राज्यसभा में बिल मंजूरी, एसबीआई में 5 बैंकों का विलय
एसबीआई में पांच अन्य बैंकों के विलय को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। वहीं इस मर्जर के साथ ही अब एसबीआई संपत्ति के हिसाब से दुनिया की टॉप बैंकों में शामिल हो गया है।
एसबीआई में पांच अन्य बैंकों के विलय को राज्यसभा से मंजूरी मिल गई है। वहीं इस मर्जर के साथ ही अब एसबीआई संपत्ति के हिसाब से दुनिया की टॉप बैंकों में शामिल हो गया है। वहीं हम आपको बता दे कि बैंक का अब टोटल कस्टमर बेस 37 करोड़ हो गया है।
एसबीआई में 5 बैंकों का विलय
हम आपको इस बात की भी जानकारी दें कि राज्यसभा से भी विधेयक को मंजूरी मिलने से एसबीआई में स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद पूरी तरीके से शामिल हो जाएंगे। सरकार की माने तो, इस विलय से इन बैंको की लागत में न सिर्फ कमी आयेगी, बल्कि संसाधनों के उपयोग को युक्तिसंगत बनाया जा सकेगा। आश्चर्य की बात यह है कि देश भर में एसबीआई की 24,000 से ज्यादा ब्रांच नेटवर्क है। वहीं हम आपको बता दे कि बैंक के एटीएम की संख्या 60 हजार के करीब है।
नहीं होगी कर्मचारीयों की छंटनी
बीते गुरुवार को एसबीआई में मर्जर से संबंधित विधेयक को राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने पेश किया था। इस दौरान इसपर लंबी बहस भी हुई। इस बात पर भी आशंका जताई जा रही थी कि इससे छंटनी होगी। लेकिन मंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि विलय के बाद किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की गयी है। वहीं वित्त मंत्री के जवाब के बाद सदन ने इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। हमें पता चला है कि लोकसभा इस विधेयक को पहले ही मंजूरी दे चुकी है।वहीं हम आपको बता दे कि विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के जयराम रमेश सहित कुछ सदस्यों ने एसबीआई के निजीकरण को लेकर आशंका भी जताई थी। वहीं कई सदस्यों ने बैंकों के नियमन प्रणाली को दुरूस्त बनाये जाने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
एसबीआई भारत का पांचवां सबसे बड़ा नियोक्ता
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में एसबीआई को हुए घाटे पर चिंता जताते हुए कहा कि एसबीआई भारत का पांचवां सबसे बड़ा नियोक्ता है जो वर्तमान में 2 लाख 70 हजार लोंगों को नौकरी दे रहा है। उन्होंने कहा कि विलय के बाद कर्मचारी की छटनी नहीं होनी चाहिए।
विलय से फायदा नहीं
डी राजा सीपीआई सांसद कहना है कि विलय से पहले बताया गया था कि इससे एसबीआई विश्वस्तरीय बैंक बन जाएगा, पंरतु इसके विपरीत हुआ है. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि एसबीआई का घाटा बढ़ा है। एनपीए लगातार बढ़ रहा है साथ में कई शाखाओं को बंद भी करना पड़ा। राजा ने कहा कि सब्सिडियरी काफी अच्छा कर रहे थे वहीं उन्होंने यह भी कहा कि इस विलय से कोई फायदा नहीं है।