सरकार को MSME Sector में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना क्यूं जरुरी
भारत में 20 उद्योगों में 2,700 MSME को कवर करने वाले यस बैंक द्वारा किए गए एक गहन सर्वेक्षण में इस क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन के लिए बड़े पैमाने पर अवसर का पता चला।
भारत में 20 उद्योगों में 2,700(MSME) (माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज) को कवर करने वाले यस बैंक द्वारा किए गए एक गहन सर्वेक्षण में इस क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन के लिए बड़े पैमाने पर अवसर का पता चला। "एमएसएमई पर डिजिटलीकरण का प्रभाव" शीर्षक के अध्ययन ने कुछ प्रमुख ड्राइवरों और व्यवसाय में तकनीकी प्रगति को अपनाने के अवरोधों की पहचान की है।
अध्ययन से पता चला है ये सारे मुख्य बात
एमएसएमई(MSME) के 60 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाता डिजिटल उपयोगकर्ता हैं लेकिन केवल 5 प्रतिशत ने पूरी तरह से डिजिटल तकनीक को अपनाया है।
डिजिटल रूप से सक्षम (MSME) के 50 प्रतिशत से अधिक लोग लाभ, परिचालन क्षमता और बेहतर ग्राहक सहभागिता जैसे डिजिटलकरण के लाभों से अवगत हैं। लेकिन पता नहीं कैसे और कुशल जनशक्ति की कमी के कारण इसे अपनाने में विफल हैं।
एमएसएमई (MSME)को सशक्त बनाने के लिए सरकार, बैंकों, प्रौद्योगिकी प्रदाताओं और कॉरपोरेटों की आवश्यकता है ताकि राजस्व में वृद्धि, लागत और जोखिम को कम किया जा सके और बाजार क्षेत्रों में विविधता लाई जा सके।
ग्रेटर डिजिटलाइजेशन से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और अंततः समग्र आर्थिक विकास होगा।
बता दें कि एक अध्ययन ने बताया कि पहले से ही 'डिजिटल इंडिया,' (Digital India)'स्किल इंडिया'(Skill India) और 'स्टार्टअप इंडिया' (Startup India)जैसी मौजूदा रणनीतिक पहलों का पूरी तरह से लाभ उठाने की जरूरत है ताकि एमएसएमई (MSME)उद्यमियों और मालिकों पर अधिक प्रभाव पड़े। डिजिटल पैठ बढ़ाने में मदद करने के लिए प्रमुख हितधारकों में सरकार, प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी और उद्योग, नियामक, शिक्षाविद और खुद एमएसएमई शामिल हैं।