिसंबर 2017 में खत्म हुई तिमाही में फेडरल बैंक के वित्तीय रिजल्ट्स अच्छे रहे हैं। बैंक के कुल जमा 1 लाख करोड़ के पार हो चुके हैं, जिनमें से 96% रिटेल डिपॉज़िट है। असेट क्वालिटी इंडिकेटर्स भी बहुत अच्छे रहे हैं, ग्रॉस नॉन-प्रॉफ़िट असेट 2.52 प्रतिशत और नेट एनपीए 1.36 प्रतिशत रहा है। बैंकिंग सेक्टर में एनपीए से जुड़ी चिंताएं रही हैं और कुछ बैंकिंग सेक्टर्स में एनपीए 15% तक पहुंचे हैं। बैंक की शुद्ध ब्याज आय अब तक की सबसे ज़्यादा 950 करोड़ दर्ज़ की गई है। बैंक के पेरोल अकाउंट 57% बढ़े हैं और पहली बार 3 लाख के आंकड़े के पार हैं।
फेडरल बैंक की मजबूत नींव
इस बैंक के बारे में खास बात रही है कि इसने रिटेल लेंडिंग पर फोकस रखा है और जोखिम भरे कॉर्पोरेट सेक्टर लेंडिंग को इसने नजरअंदाज किया है। बैंक की केरल में ज़्यादा अच्छी पकड़ है, लेकिन अब केरल के मार्केट से निकलकर अन्य राज्यों में भी अपने पाँव फैलाने पर बैंक का फोकस है।
इसका शुद्ध ब्याज लाभ 3.3% रहा है, जो कि पिछली तिमाही से 2 आधार अंक ज़्यादा है। फेडरल बैंक के शेयर्स ने वन इयर फॉरवर्ड अरनिंग पर 18 गुना की पी/ई पर कारोबार किया है। बूक प्राइस 1.4 गुना से कम रही है। वर्तमान में 97 रुपए के लेवल पर यह एक आकर्षक शेयर है। लेकिन इसे लंबे समय के निवेश के लिए ही खरीदें।
एनसीसी (NCC)
एनसीसी कन्सट्रेक्शन के बिजनेस में है और इसकी उपस्थिती रियल एस्टेट और कमर्शियल के साथ लगभग सभी क्षेत्रों में है। कंपनी के ऑर्डर्स शानदार बुक हुये हैं और 9 महीनों में 31 दिसंबर 2017 तक पिछले साल की तुलना में ऑर्डर्स में 132% की बढ़ोतरी हुई है।
31 दिसंबर 2017 तक कंपनी ने 21,614 करोड़ के ऑर्डर बुक किए हैं जिनमें बिल्डिंग, सड़क, जल एवं पर्यावरण, रेलवे और सिंचाई के नए ऑर्डर शामिल हैं। जैसे कि सरकार का सड़कों और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर ज़ोर है ऐसे में कंपनी के ऑर्डर और तेज़ी से बुक होने की आशा है।
एनसीसी: तिमाही में शानदार प्रदर्शन
दिसंबर 2017 में खत्म हुई तिमाही में एनसीसी का प्रदर्शन शानदार रहा है। पिछले साल के 58 करोड़ के मुक़ाबले कंपनी का शुद्ध मुनाफा 100 करोड़ रहा है।
ईपीएस भी पिछले साल के 1.2 से दुगना 2.3 रहा है। हमें विश्वास है कि कंपनी आगे भी तेजी से बुक होंगे और नई रफ्तार पकड़ेंगे।
साल 2018-19 तक कंपनी का ईपीएस 10 तक पहुँच जाएगा। इस कमाई पर यह शेयर 12 गुना कारोबार कर रहा है। 15 पी/ई के साथ यह स्जेयर 150 तक बढ़ेगा। आप लंबे सामी को दिमाग में रखते हुये यह स्माल कैप शेयर खरीद सकते हैं।
बीएसई लिमिटेड
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) देश का सबसे पुराना एक्सचेंज है। एनएसई और मेट्रोपॉलिटन स्टॉक एक्सचेंज के साथ ही यह भी शेयर, डेरिवेटिव, करेंसी के कारोबार पर नियंत्रण रखता है।
पिछले दो दशकों में, एनएसई की तुलना में बीएसई में कैश और डेरिवेटिव की मात्रा कम रही है, क्योंकी एनएसई इससे बड़ा है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कमाई पर प्रेशर है, लेकिन बीएसई के प्रति आशावादी होने के कई कारण हैं। पहला तो यह कि, इसके शेयर की रेट 806 रुपए है जो कि इसके आईपीओ से भी कम है।
