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Tata ग्रुप की लिस्टेड कंपनियां रह जाएंगी आधी, जानिए आपके शेयरों का क्या होगा

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नई दिल्ली, सितंबर 26। टाटा संस अब कम लेकिन बड़ी कंपनियों में निवेश करने पर ध्यान दे रहा है। इसके लिए आने वाले महीनों में टाटा ग्रुप अपनी शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों की संख्या को 29 से 15 तक घटाएगा। इस योजना की शुरुआत हो चुकी है। टाटा ग्रुप 128 अरब डॉलर के रेवेन्यू और 255 अरब डॉलर की मार्केट कैप वाला ग्रुप है। टाटा ग्रुप अब ग्रोथ पर बेहतर ध्यान देने और बड़ी कंपनियों में कैशफ्लो में सुधार करने के लिए अपनी सिम्प्लिफिकेशन और सिनरजाइजिंग रणनीति को तेज कर रहा है। बता दें कि लिस्टेड कंपनियों की संख्या कम करना टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की देश के सबसे पुराने समूह को भविष्य के लिए तैयार करने की योजना का हिस्सा है।

 

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कितनी कंपनियां हैं टाटा संस के पास

कितनी कंपनियां हैं टाटा संस के पास

एक रिपोर्ट के अनुसार इस प्रयास के जरिए टाटा ग्रुप छोटी कंपनियों में लगाए जाने वाले बहुत सारे मैनेजमेंट टाइम और प्रयास को भी कम करेगा। टाटा ग्रुप की 29 लिस्टेड कंपनियों के अलावा, वर्तमान में लगभग पांच दर्जन नॉन-लिस्टेड कंपनियां और 10 क्षेत्रों में सैकड़ों सब्सिडरी कंपनियां हैं। टाटा ग्रुप ने पिछले सप्ताह ही टाटा स्टील में इसकी सात सहायक कंपनियों का विलय कर दिया और अपने स्टील कारोबार को मजबूत करने की प्रोसेस शुरू की।

आपके शेयरों का क्या होगा
 

आपके शेयरों का क्या होगा

टाटा ग्रुप जो प्लान बना रहा है, उसके तहत चार लिस्टेड कंपनियों का विलय किया जाएगा। जब किसी दो या अधिक कंपनियों का विलय होता है तो जिस कंपनी में अन्य कंपनियों का विलय किया जाता है, वो उन कंपनियों के शेयरधरकों को एक निश्चित अनुपात में शेयर देती है। टाटा ग्रुप की कंपनियों के मामले में भी ऐसा ही हो सकता है।

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और टाटा कॉफी

टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स और टाटा कॉफी

इससे पहले इसी साल मार्च में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स ने टाटा कॉफी के सभी कारोबारों को अपने साथ मिलाने का ऐलान किया था। टाटा कंज्यूमर टाटा ग्रुप की एफएमसीजी यूनिट है। टाटा कंज्यूमर अपने पुनर्गठन के बाद इसकी होल्डिंग वाली मौजूदा 45 कंपनियों को लगभग दो दर्जन तक कम करने की योजना बना रही है।

अनावश्यक लागत होगी खत्म

अनावश्यक लागत होगी खत्म

ईटी की रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि यह फैसला लंबे समय से लंबित है। इससे अनावश्यक ओवरहेड्स और लागत को खत्म किया जाएगा। कहा गया है कि तब कुछ विशिष्ट आवश्यकताओं के साथ ऐसी कई छोटी कंपनियों को शुरू और लिस्ट किया गया था। आज, स्केल और लागत ऑप्टिमाइजेशन से कैपिटल और संसाधनों को बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकेगा।

2018 में भी हुआ था विलय

2018 में भी हुआ था विलय

2018 में, टाटा संस ने एक ही कंपनी टाटा एयरोस्पेस एंड डिफेंस के तहत एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्रों के अपने कई कारोबारों को मिला दिया था। वहीं 2017 में, सीएमसी को टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ मिला दिया गया था। इसी तरह टेक क्षेत्र में, समूह में अब तीन प्रमुख कंपनियां हैं, जिनमें टाटा कंसल्टेंसी, टाटा एलेक्सी और नॉन-लिस्टेड कंपनी टाटा डिजिटल शामिल हैं। ऑटोमोबाइल क्षेत्र में, इसकी तीन सूचीबद्ध कंपनियां हैं, जिनमें टाटा मोटर्स, ऑटोमोटिव स्टैम्पिंग्स एंड असेंबली लिमिटेड, और ऑटोमोबाइल कार्पोरेशन ऑफ गोवा शामिल हैं। टाटा ऑटोकॉम्प सिस्टम्स अनलिस्टेड है। इन कंपनियों को एक ही कंपनी के दायरे में लाया जा सकता है।

English summary

Listed companies of Tata group will be half know what will happen to your shares

Through this effort, the Tata Group will also reduce a lot of management time and effort in smaller companies. Apart from the 29 listed companies of the Tata Group, there are currently about five dozen unlisted companies and hundreds of subsidiary companies in 10 sectors.
Story first published: Monday, September 26, 2022, 19:09 [IST]
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