Investment Tips : इस समय शेयर, Mutual Fund, Gold और एफडी में क्या है बेस्ट, यहां जानिए
Investment Tips- साल 2022 ने निवेशकों को खासा निराश किया है। इस साल इक्विटी, सोन, क्रिप्टोकरेंसी सभी में गिरावट की स्थिति रही है। विश्व के प्रमुख देशों के केन्द्रिय बैंको ने ब्याज दरों को समय सयम पर बढ़ाकर बाजार में अस्थिरता पैदा की है। रूस-युक्रेन के बीच जारी संघर्ष ने सप्लाई चेन को प्रभावित किया है। हालांकि गिरावट के बाद भारत के प्रमुख बेंचमार्क सूचकांक में दशहरा के पहले से ही तेजी देखने को मिल रही है। बाजार में चल रहे उठापटक के बीच क्या निवेशकों को इक्विटी में जोखिम उठाना चाहिए या फिर अन्य निवेश विकल्पों में निवेश करने के बारे में सोचना चाहिए, चलिए हम आपकों बताते हैं।
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निवेश करने के लिए प्लानिंग है जरूरी
सभी निवेशकों को हमेशा अपनी जोखिम की भूख को अपने वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से ही रखना चाहिए। उदाहरण के लिए 5 साल या उससे अधिक के वित्तीय लक्ष्य रखने वाले निवेशकों को इक्विटी या इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करना सही रहेगा। क्योंकि यहां लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न मिलने की ज्यादे उम्मीद है। छोटे निवेश के लिए फिलहाल इक्विटी मार्केट से दूर रहना चाहिए।
इक्विटीज में निवेश
वैश्विक बाधाओं के बावजूद, लंबी अवधि में दांव लगाने के लिए इक्विटी एक बेहतर विकल्प है। निवेशकों के लिए कुल मिलाकर वर्ष 2022 निराशाजनक रहा है। वैश्विक भू-राजनैतिक कारणों से शेयर बाजरा में अस्थिरता बनी रही है। निवेशकों को इस सयम अपने 40 से 50 प्रतिशत धन को लंबे समय के लिए इक्विटी मार्केट में निवेश करना चाहिए। गिरावट का समय लंबी अवधि के निवेश के लिए सही होता है।
म्यूचुअल फंड, गोल्ड और एफडी में निवेश
इस बीच, सावधि जमा और सरकारी बॉन्ड, लगभग 6-7% रिटर्न दे सकते हैं, जबकि सोना सपाट रह सकता है, विशेषज्ञों का कहना है कि वर्तमान में स्थितियों को देखते हुए इन अस्थिर बाजारों में एसआईपी के माध्यम से म्यूचुअल फंड में अपने निवेश योग्य धन का 20-25 प्रतिशत के आवंटन कनरा चाहिए। इससे निवेशकों को लंबी अवधि के लिए रुपये की लागत में औसत रणनिती बनाने में सफरलता मिलेगी।
इक्विटी म्यूचुअल फंड
इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए एसआईपी का उपयोग करने वाले निवेशकों को अपने एसआईपी के साथ बने रहना चाहिए। ऐसा करने से उन्हें कम एनएवी पर अधिक इक्विटी फंड यूनिट खरीदने का लाभ मिलेगा। इससे निवेशकों की औसत लागत कम होगी और उन्हें अपने वित्तीय लक्ष्यों को जल्द हासिल करने में भी मदद मिल सकती है।
गोल्ड ईटीएफ
गोल्ड ईटीएफ/सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के जरिए गोल्ड में निवेश किया जा सकता है। जानकारों का मानना है कि जब निवेश उत्पाद के रूप में सोने की बात आती है, तो निवेशकों को निवेश किए जाने योग्य राशि का 20-25 प्रतिशत ही लंबी अवधि के लिए इनमें निवेश किए जा सकते हैं।
बैंक एफडी
बैंक एफडी को भारत में सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है, लेकिन जानकारों का कहना है कि एफडी जो उच्च मुद्रास्फीति के समय में 5-6 प्रतिशत रिटर्न दे रहे हैं। इनमें निवेश कनरे से अभी बचना चाहिए। इसके बदले निवेशक कम जोखिम वाले निवेश पर 8-9 प्रतिशत रिटर्न के लिए इनविट या आरईआईटी जैसे वैकल्पिक निवेश उत्पादों में निवेश कर सकते हैं।