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20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री, प्राइवेट सेक्टर के लिए खुशखबरी

By Ashutosh
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प्राइवेट सेक्टर में काम रहे कर्मचारियों के लिए खुशखबरी भरी खबर आई है। लोकसभा में गुरुवार को ग्रेच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 पास हो गया है। इस बिल से प्राइवेट सेक्टर में काम रहे लोगों को काफी फायदा होगा। इस विधेयक में केंद्र सरकार ने 20 लाख रुपए तक की ग्रेच्युटी को टैक्स फ्री कर दिया है।

खुशखबरी, अब 20 लाख तक की ग्रेच्युटी टैक्स फ्री!

लोकसभा में पेश हुआ बिल

लोकसभा में श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने ग्रच्युटी भुगतान संशोधन विधेयक 2017 पारित करने के लिए पेश किया, जिसके बाद विपक्षी दल हंगामा करने लगे। विपक्षी दलों ने इस बिल पर मत विभाजन की मांग की थी लेकिन हंगामे के बीच ऐसा नहीं हो सका। बाद में लोकसभा में ये बिल ध्वनिमत से पारित हो गया।

20 लाख तक हुई टैक्स छूट की सीमा

आपको बता दें कि अब तक असंगठित क्षेत्र में काम रहे लोगों को 5 साल या इससे ज्यादा समय तक नौकरी करने या 5 साल की नौकरी पूरी करने के बाद नौकरी छोड़ने पर 10 लाख रुपए की ग्रेच्युटी के योग्य माना जाता है। अब इस बिल के पास हो जाने के बाद ये सीमा 20 लाख रुपए तक पहुंच जाएगी। सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के बाद केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिये ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया गया।

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पहले 10 लाख थी ग्रेच्युटी की राशि

ग्रैच्‍युटी की रकम नौकरी के प्रत्‍येक वर्ष के लिए 15 दिन के वेतन के आधार पर तय की जाती है। इसकी अधिकतम सीमा अभी 10 लाख रुपए है जो 2010 में तय की गई थी। केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद ग्रैच्‍युटी की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़कर 20 लाख रुपए की गई है।

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क्या है ग्रेच्युटी

किसी कंपनी में काम करने के दौरान कर्मचारी के वेतन का एक भाग ग्रेच्युटी (उपदान) के रूप में काटा जाता है। शुरूवाती दौर में यह स्वयं की इच्छा से किया जाता है और पूरी तरह से कर्मचारी पर निर्भर करता है। ग्रेच्युटी अधिनियम, 1972 में प्रत्येक कंपनी, जिसमें दस से अधिक कर्मचारी हैं, कर्मचारियों को ग्रेच्युटी देने के लिए बाध्य है। इस अधिनियम में कर्मचारी वह हैं जिन्हें कंपनी वेतन पर रखती है। ग्रेच्युटी कर्मचारी के मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते की राशि के आधार पर दी जाती है।

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कैसे जोड़ें ग्रेच्युटी

कर्मचारी के ग्रेच्युटी का कैल्क्युलेशन ग्रेच्युटी अधिनियम, 1972 के तहत कवर किया जाता है। जब कोई कर्मचारी इस कानून के तहत कवर किया जाता है, तो उसकी 15 दिनों के वेतन या मजदूरी को, जितने साल काम किया है, उसे मल्टीप्लाई किया जाता है।

ग्रेच्युटी = अंतिम बेसिक सैलरी x15/26 x सेवा के वर्ष।

यानी अगर आपकी बेसिक सैलरी 6000 रुपए है और आप कंपनी में 8 साल बाद नौकरी छोड़ते हैं, तो आपको मिलने वाली ग्रच्युटी होगी= (6000X15/26) X 8 = 27,693 रुपए।

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कब मिलती है ग्रेच्युटी

  • पेंशन या सेवानिवृत्ति होने पर
  • इस्तीफे होने पर निष्कासन होने पर
  • दुर्घटना या बीमारी की वजह से मौत या अपंगता के कारण
  • छंटनी होने पर
  • स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने पर

English summary

Gratuity Amendment Bill 2017 Passed In Loksabha

Minister of State for Labour, Santosh Kumar Gangwar moved The Payment of Gratuity (Amendment) Bill, 2017, which was passed through a voice vote in the din.
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