आईसीआइसीआई बैंक को 16 साल में पहली बार 120 करोड़ का नुकसान
प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक के पहले तिमाही के नतीजे वाकई चौंका देने वाले आए है। निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष की जून तिमाह
प्राइवेट सेक्टर के आईसीआईसीआई बैंक के पहले तिमाही के नतीजे वाकई चौंका देने वाले आए है। निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक को गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) बढ़ने के कारण चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में एकल आधार पर 119.55 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। यह घाटा बैंक को पिछले 16 सालों में पहली बार हुआ है। हम आप को इस बात से पूरी तरह से अवगत करा दे कि इसकी मुख्य वजह बैड लोन और अन्य नुकसान के लिए बढ़ाई गयी प्रोविजनिंग रही है।
प्रोविजनिंग दोगुने से ज्यादा
पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसे 2,049 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था। बैंक ने जारी बयान में बताया कि इस दौरान बैंक की कुल आय पिछले वित्त वर्ष के 16,847.04 करोड़ रुपये से बढ़कर 18,574.17 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। जून तिमाही के दौरान बैंक का एकीकृत शुद्ध मुनाफा पिछले फाइनैंशल इयर के 2,604.73 करोड़ रुपये की तुलना में कम होकर महज 4.93 करोड़ रुपये पर आ गया है।
ग्रॉस एनपीए बढ़कर 8.81 फीसदी
वही हम आपको इस बात की भी जानकारी दे कि बैंक का ग्रॉस एनपीए 7.99 प्रतिशत से बढ़कर 8.81 प्रतिशत पर पहुंच गया।जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में आईसीआईसीआई बैंक का ग्रॉस एनपीए का अनुपात 7.99 प्रतिशत था। बैंक को आलोच्य तिमाही में एनपीए के लिए 5,971.29 करोड़ रुपये का प्रावधान (प्रविजनिंग) करना पड़ा जबकि एक साल पहले इस मद में 2,608.74 करोड़ रुपये के नुकसान का प्रावधान किया गया था।