एसबीआई में हुआ अनोखा फ्रॉड, रहें सतर्क
नयी दिल्ली। आज कल बैंकों में कई तरह के नये-नये घोटाले सामने आ रहे हैं। कई बैंकों को लोगों का पैसा रोकना पड़ रहा है, कहीं अधिकारी गड़बड़ियों में पकड़े जा रहे हैं। इन वजहों से बैंकों के ग्राहक बहुत परेशान हैं। खास कर कई तरह की अफवाहें भी आपको परेशान कर सकती हैं। क्योंकि अफवाहें सच बेशक न हों मगर मामला पैसों का हो तो आपको ये अफवाहें चिंता में डाल सकती हैं। ऐसी ही एसबीआई से जुड़ी एक घटना सामने आयी है, जहाँ बैंक ने दो अलग-अलग ग्राहकों को एक ही खाता संख्या दे दी। इसलिए यदि आपका खाता भी एसबीआई में है तो सावधान हो जाइये। दो लोगों को एक ही खाता संख्या जारी करने की यह घटना एसबीआई की मध्य प्रदेश के भिंड में स्थित आलमपुर शाखा की है। हद तो यह हो गयी कि दोनों ग्राहकों की शाखा से जारी की गयी पासबुक में भी ग्राहक संख्या एक ही निकली। घटना सामने आते ही बैंक प्रबंधन हरकत में आ गया। बता दें कि विभिन्न गड़बड़ियों के कारण आरबीआई कई सरकारी और निजी बैंकों पर जुर्माना लगाता रहा है, मगर इसके बावजूद ऐसी घटना का सामने आना वाकई चौंकाने वाला है।
एक ने दूसरे ग्राहक को लगाया चूना
एसबीआई में सामने आने यह मामला सिर्फ दो लोगों की खाता संख्या एक ही होने तक सीमित नहीं रहा। एक ग्राहक खाते में पैसा जमा करता और दूसरा उसे निकाल लेता। आलमपुर के रूरई गांव में रहने वाले हुकुम सिंह कुशवाह और रोनी गांव के हुकुम सिंह बघेल को एक ही ग्राहक संख्या 88613177424 और बचत खाता संख्या 20313782314 दे दी गयी। इस शाखा में खाता खुलवाने के बाद हुकुम सिंह कुशवाह हरियाणा चले गये और वहीं से खाते में पैसे जमा करवाते रहे। वहीं हुकुम सिंह बघेल ने इस खाते से दिसंबर 2018 से मई 2019 के दौरान 89,000 निकाल लिये।
आगे क्या होगा बैंक का कदम
मामला सामने आने पर बैंक ने हुकुम सिंह बघेल को शाखा में बुला कर बात की। उन्होंने 6 महीनों की अवधि के दौरान 89,000 रुपये निकालने की बात स्वीकार की। साथ ही उन्होंने ये सारे रुपये तीन किस्तों में हुकुम सिंह कुशवाह को लौटाने का वादा किया। वहीं शाखा प्रबंधक राजेश सोनकर ने अपनी सफाई में कहा कि यह दोनों खाते मेरे कार्यकाल में नहीं खुले। मामले की शिकायत मिलते ही मैं कार्रवाई के लिए उच्च अधिकारियों से संपर्क कर रहा हूँ। फिलहाल जिस ग्राहक के रुपये निकाले गये हैं, उनको उनकी रकम वापस दिलाने की कोशिश जारी है।
बीएसएनएल : 77,000 कर्मचारियों ने चुनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना