GDP के आंकड़ों ने चौकाया, रिकॉर्ड 7.2 प्रतिशत बढ़ी जीडीपी
India's latest GDP figures: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने भारत के जीडीपी के लेटेस्ट आंकड़े जारी कर दिए हैं। भारत के जीडीपी के आंकड़े उम्मीद से काफी बेहतर रहे हैं।
इन आंकड़ों के अनुसार भारत ने जनवरी-मार्च 2023 की अवधि में पिछली तिमाही में 4.4 प्रतिशत की तुलना में 6.1 प्रतिशत की जीडीपी बढ़त दर्ज की है। चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर ने अनुमानों को पीछे छोड़ दिया है। आरबीआई ने पहले तिमाही के दौरान 5.1 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था।
वहीं पूरे वित्त वर्ष 2022-23 के लिए जीडीपी की बढ़त 7.2 प्रतिशत रही है। जीडीपी की यह बढ़त आरबीआई के 7 प्रतिशत के अनुमान से भी अधिक है।
जीडीपी में कृषि सेक्टर का योगदान बढ़ा
जीडीपी के आंकड़ों के अुनसार कृषि सेक्टर में तेज बढ़त दर्ज हुई है। कृषि क्षेत्र में जीवीए वृद्धि पिछली तिमाही के 4.7 प्रतिशत थी जो अब बढ़कर 5.5 प्रतिशत हो गई। वहीं यह पिछले साल की पहली तिमाही में 4.1 प्रतिशत थी।
वहीं वर्ष 2022-23 में रियल जीडीपी (2011-12) कीमतों पर 160.06 लाख करोड़ रुपये रही है। जबकि वर्ष 2021-22 के लिए जीडीपी का पहला संशोधित अनुमान 149.26 लाख करोड़ रुपये का था। सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा है कि 2022-23 के दौरान वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि 2021-22 में 9.1 प्रतिशत की तुलना में इस बार 7.2 प्रतिशत रही है।
किस सेक्टर की ग्रोथ चौथी तिमाही में कितनी रही
- कृषि क्षेत्र 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा
- माइनिंग सेक्टर में 4.3 फीसदी की दर से बढ़ा
- निर्माण क्षेत्र 10.4 प्रतिशत की दर से बढ़ा
- बिजली 6.9 फीसदी की दर से बढ़ा
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर 4.5 फीसदी की दर से बढ़ा
- वित्तीय क्षेत्र 7.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा
- व्यापार और होटल 9.1 प्रतिशत की दर से बढ़ा
जानिए फाइनेंशियल ईयर 2022-23 की किस तिमाही में कितनी बढ़ी जीडीपी
- पहली तिमाही : 13.1 फीसदी
- दूसरी तिमाही : 6.2 फीसदी
- तीसरी तिमाही : 4.5 फीसदी
- चौथी तिमाही : 6.1 फीसदी
क्या होती है जीडीपी
ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट या कहें कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) किसी एक साल में देश में पैदा होने वाले सभी सामानों और सेवाओं की कुल वैल्यू को कहते हैं। जानकारों के अनुसार जीडीपी ठीक वैसी ही है, जैसे किसी छात्र की मार्कशीट होती है।
जिस तरह मार्कशीट से पता चलता है कि छात्र ने साल भर में कैसा प्रदर्शन किया है और किन विषयों में वह मजबूत या कमजोर रहा है, उसी तरह जीडीपी आर्थिक गतिविधियों के स्तर को दिखाता है। इससे यह पता चलता है कि किन सेक्टरों की वजह से इसमें तेजी या गिरावट आई है।
यह भी पढ़ें: बेटी की शादी पर मिलेंगे 1 करोड़ रुपये, 5100 रु से शुरू करें निवेश