इन 6 बैंकों से लोन लेने पर पाबंदी लगा सकता है RBI
यहां पर आपको बताएंगे कि आरबीआई के अनुसार कौन से 6 बैंकों में पीसीए के तहत लोन देने में पाबंदी लग सकती है।
भारतीय रिजर्व बैंक, बैंकों के खिलाफ एक और बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। अब आरबीआई 6 और बैंकों को प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (PCA) कैटेगरी में डाल सकता है। अगर ऐसा हुआ तो आपको इन बैंकों से लोन नहीं मिलेंगे क्योंकि इस श्रेणी के बैंक लोन नहीं दे सकते हैं। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिर्पोट के अनुसार इस लिस्ट में देश के बड़े बैंकों में शामिल सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक भी हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है RBI के इस फैसले से वित्त मंत्रालय की उस योजना को भी झटका लग सकता है, जिसमें कमजोर बैंकों के कर्ज को मजबूत बैंकों को बेचने का विचार चल रहा था।
लोन नहीं दे पाएंगे ये बैंक
आरबीआई के अधिकारियों के अनुसार PCA श्रेणी में डाले जाने वाले बैंकों में PNB, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सिंडिकेट बैंक जैसे बड़े बैंक के नाम शामिल हो सकते हैं। यदि अगले एक महीने में इन बैंकों को पीसीए कैटेगरी में डालता है तो ऐसे बैंकों की संख्या 17 पहुंच जाएगी। बता दें कि पिछले महीने ही आरबीआई ने इलाहाबाद बैंक को इस श्रेणी में डाला था। इसके अलावा बैंक से बिना रेटिंग वाले और हाई रिस्क कैटेगरी में लोन भी कम करने को कहा गया है, तो वहीं देना बैंक को भी नए लोन देने से राका गया है।
मिल सकती है रियायत
इकोनॉमिक्स टाइम्स ने अपनी रिर्पोट में आगे बताया कि वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार इन 6 बैंकों का प्रदर्शन सभी मानकों पर खराब नहीं है। इसलिए हो सकता है कि आरबीआई इन बैंकों को कुछ रियायत दे। ऐसे में अगर इन बैंकों को पीसीए कैटेगरी में नहीं डाला गया तो उनके अच्छे कर्ज को बेचने की सरकार की योजना कामयाब हो सकती है।
सरकार और आरबीआई ने बैंकों से की है बातचीत
रिर्पोट के अनुसार सरकार और रिजर्व बैंक ने इन बैंकों के साथ बातचीत भी की है। बैंकों को भरोसा है कि वह अगली एक तिमाही में अपने बैड लोन को रिकवर कर लेंगे। फिलहाल, यदि RBI इन बैंकों को पीसीए कैटेगरी में डालकर कुछ पाबंदियां लगाता है तो स्थिति में सुधार होना मुश्किल होगा।
इसके बाद नहीं बढ़ सकेगी ब्रांच संख्या
आपको बता दें कि भले ही आरबीआई इन बैंकों को रियायत दे, लेकिन पीसीए में डाले जाने पर लोन बांटने पर पाबंदी लग जाती है। साथ ही बैंक अपनी ब्रांच की संख्या नहीं बढ़ा सकेंगे। उन्हें डिविडेंड पेमेंट रोकना पड़ सकता है। लोन देने पर भी कई शर्तें लगाई जाती हैं। तो वहीं जरुरत पड़ने पर भारतीय रिजर्व बैंक ऑडिट और रिस्ट्रक्चरिंग का भी आदेश दे सकता है।
PCA कैटेगरी में शामिल हैं ये बैंक
पीएस कैटेगरी में अब तक इलाहाबाद बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, कॉरपोरेशन बैंक, IDIBI बैंक, यूको बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, देना बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र शामिल हैं। इन सभी बैंकों पर लोन देने और ब्रांच संख्या बढ़ाने पर पाबंदी है।