GST में होंगे 46 संशोधन, खाने-पीने और ट्रांसपोर्ट पर कंपनियों को मिलेगी इनपुट टैक्स क्रेडिट
यहां पर आपको जीएसटी नियमों को लेकर जो संशोधन या बदलाव हुए हैं उसके बारे में बताएंगे।
जीएसटी कानून में कई सारे संशोधन को लेकर प्रस्ताव आए हैं। नए नियमों के अनुसार अब कंपनी अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराए जाने वाले खाने-पीने की चीजों, परिवहन और बीमा जैसी सुविधाओं पर चुकाए गए जीएसटी के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त कर सकेंगे। जीएसटी कानून में संशोधन के कुल 40 से अधिक प्रस्तावों में एक प्रस्ताव ऐसे प्रावधान के लिए भी किया गया है। संसद और राज्य विधानमंडलों द्वारा इसके पारित होने के बाद यह अमल में लाया जाएगा।
जीएसटी के बराबर छूट का दावा
इनपुट कर क्रेडिट के तहत इकाई अपनी बिक्री पर कर जमा कराते समय अपने उत्पाद को तैयार करने में प्रयुक्त संसाधनों पर लगे जीएसटी के बराबर की छूट का दावा कर सकती है। सरकार ने जीएसटी कानून (केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी, एकीकृत जीएसटी) और राजस्व क्षतिपूर्ति कानून में 46 संशोधनों का प्रस्ताव किया है।
टैक्स रिटर्न फाइल नियम को लेकर
अन्य बातों के अलावा संशोधन में नया रिटर्न फाइलिंग नियम पंजीकरण को रद्द करना और अलग-अलग व्यापार खंडों में काम कर रही कंपनियों के लिए अलग पंजीकरण और एकमुश्त डेबिट-क्रेडिट नोट शामिल हैं। सरकार ने जीएसटी कानून में संशोधन को 15 जुलाई 2018 तक संबंधित पक्षों की प्रतिक्रिया मांगी है।
जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा प्रस्ताव
राजस्व विभाग द्वारा संशोधन को अंतिम रुप दिए जाने के बाद उसे जीएसटी परिषद के सामने रखा जाएगा। उसके बाद जीएसटी कानून में संशोधन को लेकर उसे संसद और राज्य विधानमंडलों में पेश किया जाएगा।
संशोधन मसौदा के तहत कंपनियों के लिए अगर किसी कानून के तहत कर्मचारियों को खाना-पीना, स्वास्थ्य सेवाएं, जीवन बीमा, यात्रा लाभ किराया या मोटर वाहन को किराए पर लेने की बाध्यता है तो वह इनपुट टैक्स क्रेडिट प्राप्त कर सेंगे।
संशोधन के अनुसार कंपनियों का सालाना कारोबार
संशोधन के तहत ई-कॉमर्स कंपनियों का सालाना कारोबार 20 लाख रुपए से कम है तो जीएसटी के तहत पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है और उन्हें धारा 52 के तहत स्त्रोत पर कर कटौती की जरुरत नहीं है। सरकार ने संशोधन के पीछे कारण बताते हुए कहा है कि यह करदाताओं के अनुकूल उपाय है।