इनकम टैक्स फाइल करने से पहले जान लें यह बातें
इनकम टैक्स रिटर्न करने से पहले याद रखें ये कुछ जरुरी बातें।
अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो कुछ बातों को जान लेना आपके लिए बहुत जरुरी है। जैसे कि अगर आप किसी म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं तो उस पर आप को कितना टैक्स देना पड़ेगा। म्यूचुअल फंड में निवेश करने पर कई सारे टैक्स प्रविश़न्ज़ हैं। इसके साथ धारा 80 सी के तहत इक्विटी फंड के साथ ही लंबी अवधि की पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) में निवेश करने पर टैक्स बचाने के कई सारे फायदे मिलेंगे। वहीं डेब्ट फंड में निवेश करने से इन्डेक्शन लाभ मिलते हैं।
हर म्यूचुअल फंड में टैक्स में नहीं मिलती छूट
हालांकि इसके बाद भी म्यूचुअल फंड में टैक्सेशन को लेकर लोगों में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं है। जैसा की कई लोग यह सोचते हैं कि सभी इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने से टैक्स में छूट मिलेगी। इसलिए आईटीआर फाइल करने से पहले यह जरुरी है कि आप यह जान लें कि हर म्यूचुअल फंड जिसमें आप निवेश कर रहे हैं यह जरुरी नहीं है कि उसमें आपको टैक्स में छूट मिले। इसलिए निवेश करने से पहले आपके लिए यह जानना बहुत जरुरी है कि जिस म्यूचुअल फंड में आप निवेश कर रहें हैं उसमें आपको टैक्स में फ़ायदा मिलेगा या नहीं।
ईएलएसएस श्रेणी में आने वाले म्यूचुअल फंड
सुंदरम म्यूचुअल के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर अजीत नरसिम्हान ने कहा कि कई कर्मचारी जो इक्विटी-लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) की श्रेणी के बाहर निवेश में छूट चाहते थे वह अब मुमकिन है। टैक्स प्रविश़न्ज़ के तहत धारा 80 सी के अनुसार किसी भी तरह की टैक्स में छूट सिर्फ ईएलएसएस श्रेणी में आने वाले म्यूचुअल फंड में मिलती हैं।
म्यूचुअल फंड की इस श्रेणी में 3 साल का लॉक है जिसमें यह सबसे छोटा लॉक-इन हैं जो 80 सी के तहत उपलब्ध है। "यह जरुरी है निवेशक इस बात को समझे कि वे कहाँ निवेश करना चाहते हैं और उसका उन पर क्या असर पड़ेगा। उनका कहना है कि ज्यादातर एएमसी में कम से क़म एक ईएलएसएस प्रोडक्ट होता है।
जबकि वित्तीय वर्ष के दौरान आप ईएलएसएस की योजना में निवेश के लिए 150000 रुपये की छूट पा सकते हैं। इसके अलावा म्यूचुअल फंड पर और भी अन्य टैक्स लगाए जाते हैं जिनकी जानकारी आपको अपना आईटीआर दाखिल करते वक़्त होनी चाहिए।
नरसिम्हान का कहना है कि आईटीआर दाखिल करते समय आपको नीचे दिए गए टिप्स को ध्यान में रखना चाहिए।
म्यूचुअल फंड डिविडेन्ड से मिलने वाली कोई भी डिविडेन्ड इनकम को घोषित करने से पहले एक बार सोच लें।
- कोई भी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स जो इक्विटी एमएफ के तहत आते हैं उनमें 31 मार्च, 2018 तक आयकर में छूट मिलेगी।
- इंडेक्सेशन के फायदे: ऑरिजिनल डेब्ट फंड इन्वेस्टमेंट में इंडेक्सेशन के फायदों का मतलब है कि ऑरिजिनल इन्वेस्टमेंट को मुद्रास्फीति की कीमत और टैक्स के हिसाब से एडजस्ट किया जाता है।
- म्यूचुअल फंड के कैपिटल गेन्स को तीन साल के पहले ही सेल कर दिया जाता है, और शार्ट टर्म गेन्स के ऊपर टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स लगाया जाता है।
- अपने लिक्विड फंड इन्वेस्टमेंट के शार्ट और लॉन्ग टर्म्स गेन्स को घोषित कर दें : विशेष रूप से वो जिनमें तुरंत लिक्विड फंड में रिडेम्प्शन मिलता है। ऐसे बहुत से खुदरा निवेशक है जिन्हें इन सब टिप्स की जरूरत पड़ती है।
- अगर आप ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो यह जानकारी आपके लिए जरुरी है। यदि आपको FY18 में किये गए किसी भी निवेश में कोई परेशानी हो रही है तो आप किसी भी चार्टर्ड एकाउंटेंट या वित्तीय सलाहकार से आईटीआर दर्ज करते वक़्त सलह लें।