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आरबीआई की मानें तो अगले एक साल में और बढ़ेगी महंगाई

By Ajay Mohan
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बेंगलुरु। गिरते रुपए और उठते पेट्रोल को देख देश का हर व्यक्ति इस चिंता में पड़ गया है कि निकटतम भविष्‍य में क्या होने वाला है। 2019 में लोकसभा चुनाव होने हैं, किसे वोट दें, यह भी फैसला उन्‍हें ही करना है और साथ ही अपनी जेब पर लगातार बढ़ रहे बोझ को भी कम करने की तरकीबें खोजनी हैं। यूं कहिये कि इस वक्त मध्‍यम वर्गीय परिवारों के हालात बेहद नाजुक स्थिति में हैं। खैर हम यहां न तो राजनीतिक चर्चा करने बैठे हैं, और न ही पेट्रोल की बढ़ती और रुपए की घटती कीमतों के कारण खोजने, हम उन बातों पर फोकस करने जा रहे हैं, जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में लिखी हैं।

दरअसल भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई ने 28 अगस्‍त को अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें 1 जुलाई 2017 से 30 जून 2018 तक की वित्तीय समीक्षा की और साथ ही यह भी बताया कि 1 जुलाई 2018 से 30 जून 2019 तक भारत में क्या-क्या बदलाव आ सकते हैं। यानी कि अगला वर्ष भारत के लिये कैसा होगा ये संभावनाएं इस रिपोर्ट में व्यक्त की गई हैं।

कैसा रहा 2017-18

कैसा रहा 2017-18

वास्तविक जीडीपी संवृद्धि पिछले वर्ष की तुलना में धीमी रही।
पूंजी निर्माण एवं निर्माण गतिविधियों में बड़ा इज़ाफा हुआ।
कृषि के क्षेत्र में इस साल अबतक का सर्वाधिक उत्पादन दर्ज हुआ।
विदेशी बाज़ारों में आयी अनिश्चितता के कारण भारतीय बाज़ार थोड़ा अस्थिर हो गया।

और क्या कहा आरबीआई ने

और क्या कहा आरबीआई ने

  • सर्विस सेक्टर में पिछले साल बड़ी वृद्धि देखने को नहीं मिली, लेकिन इस क्षेत्र को संवेग मिलने से इसे बल मिला है।
  • निर्यात क्षेत्र में मजबूत वृद्धि दर्ज हुई। वहीं निवेशों में वृद्धि के कारण सकल घरेलू मांग भी बढ़ी है।
  • एफडीआई के लिये भारत एक बार फिर बड़ी कंपनियों का पसंदीदा देश बना रहा।
अब बात 2018-19 की

अब बात 2018-19 की

तमाम जोखिमों के बीच साल की शुरुआत में ही काफी उथल-पुथल मची हुई है। हालाकि वित्तीय जगत में मुश्किल होते हालात, बढ़ते व्यापारिक तनावों और गहराते भू-राजनैतिक जोखिमों के कारण विपरीत परिस्थितियां बन सकती हैं, लेकिन आरबीआई का मानना है कि इसका प्रभाव भारत पर बेहद कम होगा। भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था अनुकूल परिस्थितियों के बीच आगे बढ़ेगी। यूएस में बढ़ती ब्याज दरों और अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार में कच्‍चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी थमती नज़र नहीं आ रही है। लिहाज़ा भारत को कई विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है।

किस-किस क्षेत्र में आयेगी तेजी

किस-किस क्षेत्र में आयेगी तेजी

  • भारतीय रेल के राजस्‍व में तेजी आयेगी।
  • सीमेंट का जबरदस्त उत्पादन होने और सस्ते मकान देने की सरकार की योजना के चलते, इंफ्रास्‍ट्रक्चर एवं रियल इस्‍टेट के क्षेत्र में उछाल आने की संभावना है।
  • वास्तविक जीडीपी संवृद्धि 6.7 प्रतिशत से बढ़ कर 7.4 प्रतिशत होने की संभावना है।
  • फिलहाल कुछ समय के लिये सभी प्रकार के ऋणों की ब्याज दरें ऊपर जा सकती हैं, लेकिन जल्‍द ही नीचे भी आयेंगी, क्योंकि बैंकों के पास ऋण देने की काफी गुंजाइश होगी और इससे उनके बीच प्रतिस्‍पर्धा बढ़ेगी। और अंतिम फायदा ग्राहक को होगा।
फल, सब्‍जी सब होगी महंगी

फल, सब्‍जी सब होगी महंगी

  • अंतर्राष्‍ट्रीय बाजार के दबाव, कच्‍चे तेल की कीमतों के अलावा विभिन्‍न राज्य सरकारों द्वारा एचआरए में संशोधन किये जाने के कारण महंगाई बढ़ सकती है। पेट्रोल के अलावा फल, सब्‍जी, दाल, अनाज, आदि के दाम भी बढ़ सकते हैं।
  • कृषि कर्ज माफी, पेंशन योजना, आदि जैसी घोषणाओं के कारण राज्यों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है, इसके चलते अगले एक साल में प्रदेश स्‍तर पर लगने वाले कर बढ़ सकते हैं।
  • आईटी कंपनियों पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ने वाला, क्योंकि सॉफ्टवेयर निर्यात मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
  • रोजगार योजनाओं को ध्‍यान में रखते हुए माइक्रो, छोटे और मझोले के लिये विशेष व्‍यवस्‍था उपलब्‍ध करायी गई है।

English summary

RBI report predicts no relief from price rise in next 1 year

Read here, what Reserve Bank of India's annual report 2017-18 says about the near future of India. The gist of the report is common man will not get relief at all, because price rise will continue to touch new heights.
Story first published: Wednesday, September 5, 2018, 18:04 [IST]
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