आलू-प्याज के चलते बढ़ी महंगाई
नई दिल्ली। आर्थिक सुस्ती से परेशान मोदी सरकार की चिंता महंगाई ने बढ़ा दी है। थोक खुदरा महंगाई की दर 3 महीने के उच्चतम स्तर पर आ गई है। आज जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) बढ़कर 0.58 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इस महंगाई को बढ़ाने में सब्जियों से लेकर दाल तक का हाथ सबसे ज्यादा है।
जानिए कहां पर थी पहले महंगाई की दर
नवंबर 2019 में खुदरा महंगाई दर में तेजी दर्ज की गई है। महंगाई की ये दर 0.58 फीसदी पर आ गई है, जो अक्टूबर 2019 में 0.16 प्रतिशत पर थी। वहीं सितंबर 2019 में यह 0.33 प्रतिशत और अगस्त 2019 में यह दर 1.17 प्रतिशत पर थी। महंगाई की इस दार में बीते 3 महीने में पहली बार बढ़त दर्ज हुई है। हालांकि सालाना आधार पर देखें तो पिछले साल नवंबर में थोक महंगाई दर 4.47 प्रतिशत पर थी।
खाद्य पदार्थों ने बढ़ाई महंगाई
आंकड़ों के मुताबिक खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर 11 प्रतिशत रही है, जो अक्टूबर में 9.80 फीसदी थी। वहीं गैर-खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में कमी दर्ज हुई है। गैर-खाद्य सामग्री और विनिर्माण उत्पादों का छोड़ महंगाई दर अक्टूबर में गिरकर 0.16 प्रतिशत पर आ गई थी। थोक मूल्य सूचकांक के आंकड़ों के आधार पर नवंबर में थोक महंगाई दर बढ़कर 0.58 फीसदी हो गई। आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में सब्जियों की थोक महंगाई 38.91 फीसदी से बढ़कर 45.32 फीसदी हो गई है। वहीं दालों की थोक महंगाई 16.57 फीसदी से बढ़कर 16.59 फीसदी पर आ गई है।
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