सातवां वेतन आयोग: रिटायरमेंट उम्र बढ़ सकती है 62 वर्ष
15 अगस्त 2018 में मोदी सरकार दो बड़े ऐलान कर सकती है। जिसमें से एक है 7वें वेतन आयोग से बड़े वेतन आयोग की सिफारिशें कर सकते हैं और दूसरा यह है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 60 से 62 साल कर सकते हैं।
मोदी सरकारी एक ओर जहां देश का कालाधन वापस लाने और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर अब अपना कार्यकाल 5 साल पूरा होने से पहले अपने देशवासियों के लिए कुछ खास और बेहतरीन करने का सोच रही है। बिजनेस टुडे की रिर्पोट के अनुसार 2019 लोकसभा चुनाव से पहले 15 अगस्त 2018 में मोदी सरकार दो बड़े ऐलान कर सकती है। जिसमें से एक है 7वें वेतन आयोग से बड़े वेतन आयोग की सिफारिशें लागूकर सकते हैं और दूसरा यह है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर 60 से 62 साल कर सकते हैं।
2016 में वेतन में हुई थी बढ़ोत्तरी
आपको बता दें कि जनवरी 2016 में केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में 14 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई थी लेकिन कर्मचारी इस बढ़ोत्तरी से खुश नहीं थे, क्योंकि कॉस्ट ऑफ लिविंग के हिसाब से यह बढ़ोत्तरी पर्याप्त नहीं थी। इसके बाद सरकारी कर्मचारियों ने सरकार से मांग की थी कि न्यूनतम वेतन और फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाया जाए। यह बढ़ोत्तरी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद से लागू की जानी चाहिए। जिसे केंद्र सरकार ने इंकार कर दिया।
7वें वेतन आयोग की सिफारिशें
फिलहाल मोदी सरकार ने कर्मचारियों के हितों में ढेरों कदम उठाए हैं। ग्रामीण अंचल में तैनात पोस्ट कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने से लेकर डेपुटेशन पर जाने वाले कर्मचारियों के भत्ते में बढ़ोत्तरी तक शामिल है। यह सब 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर हुआ था लेकिन अभी भी केंद्रीय कर्मचारी खुश नहीं हैं।
ये हैं सातवें वेतन आयोग की उपलब्धियां
बिजनेस टुडे की रिर्पोट के अनुसार सरकार ने अब तक 50 लाख कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन नहीं बढ़ाया है लेकिन ग्रामीण अंचल में तैनात कर्मचारियों की सैलरी में 56 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी की है। तो वहीं इस महीने यानि की जून की शुरुआत में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने गांवों में तैनात पार्ट-टाइम पोस्टल सर्विस स्टॉफ का वेतन 56 फीसदी बढ़ाने का ऐलान किया था, इसके लिए उन्हें 1 जनवरी 2016 से एरियर मिलेगा।
डेपुटेशन वाले कर्मियों का भत्ता
इसके अलावा 2016 में केंद्र सरकार ने डेपुटेशन पर जाने वाले अधिकारियों का भत्ता 2 हजार रुपए से बढ़ाकर 4500 रुपए कर दिया था। कार्मिक विभाग ने कहा था कि जो कर्मचारी अपने सेक्टर में तैनात हैं उनके कुल भत्ते में 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की गई है, यानि वह बढ़कर अधिकतम 4500 रुपए प्रति माह तक पहुंच जाएगा। वहीं जो लोग अपने विभाग से अलग डेपुटेशन पर हैं उनका भत्ता 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी के आधार पर अधिकतम 9000 रुपए प्रति माह तक पहुंच जाएगा।
2019 के चुनाव का है इंतजार
इस मामले में राजनीतिक एक्सपर्ट का मानना है मोदी सरकार ने अपने ये दो ट्रंप कार्ड बचा कर रखें हैं। जिसका उपयोग आने वाले चुनाव सत्र से पहले किया जा सकता है और इसका सीधे असर 2019 के आम चुनाव पर पड़ेगा। खैर देखना अब यह है कि यह ऐलान वर्तमान सरकार की ओर से लागू किए जाते हैं या फिर बातें सिर्फ हवाओं में होंगी।