'कंगाल' पाकिस्तान को चाहिए 1 अरब डॉलर का कर्ज!
आर्थिक रुप से कंगाल हो चुका पाकिस्तान अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने की बजाय और कर्ज लेने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था कर्ज पर ही निर्भर हो चुकी है। ऐसे में पाकिस्तान एक ऐसा डूबता हुआ जहाज बन चुका है जहां कोई निवेश नहीं करना चाहता है, सिवाय एक देश के और वो है चीन।
पाकिस्तान के हर मर्ज का इलाज है चीन!
चीन अपने हितों के लिए पाकिस्तान का सहयोगी बना हुआ है। वहीं पाकिस्तान अब चीन से अपनी माली हालत सुधारने के लिए और कर्ज मांगने पर विचार कर रहा है। सब जानते हैं कि चीन दुनिया भर में कर्ज देने के लिए प्रसिद्ध हो चुका है पर उसके कर्ज की ब्याज दरें बहुत ऊंची होती है और पाकिस्तान जैसे किसी गरीब देश के लिए चीन का कर्ज चुकाना बहुत मुश्किल हो जाता है।
1 अरब डॉलर का चाहिए कर्ज
पर इन बातों की परवाह किए बिना पाकिस्तान चीन से 1 अरब डॉलर का कर्ज लेने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान, चीन के वित्तीय संस्थानों से 1 अरब डॉलर की रकम विदेशी व्यवसायिक ऋण के रूप में लेने के लिए बातचीत कर रहा है। खबरों के मुताबिक, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट के बीच पाकिस्तान की सरकार ऋण की अवधि को लेकर सौदेबाजी में जुटी है और दोनों देशों के बीच मार्च तक करार हो जाने की उम्मीद है।
पहले ही 2.3 अरब डॉलर का कर्ज ले चुका है पाकिस्तान
पाकिस्तान ने पिछले तीन महानों में इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चायना (आईसीबीसी) से 1 अरब डॉलर का कर्ज पहले भी लिया है। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान की सरकार ने तीन चीनी वित्तीय संस्थानों से 2.3 अरब डॉलर का कर्ज लिया।
विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट रोकने लिए कर्ज
अन्य जानकारी के मुताबिक, कर्ज के अलावा पाकिस्तान विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट को थामने के लिए एक चीनी बैंक से 20 करोड़ डॉलर पाने की उम्मीद कर रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान सरकार ने वित्तपोषण के आसान लेकिन अपेक्षाकृत महंगे श्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया है।
बहुत चालाक है चीन!
आपको बता दें कि चीन अपना कर्ज वसूलने के लिए विभिन्न तरह के हथकंडे अपनाता है। हाल ही में चीन ने श्रीलंका से कर्ज के बदले उसके हंबंटोटा बंदरगाह को ही 99 साल की लीज पर ले लिया है। श्रीलंका सरकार को चीन ने अरबों डॉलर का कर्ज दे रखा है, जिसे नहीं चुका पाने के बदले में चीन ने ये बंदरगाह बड़ी ही चतुराई से हथिया लिया है।