798 रुपए के शेयर अपने 52 सप्ताह के सबसे निचले स्तर पर हैं। साथ ही, देश में लोगों की स्टॉक्स के शेयर खरीदने में रुचि बढ़ी है। वित्तीय बचत में इक्विटी का प्रतिशत 5% है, जब कि ब्राज़ील में यह 14%, चीन में 16%, इन्डोनेशिया में 20% और अमेरिका में 42% रहा है।
बीएसई लिमिटेड, ज़्यादा तेज़ी नहीं
इसके शेयर में ज़्यादा तेज़ी नहीं है, क्यों कि लिस्टिंग फीस लगातार नहीं बदलने से लाभ पहले जैसा ही रहेगा। बाज़ार में गिरावट के समय भी स्टॉक मार्केट्स में लगभग लाभ होता ही है, क्यों कि इस समय लोग शेयर बेचते हैं।
वित्तीय स्थिति के अगर बात करें तो इस एक्सचेंज का ईपीएस दिसंबर 31, 2017 को खत्म हुई तिमाही में 10.75 रुपए रहा है। ऐसा अनुमान है कि 2018-19 में इसका ईपीएस 45 रुपए तक रहेगा। 25 गुना पी/ई के साथ इसके 1125 रुपए पर ट्रेड होने का अनुमान है।
ध्यान रहे कि, एमसीएक्स जो कि कमोडिटी एक्सचेंज है इसका पी/ई 40 गुना रहा है। इसका मतलब है कि बीएसई का पी/ई बहुत कम है।
जागरण प्रकाशन
जागरण प्रकाशन का प्रसिद्ध अखबार "दैनिक जागरण" 7 करोड़ पाठकों के साथ आईआरएस रेटिंग में शिखर पर है। कंपनी के अनुसार, दैनिक जागरण आईआरएस सर्वे अपने प्रतिद्वंदी अखबार से 1.8 करोड़ पाठकों से आगे है।
यह यूपी में सबसे आगे है, 15 में से 12 शहरों में इसका बड़ा मार्केट है। मुंबई का प्रसिद्ध सायकालीन अखबार ‘मिड डे", और "नई दुनिया" और रेडियो सिटी एफ़एम रेडियो भी इसी समूह का है, यह बिजनेस भी अच्छा ग्रो कर रहा है।
अच्छे मार्जिन बरकरार रखते हुये कंपनी की प्रिंट, डिजिटल और रेडियो बिजनेस में शानदार ग्रोथ है। दिसंबर 31, 2017 को खत्म हुई तिमाही में ईबीआईटीडीए मार्जिन्स 30% रहे हैं।
रेडियो और डिजिटल में बढ़ती ग्रोथ
इन दोनों बिजनेस में कंपनी अच्छी ग्रोथ दर्ज़ कर रही है। रेडियो सिटी का बेंगलुरु में मार्केट शेयर 25% और मुंबई में 14% है। जब कि इंडस्ट्री ग्रोथ 2% है, रेडियो बिजनेस में कंपनी ने 5% की ग्रोथ दर्ज़ की है।
डिजिटल मीडिया बिजनेस में भी तेज़ी से ग्रोथ हो रही है। दिसंबर 2017 की तिमाही में डिजिटल टॉपलाइन 16.8% रहा है। मोबाइल पर युनीक यूजर्स में 25% बढ़ोतरी हुई है।
लोगों का प्रिंट की तुलना में मोबाइल और डेस्कटॉप की ओर रुझान बढ़ा है, इसलिए इस बिजनेस में अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद है।
भविष्य में विकास के अवसर
जागरण प्रकाशन के शेयर 159 रुपए के साथ 52 सप्ताह के निम्नतम स्तर पर हैं। शेयर 162 रुपए पर कारोबार कर रहा है, जो कि इसे आकर्षक बनाता है। कुछ राज्यों में चुनावों के चलते कंपनी के मुनाफे में अच्छी ख़ासी बढ़ोतरी रहने की संभावना है।
इसके साथ ही, अगले साल केंद्र सरकार के चुनाव होंगे, ऐसे में इसके शेयरों में मुनाफा होने के अच्छी ख़ासी संभावना रहेगी।
अगले कुछ सालों में डिजिटल और रेडियो बिजनेस में तेजी रहने के मद्देनजर इस शेयर में बेहतर संभावनाएं नज़र आ रही हैं। 2018-19 में 12 ईपीएस, 20 गुना पी/ई लगाकर यह शेयर 240 तक जाएगा।
अस्वीकरणीय (Disclaimer)
यह आर्टिकल सिक्योरिटीज या अन्य वित्तीय साधनों के बेचने और खरीदने के लिए बाध्य नहीं करता है। ग्रेनियम इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड, इसके सहायक, सहयोगी और लेखक इस लेख में जानकारी के आधार पर होने वाले नुकसान या क्षति के लिए कानूनन जिम्मेदार नहीं हैं।