2 घंटे में मार्क जुकरबर्ग को लगा 16.8 अरब डॉलर का झटका, जानें क्या है कारण?
यहां पर आपको बताएंगे कि कैसे मार्क जुकरबर्ग को मात्र कुछ घंटे में कैसे 16.8 अरब डॉलर का नुकसान हो गया।
कॉन्टेंट पॉलिसी को लेकर लंबे समय से विवाद में रहे फेसबुक को दूसरी तिमाही में नुकसान का सामना कर पड़ा है। इस बारे में बुधवार को फेसबुक ने जानकारी दी कि दूसरी तिमाही में सेल और यूजर ग्रोथ में कमी आई है। इसके साथ ही इस साल अच्छी परफॉर्मेंस की उम्मीद नहीं है। पहले ही फेसबुक के वित्त अधिकारी डेविड वेनर ने कहा था कि तीसरी और चौथी तिमाही में मुनाफा कम हो सकता है। इसके बाद ही फेसबुक के शेयर्स में 24 प्रतिशत की गिरावट भी नजर आयी और इस गिरावट के बाद फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग को 16.8 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।
साल के अंत तक 137 करोड़ डॉलर का हो सकता है नुकसान
ब्लूमबर्ग के बिलेनियर्स इंडेक्स के अनुसार जबकरबर्ग छठे स्थान पर आ गए हैं। रिर्पोट के अनुसार इस साल के आखिरी तक उन्हें 137 करोड़ डॉलर का नुकसान हो सकता है। फेसबुक को ऐसा नुकसान बहुत कम उठाना पड़ता है। इससे पहले यानि कि पिछली बार 2015 में फेसबुक को नुकसान हुआ था।
डाटा प्रायवेसी लीक मामला बना बड़ी वजह
जुकरबर्ग को 6.8 करोड़ डॉलर का नुकसान मात्र 2 घंटे में हुआ है जिसका असर फेसबुक की मार्केट वैल्यू पर भी पड़ा है। फेसबुक के डाटा प्रायवेसी मामले पर जांच, जकरबर्ग के यूएस कांग्रेस के सामने पेश होने से कंपनी की साख में कमी आई। तो इस तिमाही में यूरोप के जटिल नियमों का भी असर पड़ा है। इसलिए फेसबुक पर आने वालों की संख्या में कमी आई है।
यूजर्स में भी आयी है कमी
इन्हीं समस्याओं के चलते 2.23 अरब यूजर्स वाली कंपनी को कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। करोड़ों में फेसबुक के यूजर में कमी आ रही है। फेसबुक का कहना है कि जून में इसके 1470 करोड़ डेली यूजर थे। तिमाही में फेसबुक को 42 प्रतिशत का फायदा हुआ है। अब भी फेसबुक की दुनियाभर में बड़े यूजर्स पर पकड़ है। मोबाइल विज्ञापन के मामले में भी कंपनी अभी काफी आगे है।
अरबपतियों की लिस्ट में आ गए हैं नीचे
आपको बता दें मार्क जुकरबर्ग को इस साल 13.7 अरब डॉलर का फायदा हुआ था जोकि पूरी तरह से खत्म हो गया। जुकरबर्ग की नेट वर्थ 70 अरब डॉलर से कम रह गई है और वह ब्लूमबर्ग बिलियनर्स इंडेक्स में तीसरे से छठे स्थान पर पहुंच गए हैं। रिर्पोट के अनुसार मार्क को इतना ज्यादा नुकसान हुआ है कि इसमें कई अरबपतियों के पास एक पैसा भी नहीं बचता।