₹2000 के नोटों की सप्लाई रुकी, अब 500-200 पर जोर
देश में कैश की कमी को देखते हुए 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई को रोक दिया गया है। रिजर्व बैंक से मिली जानकारी के मुताबिक 2000 रुपए के नोट फिलहाल नहीं जारी किए जा रहे हैं। जबकि कैश की कमी को पूरा करने के लिए 500 रुपए के नोटों की छपाई तेज कर दी गई है। खबरों के मुताबिक 500 रुपए के नोटों की छपाई प्रतिदिन 3000 करोड़ रुपए तक बढ़ा दी गई है।
फिलहाल के लिए रोक दी गई है 2000 रुपए के नोट की सप्लाई
आपको बता दें कि नोटबंदी के बाद देश में पहली बार 2000 रुपए के नोटों को मुद्रण शुरु किया गया था। जिसके 17 महीने बाद 2000 रुपए के नोटों की सप्लाई को 'कुछ समय' के लिए रोक दिया गया है। इससे पहले तमाम विशेषज्ञों ने ये अनुमान लगाया था कि 2000 रुपए के नोटों का मुद्रण सरकार बंद कर सकती है और धीरे-धीरे इसे 100 रुपए की मुद्रा तक ला सकती है।
500 और 200 के नोटों पर जोर
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग का कहना है कि भारत में 500, 200 और 100 रुपए मूल्य के नोट लेनदेन में सुविधाजनक हैं। अतिरिक्त मांग पूरी करने के लिए 500 रुपए के नोटों की छपाई हर दिन 3000 करोड़ रुपए तक बढ़ा दी गई है। गर्ग ने कहा कि देश में कैश की स्थिति काफी अच्छी है और अतिरिक्त मांग भी पूरी हो रही है। इससे पहले भी सचिव सुभाष गर्ग ने 2000 रुपए के नोटों की कुछ समय के लिए सप्लाई रोकने के बारे में जानकारी दी थी।
5 गुना ज्यादा होगी छपाई
वहीं उन्होंने ये भी कहा कि सरकार 500 रुपए के नोटों की सप्लाई बढ़ा रही है। देश में अगले कुछ महीनों में 500 रुपए के नोटों की सप्लाई 5 गुना बढ़ जाएगी। आर्थिक सचिव ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, प्रतिदिन 500 रुपए के 500 करोड़ रुपए कीमत के नोटों की आपूर्ति की जा रही थी जिसे अब बढ़ाकर 2500 करोड़ रुपए कर दिया जाएगा।
तो क्या 200 रुपए का नोट होगा सबसे बड़ी करंसी!
इससे पहले कुछ विशेषज्ञों ने इस बात का अनुमान लगाया था कि मोदी सरकार धीरे-धीरे बाजार में 2000 और 500 रुपए के नोटों की सप्लाई को बंद कर देगी और फिर 200 रुपए की मुद्रा सबसे बड़ी करंसी बन जाएगी। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि वह भ्रष्टाचार को रोक सकेगी। अमेरिका और तमाम यूरोपीय देशों में भी छोटी करंसी का ही चलन है। अमेरिका में 100 डॉलर का नोट सबसे बड़ी करंसी है जबकि इंग्लैंड में 50 पाउंड का नोट सबसे बड़ी करंसी है।