फिर झटका : विदेशी मुद्रा भंडार और घटा, जानिए कितना
नई दिल्ली, जनवरी 16। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार घट रहा है। 7 जनवरी 2022 को खत्म हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 87.8 करोड़ डॉलर कम होकर 632.736 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है। इस आंकड़ों के अनुसार 31 दिसंबर 2021 को खत्म हुए हफ्ते में 1.466 अरब डॉलर घटकर 633.614 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया था। इसके अलावा विदेशी मुद्रा भंडार 3 सितंबर, 2021 को खत्म हुए हफ्ते के दौरान 642.453 अरब डॉलर के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया था।

विदेशी मुद्रा के मामले में दुनिया के टॉप 5 देश
- चीन 3.42 ट्रिलियन डॉलर
- जापान 1.40 ट्रिलियन डॉलर
- स्विटरलैंड 1.08 ट्रिलियन डॉलर
- भारत 632,736 बिलियन डॉलर
- रूस 630,500 बिलियन डॉलर
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार देश के हित में
जिस देश के पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार होता है, उस देश की आर्थिक स्थिति भी अच्छी मानी जाती है। ऐसा इसलिए होता है कि अगर दुनिया में कोई दिक्कत आ जाए तो देश अपनी जरूरत का सामान कई माह तक आसानी से मंगा सकता है। इसीलिए दुनिया के बहुत से देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को काफी मजबूत बना कर रखते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में निर्यात के अलावा विदेशी निवेश से डॉलर या अन्य विदेशी मुद्रा आती है। इसके अलावा भारत लोग जो विदेश में काम करते हैं, उनकी तरफ से भेजी गई विदेशी मुद्रा भी बड़ा स्रोत होती है।

जानिए क्यों गिरा विदेशी मुद्रा भंडार
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार घटा है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 7 जनवरी 2022 को खत्म हुए हफ्ते के दौरान विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में कमी का दर्ज होना रहा है। एफसीए विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होता है। आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, खत्म हुए हफ्ते के दौरान एफसीए 49.7 करोड़ डॉलर घटकर 569.392 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है। एफसीए में डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्रा के घट -बढ़ को भी शामिल किया जाता है।

गोल्ड रिजर्व की वैल्यू भी घटी
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार इस दौरान गोल्ड रिजर्व का मूल्य 36 करोड़ डॉलर घटकर 39.044 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। वहीं समीक्षाधीन सप्ताह के दौरान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 1.6 करोड़ डॉलर घटकर 19.098 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। अंतररराष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के कोष में भी 50 लाख डॉलर कम होकर यह 5.202 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया।