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बड़ा झटका : रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची थोक महंगाई, खुदरा महंगाई भी उछली

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नई दिल्ली, जून 14। कच्चे तेल और विनिर्मित (मैन्युफैक्चर्ड) वस्तुओं की बढ़ती कीमतों के कारण थोक मूल्य आधारित मुद्रास्फीति मई में 12.94 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई। ये आम आदमी के लिए बहुत बढ़ा झटका है। इससे पहले मई 2020 में थोक महंगाई दर (-) 3.37 प्रतिशत रही थी। बता दें कि यह लगातार पांचवां महीना रहा, जिसमें थोक महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है। अप्रैल 2021 में थोक मुद्रास्फीति दहाई अंकों में पहुंच कर 10.49 प्रतिशत रही थी। मई में ही खुदरा महंगाई में भी बढ़ोतरी दर्ज की गयी। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार खुदरा मुद्रास्फीति मई में उच्च खाद्य और ऊर्जा कीमतों के कारण बढ़कर 6.3 प्रतिशत हो गई। खाद्य मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 5.01 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल में 2.02 प्रतिशत थी। खाद्य कीमतों में कमी के कारण अप्रैल के महीने में सीपीआई मुद्रास्फीति तीन महीने के निचले स्तर 4.29 प्रतिशत पर आ गई थी।

झटका : रिकॉर्ड स्तर पर थोक महंगाई, खुदरा महंगाई भी उछली

क्या-क्या हुआ महंगा
मई में ईंधन और बिजली पर मुद्रास्फीति बढ़कर 37.61 प्रतिशत हो गई, जो अप्रैल में 20.94 प्रतिशत रही थी। विनिर्मित उत्पादों पर मुद्रास्फीति मई में 10.83 प्रतिशत रही, जो इससे पिछले महीने 9.01 प्रतिशत रही थी। हालांकि अच्छी बात यह है कि प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद खाद्य पदार्थों पर मुद्रास्फीति मई में मामूली गिरावट के साथ 4.31 प्रतिशत पर आ गई। मई में प्याज पर मुद्रास्फीति 23.24 प्रतिशत रही, जबकि अप्रैल में (-) 19.72 प्रतिशत थी।

आरबीआई का अनुमान
आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में अपनी मौद्रिक नीति में ब्याज दरों को रिकॉर्ड निचले स्तर पर बरकरार रखा था और ग्रोथ को सपोर्ट करने के लिए उदार नीति रुख बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध जताई। आरबीआई ने मार्च 2022 को समाप्त होने वाले इस वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। मालूम हो कि मई के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े आज ही बाद में जारी किए जाएंगे।

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औद्योगिक उत्पादन में बढ़ोतरी
इससे पहले भारत में औद्योगिक उत्पादन अप्रैल के आंकड़े जारी किए गए। इनमें सालाना आधार पर 134 प्रतिशत की वृद्धि देखी गयी। वहीं मार्च में इसमें 22.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अप्रैल 2019 की तुलना में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 0.07 प्रतिशत रही। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) द्वारा मापे गये औद्योगिक उत्पादन में फरवरी तक गिरावट आई थी। सरकार ने कहा कि अप्रैल 2021 के आंकड़ों की तुलना अप्रैल 2020 से नहीं की जा सकती। क्योंकि उस समय देश में लॉकडाउन पूरी तरह से लागू था।

English summary

Big blow Wholesale inflation at record level Retail inflation also jumps in May

Inflation on fuel and power rose to 37.61 per cent in May from 20.94 per cent in April. Inflation on manufactured products stood at 10.83 per cent in May as against 9.01 per cent in the previous month.
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