नोटबंदी का फायदा उठाने वाले ज्वैलर्स मुश्किल में, शुरू हो गई कार्रवाई
नोटबंदी के दौरान हजारों ज्वैलर्स का एक के बाद एक बड़ा कारनामा वित्त मंत्रालय की पकड़ में आया है। कारोबारियों ने अपने इस रकम की जानकारी आयकर रिटर्न में भी नहीं दी।
नई दिल्ली: नोटबंदी के दौरान हजारों ज्वैलर्स का एक के बाद एक बड़ा कारनामा वित्त मंत्रालय की पकड़ में आया है। कारोबारियों ने अपने इस रकम की जानकारी आयकर रिटर्न में भी नहीं दी। नोटबंदी के दौरान अचानक बैंकों में बेहिसाब नकदी जमा करना ज्वैलरी कारोबारियों के खिलाफ अब सरकार जांच शुरू करने जा रही है। जी हां मिली जानकारी और आंकड़ों के बाद वित्त मंत्रालय ने नोटबंदी के दौरान आभूषण विक्रेताओं की ओर से बैंकों में जमा की गई भारी नकदी की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। बता दें दरअसल, इन कारोबारियों ने जितनी नकदी जमा की है वह उनके आय के ज्ञात स्त्रोतों से मेल नहीं खाती है। Vodafone ने लॉन्च किए दो नए प्रीपेड प्लान्स, मिलेगा भरपूर डेटा ये भी पढ़ें
नोटबंदी के दौरान जमा राशि में 93648 फीसदी की बढ़त
जौहरियों ने आकलन वर्ष 2017-18 के अपने आयकर रिटर्न में इस तरह के लेनदेन की कोई जानकारी नहीं दी है। जानकारी मिली है कि नोटबंदी के दौरान कई आभूषण कारोबारियों ने बैंकों में बेहिसाब नकदी जमा की है। इस नकदी के बारे में वह अपने बिक्री कारोबार से प्राप्त आय अथवा कोई अन्य संतोषजनक ब्योरा नहीं दे पाए। एक मामले में तो जमा की गई राशि उस कारोबारी की पिछले साल की आय के मुकाबले 93,648 फीसदी ज्यादा है।
कई आभूषण कारोबारियों ने रिटर्न में आय पांच लाख से कम दिखाई
सबसे ज्यादा हैरान करने वाला मामला गुजरात से सामने आया है। पता चला कि यहां एक आभूषण कारोबारी ने नोटबंदी (9 नवंबर से 30 दिसंबर 2016) के दौरान 4.14 करोड़ रुपये नकद जमा किए हैं। जबकि इससे एक साल पहले इसी अवधि में उस कारोबारी की जमा राशि 44,260 रुपये ही थी। इसमें 93,648 प्रतिशत की वृद्धि सामने आई है। आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि कई आभूषण कारोबारी जिन्होंने रिटर्न में अपनी आय पांच लाख से कम दिखाई है उन्होंने नोटबंदी के दौरान दो-तीन दिन में ही करोड़ों रुपये की नकदी जमा की। लेकिन छानबीन से पता चलता है कि एक आभूषण कारोबारी जिसकी सालाना आय सिर्फ 1.16 लाख रुपये थी उसने तीन दिन में 4.13 करोड़ रुपये जमा किए। इसी प्रकार 2.66 लाख रुपये की आय वाले एक जौहरी ने दो दिन में 3.28 करोड़ रुपये और 5.4 लाख रुपये की आय दिखाने वाले एक अन्य सुनार ने 2.57 करोड़ रुपये जमा कराए।
सालाना आय से कई गुना ज्यादा किए गए जमा
एक अन्य मामले में एक आभूषण कारोबारी जिसकी रिटर्न में सालाना आय सिर्फ 3.23 करोड़ रुपये थी, उसने 52.26 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा किए। वहीं जानकारी मिली है कि कारोबारी के पास 9 नवंबर 2015 में सिर्फ 2.64 लाख रुपये की नकदी थी जबकि 9 नवंबर 2016 तक उसके पास 6.22 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी हो गई। नकदी में अचानक 23,490 फीसदी वृद्धि को लेकर वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया।