ग्रेच्युटी के लिए नहीं करना होगा 5 साल का इंतजार
अब केंद्रीय कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के लिए 5 साल का इंतजार नहीं करना होगा।
ग्रेच्युटी को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों को एक बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। माना जा रहा है कि मोदी सरकार ग्रेच्युटी की समय सीमा कम करने की तैयारी में हैं। जी न्यूज वेब पोर्टल की रिर्पोट के अनुसार ग्रेच्युटी मिलने की समय सीमा 5 साल से घटाकर 3 साल तक की जा सकती है। लेबर मिनिस्ट्री इस मामले में चर्चा कर रही है और माना जा रहा है कि इंडस्ट्री के साथ 3 साल की समय सीमा पर सहमति बन रही है। तो वहीं लेबर यूनियन ग्रेच्युटी मिलने की समय सीमा को और कम करने की मांग कर रहे हैं। रिर्पोट के अनुसार इसको लेकर सभी पक्षों से बातचीत चल रही है और इस संबंध में कोई फैसला जल्द ही ले लिया जाएगा।
इस्टेब्लिशमेंट पर कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या में भी बदलाव का विचार
इसके साथ ही सरकार ग्रेच्युटी के लिए इस्टेब्लिशमेंट पर कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा में भी बदलाव पर विचार किया जा रहा है। जी न्यूज वेब पोर्टल ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि नियमित कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी की समयसीमा कम होना अब बस कुछ समय की बात रह गई है क्योंकि तकनीकि रुप से अब इसे कम करना ही होगा। खासकर तब जब फिक्सड् टर्म एंप्लामेंट का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। इसमें यह प्रावधान है कि फिक्सड् टर्म एंप्लाई को भी नियमित कर्मचारी की ही तरह सभी सुविधाएं मिलेगी चाहे वो ग्रेच्युटी ही क्यों न हों। जानिए क्या होती है ग्रच्युटी जो कटती है सैलरी से
फिक्सड् टर्म एंप्लामेंट
फिक्सड् टर्म एंप्लामेंट पर जारी किए गए गैजेट नोटिफिकेशन के शेड्यूल 1A के पैराग्राफ 3 के अनुसार Fixed Term Employee को भी स्थायी कर्मचारी को मिलने वाली सारी सुविधाएं और लाभ मिलेंगे। साथ ही कर्मचारी के लिए मौजूद सभी कानूनी लाभों को भी उसके द्वारा दी गई सेवा की अवधि के अनुसार आनुपातिक रुप से प्राप्त करने का हकदार होगा। भले ही उसकी नियुक्ति की अवधि कानून में अपेक्षित योग्यता की अवधि तक नहीं बढ़ाई जाती है। इसका मतलब है कि कर्मचारी जितने समय काम करेगा उसके अनुपात में उसके ग्रेच्युटी की रकम भी दी जाएगी। 20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री, सदन में बिल पास
ग्रेच्युटी के बारे में
किसी कंपनी में काम करने के दौरान कर्मचारी के वेतन का एक भाग ग्रेच्युटी (उपदान) के रूप में काटा जाता है। शुरूवाती दौर में यह स्वयं की इच्छा से किया जाता है और पूरी तरह से कर्मचारी पर निर्भर करता है। ग्रेच्युटी अधिनियम, 1972 में प्रत्येक कंपनी, जिसमें दस से अधिक कर्मचारी हैं, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य है। इस अधिनियम में कर्मचारी वह हैं जिन्हें कंपनी वेतन पर रखती है। ग्रेच्युटी कर्मचारी के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की राशि के आधार पर दी जाती है। 7वां वेतन आयोग: ग्रेच्युटी अधिनियम-2018 पूरे देश में लागू
ग्रेच्युटी अधिनियम 2018 पूरे देश में लागू
ग्रेच्युटी का भुगतान (संशोधन) अधिनियम 2018 को 29 मार्च को पूरी तरह से लागू कर दिया गया है। बिल को लोकसभा ने 15 मार्च 2018 और राज्य सभा ने 22 मार्च 2018 को पारित किया था, अब संशोधित ग्रेच्युटी बिल को 29 मार्च 2018 से लागू कर दिया गया है। आइए जानते हैं इससे होने वाले फायदे।
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