अब म्यूचुअल फंड खरीदना होगा सस्ता, पढ़िए सेबी के अन्य अहम फैसले
प्रतिभूति बाजार नियामक सेबी ने बुधवार को कॉरपोरेट प्रशासन में सुधार के लिए कोटक समिति द्वारा सुझाई गई ज्यादातर सिफारिशों को मंजूरी प्रदान कर दी है। सेबी ने बुधवार कॉरपोरेट गवर्नेंस और निवेशकों के हित के लिए बड़े फैसले किए हैं। बोर्ड ऑफ डायरेक्टर की संख्या घटाने को मंजूरी दे दी गई। सेबी की आज की अहम बैठक में कोटक समिति की 80 में से 40 सिफारिशें मान ली गई हैं।
इसके साथ ही एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग को मजबूत करने तथा एमएफ (म्यूचुअल फंड) रूट से भागीदारी को प्रोत्साहित करनेवाली सिफारिशों को भी मंजूरी प्रदान की गई है। सेबी के अध्यक्ष अजय त्यागी के मुताबिक, नियामक बोर्ड ने कोटक समिति की कई सिफारिशों को मंजूरी दे दी।
सेबी बोर्ड के बैठक में म्युचुअल फंड की लागत घटाने के फैसले को मंजूरी दे दी गई है। जिससे म्यूचुअल फंड में निवेश करना सस्ता हो गया है। म्यूचुअल फंड की लागत घटाकर 0.05 फीसदी करने को मंजूरी दे दी गई है। इसके साथ ही शेयर बायबैक के नियमों पर जनता से सुझाव मांगे गए हैं।
सेबी के अधिकारियों ने बताया कि, बिना किसी संशोधन के सिफारिशों को स्वीकार किया गया है, जिसमें लिस्टेड संस्था निदेशकों की अधिकतम संख्या को 10 से घटाकर 8 करना, स्वतंत्र निदेशकों के लिए पात्रता मानदंडों का विस्तार और 2019-20 से प्रभावी होने वाले समेकित त्रैमासिक परिणामों को अनिवार्य रुपए जारी करना शामिल हैं।
भारत में सूचीबद्ध संस्थाओं के कॉरपोरेट प्रशासन में सुधार की सिफारिशों के लिए नियामक ने 2017 के जून में कोटक समिति का गठन किया था।