ये हैं भारत के फ्री रेस्टोरेंट, पेट भर खाइए, मन करे तो बिल चुकाइए!
भारत में कुछ ऐसे रेस्टोरेंट हैं जहां खाना खाने के लिए आपको पैसे नहीं देने पड़ेंगे। इन रेस्टोरेंट की में आपको लंच या डिनर के बाद किसी तरह का कोई बिल नहीं देना होगा। मजे की बात ये है कि ये रस्टोरेंट स्वादिष्ट और अच्छी क्वालिटी का भोजन देते हैं। आइए जानते हैं देश के ऐसे ही कुछ फ्री रेस्टोरेंट के बारे में।
सेवा कैफे
गुजरात सबसे आधुनिक शहर अहमदाबाद में सेवा कैफे नाम का एक रेस्टोरेंट है। इस रेस्टोरेंट में आप पेट भर के भोजन कर सकते हैं। सेवा कैफे को काफी खूबसूरती से बनाया गया है। साथ ही यहां लोगों को भोजन भी बड़े ही सलीके के साथ परोसा जाता है।
12 वर्षों से फ्री सेवा
अहमदाबाद में सेवा कैफे पिछले 11-12 वर्षों से लगातार चल रहा है। इस रेस्टोरेंट में ग्राहकों पर निर्भर करता है कि वह सेवा कैफे में भोजन के बाद पैसे देना चाहते हैं या नहीं। आम तौर पर ग्राहक अपनी मर्जी से पैसे देते हैं जिसे सेवा कैफे दान या सहायता के रुप में स्वीकार करता है।
स्वेच्छा से दे सकते हैं पैसे
सेवा सदन को दो एनजीओ ग्राम श्री और स्वच्छ सेवा मिलकर चला रहे हैं। इस कैफे में भोजन को एक तोहफे के रूप में दिया जाता है, जिसका कोई मोल नहीं होता है। सेवा कैफे में भोजन बनाने वाले और परोसने वाले कर्मचारी इतने शालीन हैं कि उनके सेवाभाव से खुश होकर ग्राहक उन्हे दान स्वरुप कुछ राशि दे जाते हैं।
सिर्फ 3 घंटे के लिए खुला रहता है सेवा कैफे
सेवा कैफे प्रत्येक गुरुवार से रविवार तक शाम 7 बजे से लेकर रात 10 बजे तक खुला रहता है। इसका लक्ष्य रहता है कि इन तीन घंटों में 50 लोगों को भोजन करा दिया जाए। सेवा कैफे अपने ग्राहकों को कई तरह के तोहफे भी देता है।
कर्म काफे
गुजरात के ही अहमदाबाद में एक और रेस्टोरेंट है 'कर्म काफे' इस रेस्टोरेंट को पूरी तरह से गांधीवादी विचारों पर शुरु किया गया है। यहां आपको गांधी जी के नवजीवन प्रेस से जुड़ी चीजें देखने को मिलेंगी साथ ही आपको गांधी वादी विचारों से जुड़ी तमाम किताबे भी पढ़ने की सुविधा मिलेगी।
गांधीवादी विचारों पर आधारित रेस्टोरेंट
कर्म काफे प्रत्येक शनिवार से रविवार तक शाम 7 बजे से 9 बजे के बीच खुला रहता है। इस रेस्टोरेंट में आपको हर शनिवार 'गांधी थाली' मिलेगी। कर्म काफे का पूरा कॉन्सेप्ट बुफे सिस्टम पर आधारित है।
125 लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था
कर्म काफे में हर रोज 125 लोगों के लिए भोजन बनाया जाता है। इसमें पहले आइए, पहले पाइए की व्यवस्था पर काम किया जाता है। कर्म काफे भी लोगों से किसी तरह का चार्ज नहीं नहीं लेता है। आम तौर पर लोग खुद ही पैसे दे देते हैं। यहां किसी भी तरह का कोई मेन्यू कार्ड नहीं है और रेट लिस्ट कहीं नहीं लगी है।
भोजन, विचार और किताबें
कर्म काफे में आप भोजन के अलावा किताबें भी पढ़ सकते हैं, गांधी जी से जुड़ी चीजें भी देख सकते हैं, साथ ही गांधीवादी विचारकों के साथ बैठकर विभिन्न विषयों पर चर्चा भी कर सकते हैं।
केरल में भी फ्री भोजन की व्यवस्था
गुजरात के बाद अब चलते हैं भारत के सुदूर दक्षिणी राज्य केरल में। केरल भारत का तटीय राज्य है और यहां की 100 प्रतिशत आबादी साक्षर है। केरल में ही सरकार की तरफ से हर रोज 2000 लोगों के फ्री भोजन की व्यवस्था की जाती है।
भोजन बिल्कुल फ्री
यह रेस्टोरेंट केरल के पथिराप्पल्ली में स्थित है। यहां भी आपको खाने के लिए किसी तरह का बिल नहीं चुकाना पड़ेगा। खास बात ये है कि यहां पर किसी तरह का कोई बिल या कैश काउंटर नहीं है।
योगदान देते हैं कार्यकर्ता
इस रेस्टोरेंट को वामपंथी विचारों वाली पार्टी सीपीआई एम की तरफ से स्नेहजालाकम नाम की संस्था चला रही है। पार्टी के कार्यकर्ता यहां भोजन एवं रखरखाव में योगदान भी करते हैं।
केरल के वित्तमंत्री का आइडिया
केरल के वित्तमंत्री थॉमस आइसेक ये आइडिया लेकर आए थे और उनका मानना है कि अगर कोई भूखा है तो उसे भोजन जरूर मिलना चाहिए, वह कहते हैं कि अगर कोई भूखा है तो वह इस रेस्टोरेंट में आकर बिना पैसे दिए भोजन कर सकता है।
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ये हैं देश के कुछ चुनिंदा रेस्टोरेंट जहां रेस्टोरेंट पैसे कमाने के लिए नहीं बल्कि लोगों की भूख मिटाने के लिए खुले हुए हैं। आपको हमारी ये स्टोरी कैसी लगी हमें जरूर बताएं साथ ही व्यापार-वित्त से जुड़ी खबरों से जुड़े रहने के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज और, ट्विटर पर हमें फॉलो करें।