महंगाई से लोग परेशान, 5.77 फीसदी की बढ़ोत्तरी
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जून का महीना कुछ बेहतर नहीं रहा। फ्रैक्ट्री प्रोडक्शन घटने और खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी के बाद थोक महंगाई दर में भी काफी ज्यादा बढ़त देखने को मिली है।
अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर जून का महीना कुछ बेहतर नहीं रहा। फ्रैक्ट्री प्रोडक्शन घटने और खुदरा महंगाई दर में बढ़ोतरी के बाद थोक महंगाई दर में भी काफी ज्यादा बढ़त देखने को मिली है। डब्ल्यूपीआई पर आधारित महंगाई दर बढ़कर 5.77 फीसदी हो गई। यह दर मई 2018 में 4.43 फीसदी थी। वाणिज्य मंत्रालय के गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, जून 2017 में यह दर 0.90 फीसदी थी। सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई दर जून में 5.77 प्रतिशत हो गई है। यह पिछले महीने के 4.43 प्रतिशत से ज्यादा हो गई है। वहीं जबकि पिछले साल इसी महीने के आंकड़े से यह 0.90 प्रतिशत अधिक है। खाने-पीने के आइटम के दाम थोक महंगाई दर के हिसाब से मई में यह दर 1.12 प्रतिशत बढ़ गया है। वहीं जून में यह 1.56 प्रतिशत तक हो गया है।
बाजार के मुताबिक खाने पीने की चीजों के दाम बढ़ने से फूड आर्टिकल का ग्रुप 1.1 प्रतिशत ऊपर उठा है। जून माह के लिए 140.1 से 141.1 हो गया है। यह अंडों के दाम में 5 प्रतिशत, फल और सब्जियों के दाम 4 प्रतिशत, मक्का और मछली के दाम में 3 प्रतिशत, ज्वार के दाम 2 प्रतिशत, बाजरा, बीफ, गेहूं, कॉफी, मसाले, दूध और कुक्कट आदि के दाम में एक प्रतिशत का उछाल आया है।
आलू-प्याज हुए सबसे महंगे
महीने दर महीने आधार पर जून में आलू की थोक महंगाई दर 81.93 फीसदी से बढ़कर 99.02 फीसदी रही है। जून में प्याज की थोक महंगाई दर 13.20 फीसदी से बढ़कर 18.25 फीसदी रही है।
आरबीआई के सामने मंहगाई 4 प्रतिशत का लक्ष्य
मंहगाई में बढ़ोतरी को देखते हुए रिजर्व बैंक अगली मौद्रिक नीति में ब्याज दरों पर अहम फैसला ले सकता है। रिजर्व बैंक मॉनिटरी पॉलिसी समीक्षा में खुदरा महंगाई के आकड़ों को भी मापता है। रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों पर फैसला करने के लिए महंगाई का लक्ष्य 4 फीसदी पर तय किया है। वहीं रिजर्व बैंक के गवर्नर की अध्यक्षता में मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी एमपीसी की बैठक इस महीने के आखिर 30 जुलाई को शुरू होगी। वहीं बैठक तीन तक चलेगी।