जनता के लिए दोहरी राहत, खुदरा के बाद थोक महंगाई भी घटी
नयी दिल्ली। जनता के लिए महंगाई के मोर्चे पर एक और राहत भरी खबर आई है। दिसंबर 2020 में थोक महंगाई दर घट कर 1.22 फीसदी रह गई है, जो कि नवंबर 2020 में 1.55 फीसदी और दिसंबर 2019 में 2.76 फीसदी रही थी। इससे पहले मंगलवार को सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों में खुदरा महंगाई में भी गिरावट दिखी थी। बता दें कि दिसंबर में खाद्य उत्पादों की कीमतों में गिरावट के चलते थोक महंगाई घटी।
कितनी घटी खाने की चीजों पर महंगाई
खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति नवंबर में 3.94 फीसदी बढ़ी थी, जबकि दिसंबर में इसमें 1.11 फीसदी की गिरावट आई। ईंधन और बिजली सूचकांक में नवंबर में 9.87 फीसदी की गिरावट आई थी, जबकि दिसंबर में ये 8.72 फीसदी कम हुआ। मगर विनिर्मित उत्पादों (Manufactured Products) की मुद्रास्फीति दिसंबर में 4.24 फीसदी बढ़ी, जो कि नवंबर में 2.97 फीसदी बढ़ी थी।
इन चीजों के बढ़े दाम
कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस (5.47 प्रतिशत), खनिज (5.36 प्रतिशत) और गैर-खाद्य उत्पादों (0.36 प्रतिशत) की कीमतें नवंबर 2020 की तुलना में दिसंबर में बढ़ीं। इससे पहले दिसंबर 2020 में खुदरा महंगाई दर घट कर 4.59 फीसदी रह गई थी, जो नवंबर में 6.93 फीसदी पर थी। खुदरा महंगाई में भी गिरावट मुख्य रूप से खाद्य कीमतों में कमी के कारण आई थी।
आरबीआई के लिए आसानी
दिसंबर में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के 6 प्रतिशत के अधिकतम मार्जिन के दायरे में गई। बता दें कि सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दोनों तरफ (अधिकतम और न्यूनतम) 2 फीसदी के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत के दायरे में रखने को कहा है। यानी अधिकतम 6 फीसदी और न्यूनतम 2 फीसदी। आरबीआई मौद्रिक नीति में खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। पिछले महीने अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति बैठक में केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया था।
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