बुरी खबर : साल के अंतिम हफ्ते में घटा विदेशी मुद्रा भंडार
नई दिल्ली, जनवरी 2। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 24 दिसंबर 2021 को खत्म हुए हफ्ते के दौरान 58.7 करोड़ डॉलर घटकर 635.08 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया। रिजर्व बैंक की तरफ से जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इससे पहले 17 दिसंबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 16 करोड़ डॉलर घटकर 635.667 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया था। वहीं 3 सितंबर, 2021 को खत्म हुए हफ्ते में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 642.453 अरब डॉलर के ऑलटाइम हाई के स्तर पर था।
विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में अब ये हैं टॉप 5 देश
- चीन 3,398,927 ट्रिलियन डॉलर
- जापान 1,405,754 ट्रिलियन डॉलर
- स्विटरलैंड 1,086,197 ट्रिलियन डॉलर
- भारत 635,080 बिलियन डॉलर
- रूस 630,500 बिलियन डॉलर

ये है विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट का कारण
आरबीआई के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार 24 दिसंबर 2021 को खत्म समीक्षाधीन सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट आने की मुख्य वजह विदेशी मुद्रा आस्तियों (एफसीए) में कमी दर्ज होना रहा है। यह कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होता है। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान एफसीए 84.7 करोड़ डॉलर घटकर 571.369 अरब डॉलर रह गया। डॉलर में अभिव्यक्त किये जाने वाले विदेशीमुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे यूरो, पौंड और येन जैसे गैर-अमेरिकी मुद्रा के घट -बढ़ को भी शामिल किया जाता है।
हालांकि इस दौरान गोल्ड रिजर्व बढ़ा
आरबीआई के आंकड़ों के दौरान समीक्षाधीन हफ्ते में भारत का गोल्ड रिजर्व 20.7 करोड़ डॉलर बढ़कर 39.39 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया है। आलोच्य सप्ताह में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के पास विशेष आहरण अधिकार 2.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 19.114 अरब डॉलर हो गया। अंतररराष्ट्रीय मुद्राकोष में देश का मुद्रा भंडार 2.8 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.207 अरब डॉलर हो गया।
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार देश के हित में
जिस देश के पास मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार होता है, उस देश की आर्थिक स्थिति भी अच्छी मानी जाती है। ऐसा इसलिए होता है कि अगर दुनिया में कोई दिक्कत आ जाए तो देश अपनी जरूरत का सामान कई माह तक आसानी से मंगा सकता है। इसीलिए दुनिया के बहुत से देश अपने विदेशी मुद्रा भंडार को काफी मजबूत बना कर रखते हैं। विदेशी मुद्रा भंडार में निर्यात के अलावा विदेशी निवेश से डॉलर या अन्य विदेशी मुद्रा आती है। इसके अलावा भारत लोग जो विदेश में काम करते हैं, उनकी तरफ से भेजी गई विदेशी मुद्रा भी बड़ा स्रोत होती है।
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