आधार लिंकिंग के कारण पेंशन भुगतान में नहीं होनी चाहिए देरी
केंद्रीय सूचना आयोग (CIC) ने मंगलवार को कहा है कि आधार जोड़ने के नाम पर वरिष्ठ नागरिकों को पेंशन के भुगतान में देरी नहीं होनी चाहिए। सूचना आयुक्त श्रीधर आचार्युल ने यह व्यवस्था अहमदनगर निवासी निर्मला निशिकांत धुमाने की याचिका पर दी। धुमाने जानना चाहती थीं कि डाक विभाग ने मार्च 2017 से उनकी पेंशन आधार कार्ड की प्रति मांगते हुए क्यों रोक रखी है?
61 लाख हैं पेंशनधारी
आपको बता दें कि एक अन्य आवेदन में उन्होंने उन आदेशों की प्रति मांगी जिनके तहत पेंशन के लिए आधार को खाते से जोड़ना अनिवार्य किया गया। अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश में केंद्र सरकार के 61.17 लाख पेंशनभोगी हैं। तो वहीं, डाक विभाग के केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी ने दावा किया कि पेंशन रोकी नहीं गई है बल्कि पेंशन को खाते में डालने में देरी हुई है।
पोस्ट ऑफिस की ओर से सफाई
पोस्ट ऑफिस के केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी ने बताया कि 757 पेंशनभोगियों में से 640 पेंशनभोगी ने वरिष्ठ पदमास्टर को अपना आधार विवरण जमा कर दिया था जो 3 अप्रैल 2017 को कंप्यूटर सिस्टम में अपलोड किए गए थे। अधिकारी ने दावा किया कि पेंशन को रोका नहीं गया था। हालांकि, उनके बचत बैंक खातों में पेंशन जमा करने में देरी हुई थी, अधिकारी ने कहा। उन्होंने कहा कि 117 पेंशनभोगी की फाइल अगले दिन प्रणाली में अपने बैंक खातों में पेंशन का क्रेडिट देने के लिए भी अपलोड की गई थी।
आधार के नाम पर नहीं होगी देरी
अधिकारी ने उच्च अधिकारियों के 15 ऐसे आदेशों का हवाला दिया जिनमें पेंशनभोगियों के खातों को उनके आधार से जोड़ने को कहा गया है। आचार्युलु ने कहा कि आधार को जोड़ने के नाम पर किसी अन्य हालात में अधिकारी वरिष्ठ नागरिकों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन में देरी नहीं कर सकते।
आरटीआई कानून के तहत मिलेगी जानकारी
उन्होंने ने कहा कि अगर खातों को आधार से जोड़ना जरुरी है तो इसके कारण पेंशन भुगतान में देरी नहीं होनी चाहिए और न ही पेंशन से जुड़ी सूचना से इनकार किया जाना चाहिए। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन पर निर्भरता को भी रेखांकित किया है। आचार्युलु ने स्पष्ट किया के लोक सेवक का वेतन ब्योरा उसकी व्यक्तिगत सूचना नहीं है बल्कि आरटीआई कानून के तहत हर कार्यालय को इसका अनिवार्य रुप से खुलासा करना चाहिए।