चीन को भारत ने दिया फिर एक और तगड़ा झटका
फूड रेग्युलेटर (Food regulator) एफएसएसएआई (FSSAI) ने चीन (china) से आयात (Import) होने वाले दूध (Milk) और इसके प्रोडक्ट (products) पर प्रतिबंध लगा दिया है।
नई दिल्ली: फूड रेग्युलेटर (Food regulator) एफएसएसएआई (FSSAI) ने चीन (china) से आयात (Import) होने वाले दूध (Milk) और इसके प्रोडक्ट (products) पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले भी भी चीन से इम्पोर्ट होने वाले दूध और अन्य प्रोडक्ट पर बैन लगाया गया है लेकिन वो कुछ समय तक ही सीमित रहा। बता दें कि एफएसएसएआई (FSSAI) के अनुसार इस बार चीन से मिल्क या मिल्क प्रोडक्ट्स (Milk products) पर प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा जब तक फूड रेग्युलेटर (Food regulator) देश के सभी पोर्ट लैबोरेट्री (Port laboratories) को दुरुस्त और आधुनिक नहीं कर लेती।
समय-समय पर आगे बढ़ाई जाती रहती है रोक
जानकारी दें कि इससे पहले सितंबर 2008 में चीन (China) से दूध एवं दुग्ध उत्पादों (Milk and Milk products) के आयात रोक लगाई गई थी। इसके बाद से इस रोक को लगातार समय-समय पर आगे बढ़ाया जाता रहा है। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना में कहा है, 'चीन से चॉकलेट (Chocolate), चॉकलेट उत्पादों (Chocolate product) , कैंडीज, कन्फैक्शनरी, दूध और दूध उत्पादों से तैयार खाद्य सामग्री के आयात पर लगी रोक तब तक जारी रहेगी जब तक कि ऐसी सामग्री के देश में प्रवेश वाले बंदरगाहों पर स्थित प्रयोगशालाओं को मेलामीन जैसे रसायन का परीक्षण (Chemistry test) करने के लिये अद्यतन नहीं बना दिया जाता है।
किन वजहों से लगा है प्रतिबंध?
हालांकि, इन प्रयोगशालाओं को कब तक आधुनिक बनाया जाएगा ताकि वह इस तरह के रसायन की जांच करने में सक्षम होंगी इसके बारे में कोई समयसीमा का जिक्र नहीं किया गया है। चीन से दूध के प्रोडक्ट (Milk product) पर रोक तब लगाई गई थी जब उसकी कुछ दूध सामग्री में मेलामीन रसायन होने की आशंका हुई थी। बता दें कि मेलामीन एक खतरनाक जहरीला रसायन (Hazardous toxic chemicals) है। इसका इस्तेमाल प्लास्टिक और उर्वरक बनाने में किया जाता है। यही वजह है कि भारत चीन से दूध और दूध उत्पादों का आयात नहीं करता है। सुरक्षा उपाय के तौर पर इस तरह के आयात पर रोक लगाई गई है।
ईरान के तेल पर रोक लगने पर भारत ने कहा, निपटने के लिए तैयार ये भी पढ़ें
कब तक रोक लगी रहेगी?
खाद्य क्षेत्र के नियामक एफएसएसएआई (FSSAI) ने एक वक्तव्य में कहा कि उसने चीन से दूध और दूध से बने उत्पादों पर लगाई गई रोक को तब तक बढ़ाने की सिफारिश की थी जब तक कि बंदरगाहों की प्रयोगशालाओं में खतरनाक रसायन के परीक्षण (Hazardous chemical tests) की सुविधा उपलब्ध नहीं हो जाती है। सरकार ने इस सिफारिश को मानते हुये रोक की समयसीमा तब तक के लिये बढ़ा दी। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध का उत्पादक देश है। देश में सालाना 15 करोड़ टन दूध का उत्पादन (Milk product) होता है। इस बात की जानकारी दें कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा दूध उत्पादन होता है। उसके बाद राजस्थान और गुजरात का स्थान है।